उत्तराखंड के गृह विभाग की अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने यूपी पुलिस पर बेकसूर लोगों को गिरफ़्तार कर उन्हें अपराधी ठहराने का गंभीर आरोप लगाया है. उनका यह बयान ऐसे समय आया है, जब एक खनन माफिया को गिरफ़्तार करने गई मुरादाबाद पुलिस और ग्रामीणों के बीच हुई गोलीबारी में स्थानीय भाजपा नेता और ब्लॉक प्रमुख की पत्नी की मौत हो गई थी.
देहरादून/लखनऊ: उत्तराखंड के गृह विभाग की अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सोमवार को उत्तर प्रदेश पुलिस पर बेकसूर लोगों को गिरफ्तार कर उन्हें अपराधी ठहराने का गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि आपराधिक मामलों की ठीक ढंग से विवेचना की जानी चाहिए और निर्दोष की बजाय दोषी को सजा दी जानी चाहिए.
उत्तर प्रदेश पुलिस ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए इसे गैर जिम्मेदाराना करार दिया है.
रतूड़ी ने देहरादून में संवाददाताओं से बातचीत में उत्तर प्रदेश पुलिस का जिक्र करते हुए कहा, ‘अनेक बार वह (उत्तर प्रदेश पुलिस) निर्दोष लोगों को पकड़ लेती है और उन्हें दोषी बताती है. ऐसा नहीं होना चाहिए. एक निर्दोष व्यक्ति को पकड़ने से गलत हरकत करने वाले 99 लोग पैदा हो सकते हैं.’
Uttarakhand | What was discussed during the press conference was that when a crime happens, the investigation should be done in a fair way & stern action should be taken against the guilty: Radha Raturi, ACS Home, on her statement on UP Police pic.twitter.com/uHiJMQxkTT
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) October 17, 2022
उन्होंने आपराधिक मामलों की ठीक से विवेचना की जानी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि दोषी व्यक्ति सजा से बच न सके और निर्दोष व्यक्ति पर मुकदमा न दर्ज हो.
उत्तराखंड के पुलिस अधिकारियों को उधम सिंह नगर के साथ साथ कुछ अन्य इलाकों में हुई कुल तीन घटनाओं को तीन दिन के अंदर सुलझाने का अल्टीमेटम दिए जाने के बारे में पूछे गए सवाल पर रतूड़ी ने कहा, ‘ऐसा कोई अल्टीमेटम नहीं दिया गया है. उनसे इन मामलों की ढंग से विवेचना कर दोषी लोगों को सजा दिलाने को कहा गया है.’
इस बीच, उत्तराखंड की अपर मुख्य सचिव के इस बयान पर उत्तर प्रदेश पुलिस ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है.
उत्तर प्रदेश के अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने लखनऊ में कहा, ‘उत्तर प्रदेश पुलिस ने उत्तराखंड के गृह विभाग की अपर मुख्य सचिव का बयान देखा और सुना है. उन्होंने तथ्यों को जाने बगैर एक गैर जिम्मेदाराना बयान दिया है. एक लोक सेवक को ऐसे बयानों से परहेज करना चाहिए. खासतौर पर तब जब वह देश के सबसे बड़े और संवेदनशील राज्य से जुड़ा मामला हो.’
उन्होंने कहा, ‘यह बयान खेदजनक है और तथ्यों पर आधारित नहीं है. क्या अपर मुख्य सचिव की नजर में मुख्तार अंसारी और विजय मिश्रा निर्दोष हैं, जिन्हें अदालतों ने सजा सुनाई है. क्या वांछित खनन माफिया जफर और उधम सिंह नगर का वरिष्ठ ब्लाक प्रमुख उनकी नजर में बेकसूर हैं.’
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस के बारे में उत्तराखंड की अपर मुख्य सचिव का यह बयान दुर्भाग्यपूर्ण है.
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है और उसने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की है.
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, इसके बाद रतूड़ी ने कहा कि सभी पुलिस विभाग अच्छा काम कर रहे हैं, उन्हें उम्मीद है कि कोई भी निर्दोष किसी भी मामले में नहीं फंसेगा और पुलिस केवल दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करेगी.
उन्होंने कहा, ‘प्रेस कांफ्रेंस में इस बात पर चर्चा हुई कि जब कोई अपराध होता है तो निष्पक्ष तरीके से जांच की जाए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए.’
उन्होंने कहा, ‘यूपी पुलिस और उत्तराखंड पुलिस सहित सभी राज्य पुलिस अच्छा काम कर रही है. मुझे उम्मीद है कि कोई भी निर्दोष किसी भी मामले में नहीं फंसेगा और पुलिस को केवल दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए.’
उत्तराखंड के गृह विभाग की अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी का यह बयान ऐसे समय आया है, जब जफर नाम के एक खनन माफिया को गिरफ्तार करने गई मुरादाबाद पुलिस और ग्रामीणों के बीच पिछली 12 अक्टूबर को हुई गोलीबारी में स्थानीय भाजपा नेता और ब्लॉक प्रमुख गुरताज भुल्लर की पत्नी गुरप्रीत कौर की मौत हो गई थी.
मृतक के परिवार द्वारा शिकायत दर्ज करवाने के बाद उत्तराखंड पुलिस ने उत्तर प्रदेश पुलिस के 10-12 कर्मचारियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 147 (दंगा), 148 (दंगा, घातक हथियार से लैस), 149 (गैरकानूनी सभा), 302 (हत्या), 452 (चोट, हमला की तैयारी के साथ किसी के घर में घुसना), 504 (शांति भंग करने के इरादे से जान-बूझकर अपमान) और 120बी (आपराधिक साजिश) के तहत मामला दर्ज किया है.
उत्तराखंड के उधम सिंह नगर पुलिस का आरोप था कि मुरादाबाद पुलिस ने स्थानीय पुलिस को अपने आने के बारे में कोई सूचना नहीं दी थी और उसकी लापरवाही से यह वारदात हुई. इस घटना के बाद से ही उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की पुलिस के बीच गतिरोध जारी है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)