बीते दिनों नवनियुक्त ब्रिटिश प्रधानमंत्री लिज़ ट्रस की सरकार एक आर्थिक कार्यक्रम लेकर आई थी, जिसने बाज़ार में उथल-पुथल मचा दी थी और उन्हें प्रधानमंत्री नियुक्त किए जाने के महज़ छह हफ़्ते बाद ही उनकी कंज़रवेटिव पार्टी विभाजित हो गई थी. इस बीच गृह मंत्री ने इस्तीफ़ा दे दिया था, जबकि वित्त मंत्री को पद से हटा दिया गया था.
लंदन: पिछले कुछ दिनों से जारी राजनीतिक उथल पुथल के बीच ब्रिटेन की प्रधानमंत्री लिज ट्रस ने सत्ता संभालने के महज 45 दिन बाद ही अपना इस्तीफा दे दिया है.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, लिज ट्रस ने गुरुवार को कहा कि वह प्रधानमंत्री के तौर पर इस्तीफा दे रही हैं.
गौरतलब है कि बीते दिनों उनकी सरकार एक आर्थिक कार्यक्रम लेकर आई थी, जिसने बाजार में उथल-पुथल मचा दी थी और उन्हें प्रधानमंत्री नियुक्त किए जाने के महज छह हफ्तों बाद ही उनकी कंजरवेटिव पार्टी विभाजित हो गई थी.
नेतृत्व का चुनाव अगले हफ्ते तक पूरा कर लिया जाएगा.
अपने 10 नंबर डाउनिंग स्ट्रीट ऑफिस के दरवाजे के बाहर बात करते हुए ट्रस ने स्वीकारा कि जब वह कंजरवेटिव नेता की दौड़ में थीं तो उन्होंने जो वादे किए थे, वह उन्हें पूरा नहीं कर सकीं और अपनी पार्टी का विश्वास खो दिया.
उन्होंने कहा, ‘हालात को देखते हुए मैं मानती हूं कि मैं वह जनादेश पूरा नहीं कर सकती, जिसके लिए मुझे कंजरवेटिव पार्टी द्वारा चुना गया था. इसलिए मैंने महाराज (चार्ल्स) से बात करके उन्हें सूचित किया कि मैं कंजरवेटिव पार्टी के नेता के तौर पर इस्तीफा दे रही हूं.’
उन्होंने कहा, ‘आज सुबह मैं 1922 समिति के अध्यक्ष सर ग्राहम ब्रैडी से मिली. हम इस बात पर सहमत हुए कि नेतृत्व का चुनाव अगले सप्ताह के भीतर पूरा किया जाएगा. यह सुनिश्चित करेगा कि यह सुनिश्चित करेगा कि हम अपनी वित्तीय योजनाओं को पूरा करने और अपने देश की आर्थिक स्थिरता और राष्ट्रीय सुरक्षा को बनाए रखने के रास्ते पर बने रहें.’
ट्रस केवल 45 दिनों के लिए प्रधानमंत्री रहीं. किसी भी ब्रिटिश प्रधानमंत्री का यह सबसे छोटा कार्यकाल है. ट्रस देश की तीसरी महिला प्रधानमंत्री थीं.
मालूम हो कि बीते छह सितंबर को दिवंगत महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने कंजरवेटिव पार्टी की नेता लिज ट्रस को औपचारिक रूप से ब्रिटेन का नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया था. बीते पांच सितंबर को विदेश मंत्री रहीं ट्रस ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री पद की दौड़ में शामिल पूर्व वित्त मंत्री ऋषि सुनक को हरा दिया था.
प्रधानमंत्री के रूप में छह हफ्तों में ट्रस को अपने लगभग सभी नीति कार्यक्रमों को छोड़ने के लिए मजबूर किया गया था. वहीं, पिछले शुक्रवार (14 अक्टूबर) से अब तक उन्होंने अपनी सरकार के चार सबसे वरिष्ठ मंत्रियों में से दो को खो दिया था.
लिज ट्रस से पहले उनके गृह मंत्री भारतीय मूल की सुएला ब्रेवरमैन ने भी दिया इस्तीफा
बीते बुधवार को ही भारतीय मूल की ब्रिटिश गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन ने लंदन में मंत्रिस्तरीय संचार के लिए अपने निजी ईमेल का इस्तेमाल करने की गलती के बाद पद से इस्तीफा दे दिया था और सरकार को लेकर चिंता भी जताई थी.
ब्रेवरमैन को 43 दिन पहले ही गृह मंत्री नियुक्त किया गया था, जब ब्रिटेन की प्रधानमंत्री लिज ट्रस ने 10 डाउनिंग स्ट्रीट में कार्यभार संभाला था. इससे पहले ब्रेवरमैन की बुधवार को प्रधानमंत्री ट्रस के साथ बैठक हुई.
42 वर्षीय ब्रेवरमैन ने अपने ट्विटर हैंडल पर त्याग-पत्र पोस्ट किया. उन्होंने कहा, ‘मैंने गलती की. मैं इसकी जिम्मेदारी स्वीकार करती हूं.’
