चीन ने पिछले दो दिनों में पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के प्रमुख हाफ़िज़ सईद के बेटे हाफ़िज़ तलाह सईद और लश्कर सदस्य शाहिद महमूद को काली सूची में डालने के भारत और अमेरिका के प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र में बाधित किया है. चीन ने किसी आतंकवादी को प्रतिबंधित सूची में डालने के प्रयास पर चार महीने में चौथी बार रोक दिया है.
संयुक्त राष्ट्र: चीन ने पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के प्रमुख हाफिज सईद के बेटे हाफिज तलाह सईद को काली सूची (Black List) में डालने के भारत और अमेरिका के प्रस्ताव को बुधवार को संयुक्त राष्ट्र में बाधित किया.
दो दिन में चीन का यह इस तरह का दूसरा कदम है. चीन ने वैश्विक संगठन में किसी आतंकवादी को प्रतिबंधित सूची में डालने के प्रयास को चार महीने के अंदर चौथी बार बाधित किया है.
46 वर्षीय हाफिज तलाह सईद आतंकवादी समूह लश्कर का एक अहम नेता और 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद का बेटा है.
इस साल अप्रैल में उसे भारत सरकार ने आतंकवादी घोषित किया था. बताया जा रहा है कि चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ‘1267 अल कायदा प्रतिबंध समिति’ के तहत प्रस्ताव को बाधित किया.
दो दिन में यह दूसरी बार है, जब चीन ने पाकिस्तानी आतंकवादी को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने की भारत और अमेरिकी की कोशिश में अड़ंगा डाला है.
चीन ने मंगलवार (18 अक्टूबर) को लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी शाहिद महमूद को वैश्विक आतंकवादी की सूची में शामिल कराने के भारत और अमेरिका के प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र में बाधित कर दिया था.
ऐसा बताया जा रहा है कि चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ‘1267 अल कायदा प्रतिबंध समिति’ के तहत 42 वर्षीय महमूद को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के भारत और अमेरिका के प्रस्ताव को बाधित कर दिया है.
अमेरिका के वित्त मंत्रालय ने ‘लश्कर-ए तैयबा के धन जुटाने के प्रयासों व उसके नेटवर्क को बाधित करने के लिए’ महमूद और लश्कर के एक अन्य सदस्य मोहम्मद सरवर को दिसंबर 2016 में वैश्विक आतंकवादी घोषित कर दिया था.
चीन ने ऐसे में भारत और अमेरिका के इस प्रस्ताव को बाधित किया है, जब संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुतारेस भारत यात्रा पर है. उन्होंने मुंबई में 26/11 आतंकवादी हमले में जान गंवाने वाले लोगों को बुधवार को श्रद्धांजलि भी अर्पित की. इस आतंकवादी हमले में अमेरिकी नागरिकों सहित 160 से अधिक लोग मारे गए थे.
अमेरिकी वित्त मंत्रालय की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के अनुसार, महमूद ‘पाकिस्तान के कराची स्थित लश्कर का एक पुराना सदस्य है और वह कम से कम 2007 से संगठन से जुड़ा है. वह जून 2015 से कम से कम जून 2016 तक फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन (एफआईएफ) का उपाध्यक्ष रहा, जो लश्कर की धन जुटाने वाली इकाई है.’
वेबसाइट के अनुसार, 2014 में महमूद कराची में एफआईएफ का सदस्य था. अगस्त 2013 में उसकी पहचान लश्कर की प्रकाशन इकाई के एक सदस्य के तौर पर की गई थी.
रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले महीने चीन ने पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा के शीर्ष आतंकवादी सज्जाद मीर को ब्लैकलिस्ट करने के भारत-अमेरिका के संयुक्त प्रस्ताव को रोक दिया था, जो 2008 के मुंबई आतंकी हमलों के मुख्य संचालकों में से एक था.
अमेरिकी ने उल्लेख किया कि शाहिद महमूद पहले मीर की विदेशी संचालन टीम का हिस्सा था.
मीर को इस साल जून में पाकिस्तान की एक आतंकवाद विरोधी अदालत ने आतंकवाद के वित्तपोषण के एक मामले में 15 साल से अधिक की जेल की सजा सुनाई थी.
चीन ने इस साल जून में पाकिस्तानी आतंकवादी अब्दुल रहमान मक्की को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की प्रतिबंधित सूची में शामिल करने के भारत तथा अमेरिका के संयुक्त प्रस्ताव को आखिरी क्षण में बाधित कर दिया था. मक्की लश्कर-ए-तैयबा के सरगना एवं 26/11 मुंबई हमलों के मुख्य साजिशकर्ता हाफिज सईद का रिश्तेदार है.
चीन ने इस साल अगस्त में जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के भाई एवं पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन के दूसरे नंबर के आतंकवादी अब्दुल रऊफ अजहर को काली सूची में डालने के अमेरिका और भारत के प्रस्ताव में भी टांग अड़ाई थी.
पाकिस्तान में 1974 में जन्मे अब्दुल रऊफ अजहर पर दिसंबर 2010 में अमेरिका ने प्रतिबंध लगाए थे. वह 1999 में ‘इंडियन एयरलाइंस’ के विमान ‘आईसी-814’ को अगवा करने की वारदात का मुख्य साजिशकर्ता था, जिसके एवज में उसके भाई मसूद अजहर को जेल से रिहा कराया गया था.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)