इलेक्टोरल ट्रस्टों द्वारा चुनाव आयोग को सौंपी गई योगदान रिपोर्ट बताती हैं कि सबसे अमीर चुनावी ट्रस्ट प्रूडेंट ने 26 किश्तों में भाजपा को कुल 336.5 करोड़ रुपये का चंदा दिया, जबकि कांग्रेस को 16.5 करोड़ रुपये दिए, जो क्षेत्रीय दलों को दी गई राशि से भी कम है.
नई दिल्ली: वित्त वर्ष 2021-22 में प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट ने विभिन्न राजनीतिक दलों को 464.81 करोड़ रुपये का चंदा दिया. इसमें से सर्वाधिक 336.5 करोड़ रुपये का चंदा सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को मिला.
निर्वाचन आयोग को सौंपी गई योगदान रिपोर्ट के मुताबिक, 2021-22 में ट्रस्ट को कॉरपोरेट घरानों सहित विभिन्न स्रोतों से 464.83 करोड़ रुपये प्राप्त हुए और उसने 464.81 करोड़ रुपये दान किए.
प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट को सबसे अमीर चुनावी ट्रस्ट में से एक माना जाता है. साल 2021-22 में उसने भाजपा को 26 किस्तों में कुल 336.5 करोड़ रुपये का चंदा दिया.
प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट ने कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (आप), शिरोमणि अकाली दल (शिअद), तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस), समाजवादी पार्टी (सपा), वाईएसआर कांग्रेस, गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी) और अमरिंदर सिंह की पंजाब लोक कांग्रेस (पीएलसी) को भी चंदा दिया जिसका अब भाजपा में विलय हो चुका है.
कांग्रेस को ट्रस्ट से 16.5 करोड़ रुपये, ‘आप’ को 16.31 करोड़ रुपये, शिअद को सात करोड़ रुपये, पीएलसी को एक करोड़ रुपये, टीआरएस को 40 करोड़ रुपये, सपा को 27 करोड़ रुपये, वाईएसआर कांग्रेस को 20 करोड़ रुपये और जीएफपी को 50 लाख रुपये हासिल हुए.
कोविशील्ड टीके का निर्माण करने वाले सीरम इंस्टिट्यूट ने ट्रस्ट को 45 करोड़ रुपये, जबकि हीटरो ड्रग्स लिमिटेड और हीटरो लैब्स लिमिटेड ने पांच-पांच करोड़ तथा टॉरेंट फार्मा ने दो करोड़ रुपये दान किए.
भारती एयरटेल और उसकी सहयोगी कंपनियों ने ट्रस्ट को 52.5 करोड़ रुपये का योगदान दिया. वहीं, आर्सेलर मित्तल डिजाइन एंड इंजीनियरिंग सेंटर प्राइवेट लिमिटेड और आर्सेलर मित्तल निप्पन स्टील इंडिया लिमिटेड ने मिलकर ट्रस्ट को 130 करोड़ रुपये प्रदान किए.
वहीं, टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट बताती हैं कि वर्ष 2021-22 में पांच इलेक्टोरल ट्रस्ट को 481 करोड़ रुपये से अधिक की राशि प्राप्त हुई, जिसमें से 72 फीसदी उन्होंने भाजपा को दी, वहीं, कांग्रेस को केवल 3.8 फीसदी राशि प्राप्त हुई.
पांचों ट्रस्ट ने चुनाव आयोग को सौंपी अपनी हालिया रिपोर्ट में यह बताया है.
2020-21 में सात इलेक्टोरल ट्रस्ट ने साथ मिलकर 258.4 करोड़ रुपये का चंदा दिया था, जिसमें भाजपा को 212.5 करोड़ (82 फीसदी) और कांग्रेस को 5.4 करोड़ (2.1) फीसदी राशि मिली थी.
रिपोर्ट फाइल करने वाले 13 में से 8 इलेक्टोरल ट्रस्ट ने 2021-22 में राजनीतिक दलों को दी गई राशि ‘शून्य’ दिखाई है.
प्रूडेंट और एबी जनरल इलेक्टोरल ट्रस्ट, इन दोनों ट्रस्ट की बात करें तो 2021-22 में भाजपा को इनसे 346.5 करोड़ रुपये मिले, जबकि कांग्रेस इस मामले में बेहद पीछे रही. उसे इन दोनों ट्रस्ट से कुल 18.4 करोड़ रुपये प्राप्त हुए.
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस से अधिक राशि तो क्षेत्रीय दलों को मिली. इस दौरान ‘आप’, जिसका दिल्ली और पंजाब में कार्यालय है, 21.1 करोड़ रुपये मिले, जिसमें प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट से 16.3 करोड़ और इंडिपेंडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट से 4.8 करोड़ रुपये मिले.
एबी जनरल इलेक्टोरल ट्रस्ट ने कुल 10 करोड़ रुपये बांटे, जो सिर्फ भाजपा को दिए गए. दिल्ली के इंडिपेंडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट ने अपना सारा चंदा- 4.8 करोड़ रुपये ‘आप’ को दिया.
2020-21 में भाजपा को प्रूडेंट से 209 करोड़, जयभारत इलेक्टोरल ट्रस्ट से 2 करोड़, समाज इलेक्टोरल ट्रस्ट से 1 करोड़ और आइंजिगर्टिग इलेक्टोरल ट्रस्ट प्रूडेंट से 5 लाख रुपये प्राप्त हुए.
दूसरी तरफ कांग्रेस को 2020-21 में 5.4 करोड़ रुपये मिले थे, जिसमें से 2 करोड़ प्रूडेंट से, 3.3 करोड़ छोटे दान से मिले और 12 लाख रुपये जनप्रगति इलेक्टोरल ट्रस्ट से मिले.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)