My letter to the Prime Minister. pic.twitter.com/TaWO1PMOF2
— Suella Braverman MP (@SuellaBraverman) October 19, 2022
ब्रेवरमैन ने कहा, ‘मैंने अपने व्यक्तिगत ईमेल से एक विश्वसनीय संसदीय सहयोगी को एक आधिकारिक दस्तावेज भेजा… जैसा कि आप जानते हैं, दस्तावेज आव्रजन के बारे में मंत्रिस्तरीय बयान था, जिसका प्रकाशन होना था.’
उन्होंने कहा, ‘फिर भी मेरा जाना सही है. जैसे ही मुझे अपनी गलती का एहसास हुआ, मैंने तुरंत आधिकारिक माध्यम से कैबिनेट सचिव को सूचित किया.’
उन्होंने कहा, ‘हम एक कठिन समय से गुजर रहे हैं. मुझे इस सरकार के संचालन को लेकर चिंता है.’
ब्रेवरमैन ने कहा, ‘न केवल हमने अपने मतदाताओं से किए गए प्रमुख वादों को तोड़ा है, बल्कि मुझे घोषणा-पत्र से जुड़ीं प्रतिबद्धताओं को पूरा करने की इस सरकार की प्रतिबद्धता के बारे में गंभीर चिंता है, जैसे कि समग्र प्रवासन संख्या को कम करना और अवैध प्रवास, विशेष रूप से खतरनाक छोटी नावों से आव्रजन को रोकना.’
दक्षिण-पूर्व इंग्लैंड के फारेहम से संसद में कंजरवेटिव पार्टी की सदस्य ब्रेवरमैन ने बोरिस जॉनसन के नेतृत्व वाली सरकार में अटॉर्नी जनरल के रूप में कार्य किया था.
दो बच्चों की मां ब्रेवरमैन हिंदू तमिल मां उमा और गोवा मूल के पिता क्रिस्टी फर्नांडिस की बेटी हैं. उनकी मां मॉरीशस से ब्रिटेन आई थीं, जबकि उनके पिता 1960 के दशक में केन्या से लंदन पहुंचे थे.
ब्रेवरमैन बौद्ध अनुयायी हैं, जो नियमित रूप से लंदन बौद्ध केंद्र में जाती हैं और उन्होंने भगवान बुद्ध के उपदेशों के ‘धम्मपद’ ग्रंथ पर संसद में पद की शपथ ली थी.
पिछले शुक्रवार को क्वासी क्वार्टेंग को वित्त मंत्री पद से हटा दिया गया था और उनके उत्तराधिकारी वित्त मंत्री जेरेमी हंट ने सोमवार को सरकार के मिनी-बजट में कटौती कर दी. इस कदम से प्रधानमंत्री ट्रस के नेतृत्व के लिए संकट और बढ़ गया था.
जोर पकड़ रही थी प्रधानमंत्री ट्रस को हटाने की मांग
एक वरिष्ठ मंत्री के इस्तीफे और संसद के निचले सदन में सदस्यों द्वारा जमकर आलोचना के गुरुवार के घटनाक्रम के बाद ट्रस के पद पर बने रहने को लेकर संशय पैदा हो गया था.
गौरतलब है कि पिछले महीने सरकार ने एक आर्थिक योजना पेश की थी, जिसके असफल होने के कारण आर्थिक उथल-पुथल और राजनीतिक संकट पैदा हो गया. इसके बाद ट्रस को वित्त मंत्री बदलने के अलावा अपनी कई नीतियों को भी उलटना पड़ा. साथ ही, उनके कार्यकाल के दौरान सत्तारूढ़ कंजरवेटिव पार्टी में अनुशासनहीनता भी देखने को मिली.
कंजरवेटिव पार्टी के कई नेताओं का कहना था कि ट्रस को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए, हालांकि वह अपनी जगह कायम रहीं और साफ कह दिया था कि वह इस्तीफा नहीं देंगी.
वहीं, ट्रस द्वारा इस्तीफा दिए जाने से पहले कंजरवेटिव पार्टी के सांसद साइमन होरे ने कहा था कि सरकार अव्यवस्थित हो गई है.
उन्होंने गुरुवार को बीबीसी से कहा था, ‘किसी के पास ठोस योजना नहीं है. यह दिन-प्रतिदिन एक-दूसरे से उलझने के समान है.’
उन्होंने साथ ही कहा था कि ट्रस के पास स्थिति को बदलने के लिए लगभग 12 घंटे हैं.
वहीं, इस्तीफे से पहले ऐसी खबरें थीं कि जनमत सर्वेक्षणों में लेबर पार्टी को बड़ी बढ़त मिलती दिखाई दे रही है, जिसके मद्देनजर कंजरवेटिव पार्टी के कई नेताओं का मानना था कि ट्रस को हटाकर ही कोई उम्मीद की जा सकती है, लेकिन वे इस बात को लेकर बंटे हुए थे कि उन्हें कैसे हटाया जाए.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)