एहतियाती खुराक की कोई मांग नहीं, 10 करोड़ कोविशील्ड टीके फेंके गए: सीरम इंस्टिट्यूट

सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अदार पूनावाला ने बताया कि कंपनी ने दिसंबर 2021 से कोविशील्ड टीके का उत्पादन बंद कर दिया है और उस समय उपलब्ध कुल भंडार में से लगभग 10 करोड़ खुराक एक्सपायरी डेट निकलने के चलते फेंक दी गईं. 

/
(फोटो: पीटीआई)

सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अदार पूनावाला ने बताया कि कंपनी ने दिसंबर 2021 से कोविशील्ड टीके का उत्पादन बंद कर दिया है और उस समय उपलब्ध कुल भंडार में से लगभग 10 करोड़ खुराक एक्सपायरी डेट निकलने के चलते फेंक दी गईं.

(फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली/पुणे: सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अदार पूनावाला ने गुरुवार को बताया कि एसआईआई ने दिसंबर 2021 से कोविशील्ड टीके का उत्पादन बंद कर दिया है और उस समय उपलब्ध कुल भंडार में से लगभग दस करोड़ खुराक के इस्तेमाल की अवधि (एक्सपायरी डेट) समाप्त होने के चलते फेंक दिया गया.

टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, पुणे में विकासशील देश टीका निर्माता नेटवर्क (डीसीवीएमएन) की सालाना आम बैठक से इतर संवाददाताओं से बातचीत में पूनावाला ने कहा, ‘एहतियाती खुराक की कोई मांग नहीं है. आमतौर पर एहतियाती खुराकों को लेकर उदासीनता है क्योंकि ऐसा लगता है कि लोग महामारी से आजिज़ आ चुके हैं. ईमानदारी से कहूं तो मैं भी इससे तंग आ चुका हूं. हम सब तंग आ चुके हैं.’

कोविशील्ड टीके से जुड़ी नई जानकारी के बारे में पूछे जाने पर पूनावाला ने कहा, ‘दिसंबर 2021 से हमने उत्पादन (कोविशील्ड का) बंद कर दिया. हमारे पास उस समय करोड़ों टीकों का भंडार था, जिनमें से दस करोड़ खुराक की एक्सपायरी डेट निकल चुकी थी.’

उन्होंने बताया कि एसआईआई ने नई वैक्सीन ‘कोवोवैक्स’ विकसित की है, जो टीकों की मिश्रित खुराक पद्धति में शामिल है.

पूनावाला ने कहा, ‘अब कोवोवैक्स को अगले दो हफ्तों में मंजूरी दी जा सकती है. ऐसे में मुझे लगता है कि वे संभवत: एहतियाती टीकों की मिश्रित खुराक लगाने की इजाजत दे देंगे और उन्हें ऐसा करना भी चाहिए. अगर डब्ल्यूएचओ (विश्व स्वास्थ्य संगठन) इसकी मंजूरी देता है तो संभवत: भारतीय नियामक भी अनुमति प्रदान कर देगा और उसे ऐसा करना भी चाहिए.’

उन्होंने आगे कहा, ‘आगे की सोचें, तो जिस तरह लोग हर साल फ्लू का टीका लगवाते हैं, उसके साथ ही कोविड का टीका लगवा सकते हैं. लेकिन भारत में पश्चिम (देशों) की तरह हर साल फ्लू का टीका लगवाने का चलन नहीं है.’

कोविड के ओमीक्रॉन वैरिएंट के खिलाफ टीके विकसित करने के एसआईआई के प्रयासों पर पूनावाला ने कहा, ‘हम अमेरिका के ‘नोवावैक्स के साथ साझेदारी में एक विशिष्ट ओमीक्रॉन बूस्टर पर काम कर रहे हैं. यह एक बायवेलेंट (Bivalent) टीका होगा. हमारी कोवोवैक्स वैक्सीन, जो एहतियातन डोज़ के बतौर इसकी प्रभावकारिता के लिए परीक्षण से गुजर चुकी है, को अगले 10-15 दिनों में मंजूरी मिलने की संभावना है.’

उन्होंने बताया कि एसआईआई अमेरिकी फर्म कोडाजेनिक्स (Codagenix) के साथ एक सिंगल डोज़ इंट्रानैसल (नाक के रास्ते दी जाने वाली) कोविड वैक्सीन भी विकसित कर रहा है.

इस प्रेस वार्ता में डब्ल्यूएचओ के मुख्य वैज्ञानिक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि नए सार्स-सीओवी-2 वैरिएंट के मद्देनजर स्वास्थ्यकर्मियों और कमजोर आयु समूहों के सौ फीसदी टीकाकरण जरूरी है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)