मराठवाड़ा के नांदेड ज़िले का एक अन्य किसान क़र्ज़ की वजह से परेशान था, वहीं ओडिशा में आत्महत्या करने वाले किसान की फसल ख़राब हो गई थी.
मुंबई: महाराष्ट्र के मराठवाड़ा इलाके में क़र्ज के बोझ से दबे दो किसानों के आत्महत्या कर लेने की ख़बर है. स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने बताया कि परभणी ज़िले के पथरी तहसील के बाभुलगांव के रहने वाले बाला साहेब निवरुत्ती रानेर (32) ने 23 अक्टूबर की दोपहर अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.
रानेर बैंक ऋण का भुगतान नहीं कर पाने के कारण परेशान थे, जबकि उनकी फसल लगातार तीन साल से ख़राब हो रही थी.
पुलिस ने बताया कि आत्महत्या करने के समय वह अपने घर में अकेले थे. उस सयम उनके माता-पिता और दो भाई खेत गए हुए थे. पुलिस अधिकारी ने बताया कि रानेर ने मानविकी से परास्नातक डिग्री हासिल की थी. इसके अलावा उन्होंने बीएड भी किया था, लेकिन उन्हें उपयुक्त नौकरी नहीं मिली थी.
उन्होंने बताया कि उसने बैंक आॅफ महाराष्ट्र से 1,72,543 रुपये का क़र्ज़ लिया था. इसके अलावा उन्होंने परभणी ज़िला सहकारिता बैंक से भी 5,000 रुपये का क़र्ज़ लिया था. मामले की जांच करने वाले पुलिस उप-निरीक्षक आवेज़ काज़ी ने बताया आत्महत्या करने से पहले रानेर ने अपनी हताशा के बारे में मां से बात की थी. उन्होंने खाना भी छोड़ दिया था.
काज़ी ने कहा, शुरुआती जांच के दौरान हमने पाया कि उन्होंने बैंक के क़र्ज़ का भुगतान नहीं कर पाने और फिर से फसल ख़राब हो जाने की हताशा के कारण आत्महत्या की. अधिकारी ने बताया कि पुलिस स्थानीय तहसील कार्यालय से यह पता लगाने को कहेगी कि क्या उनका नाम राज्य सरकार की ऋण माफी योजना के लाभार्थियों सूची में शामिल था.
एक अन्य घटना में, नांदेड ज़िले के कंकड़ी के रहने वाले खंडेराव सम्भाजी पवार (32) ने 24 अक्टूबर की रात एक पेड़ से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. पुलिस ने बताया कि 25 अक्टूबर की सुबह इस घटना का पता चला.
पवार ने एक बैंक से 45,000 रुपये का ऋण ले रखा था और ज़ाहिर तौर पर ऋण का भुगतान नहीं कर पाने के कारण वह तनाव में था. नांदेड ग्रामीण पुलिस इस मामले की जांच कर रही है.
उल्लेखनीय है कि राज्य में महाराष्ट्र सरकार की ऋण माफी योजना 18 अक्टूबर से लागू है.
ओडिशा में फसल बर्बाद होने से परेशान किसान ने आत्महत्या की
भुवनेश्वर: ओड़िशा में बारगढ़ ज़िले के मालमुंडा गांव में सूखे जैसी स्थितियों के बीच फसल बर्बाद होने के कारण एक किसान ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली. पुलिस ने गुरुवार को बताया कि इंद्र बरिहा ने रविवार को जहर पी लिया था. गुरुवार सुबह ज़िला मुख्यालय के सरकारी अस्पताल में इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया.
मृतक किसान की पत्नी तुलसी बरिहा ने बताया कि उनके पति ने पांच एकड़ भूमि में धान की फसल के लिए गांव के किसी साहूकार से एक लाख रुपये का क़र्ज़ लिया था. उन्होंने बताया, सूखे के कारण फसल बर्बाद होने से वह बहुत परेशान थे.
उन्हें डर था कि वह ऋण की अदागयी नहीं कर पाएंगे. इसलिए उन्होंने ज़हर पीकर अपना जीवन समाप्त करने की कोशिश की. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि राज्य के कृषि मंत्री दामोदर राउत ने गुरुवार को इस घटना पर रिपोर्ट मांगी है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)