वैश्विक संस्था एफएटीएफ ने पाकिस्तान को अपनी ग्रे सूची से बाहर किया

वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) आतंकवादी वित्त पोषण और मनी लॉन्ड्रिंग पर नज़र रखने वाली वैश्विक संस्था है. पाकिस्तान को लगभग चार साल पहले एफएटीएफ की ग्रे सूची में डाला गया था. वहीं, संस्था ने म्यांमार को पहली बार अपनी काली सूची में शामिल किया है. 

(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) आतंकवादी वित्त पोषण और मनी लॉन्ड्रिंग पर नज़र रखने वाली वैश्विक संस्था है. पाकिस्तान को लगभग चार साल पहले एफएटीएफ की ग्रे सूची में डाला गया था. वहीं, संस्था ने म्यांमार को पहली बार अपनी काली सूची में शामिल किया है.

(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

नई दिल्ली/इस्लामाबाद: पाकिस्तान को वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) की ग्रे (संदिग्ध) सूची से बाहर कर दिया गया है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इस फैसले का स्वागत किया.

पेरिस स्थित एफएटीएफ (Financial Action Task Force) आतंकवादी वित्त पोषण और मनी लॉन्ड्रिंग पर नजर रखने वाली वैश्विक संस्था है. पाकिस्तान को लगभग चार साल पहले एफएटीएफ की ग्रे सूची में डाला गया था.

वैश्विक कार्यबल ने आतंकवादी वित्त पोषण और मनी लॉन्ड्रिंग से निपटने तथा अपने मौजूदा निगरानी तंत्र में सुधार लाने की पाकिस्तान की ‘उच्च स्तरीय राजनीतिक प्रतिबद्धता’ के कारण उसे ग्रे सूची से बाहर करने का फैसला लिया है.

वहीं, एफएटीएफ ने म्यांमार को पहली बार अपनी काली सूची में शामिल किया है. काली सूची में उच्च जोखिम वाले उन क्षेत्रों को रखा जाता है, जहां कार्रवाई किए जाने की जरूरत है. ईरान और उत्तर कोरिया एफएटीएफ की काली सूची में बरकरार हैं.

एक अन्य महत्वपूर्ण निर्णय के तहत रूस को एफएटीएफ के भावी कार्यक्रमों में शामिल होने से प्रतिबंधित कर दिया गया है. यह कदम यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के मद्देनजर उठाया गया है.

एफएटीएफ ने एक बयान जारी कर कहा कि वह मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादी वित्त पोषण से निपटने के तंत्र में सुधार की दिशा में पाकिस्तान द्वारा की गई महत्वपूर्ण प्रगति का स्वागत करता है. एफएटीएफ ने 20-21 अक्टूबर को पेरिस में हुई अपनी पूर्ण बैठक में पाकिस्तान को ग्रे सूची से हटाने का फैसला लिया.

वैश्विक कार्यबल ने कहा, ‘पाकिस्तान ने मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादी वित्त पोषण से निपटने के अपने तंत्र को अधिक प्रभावी बनाया है और रणनीतिक कमियों के संबंध में अपनी कार्य योजनाओं की प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए उन तकनीकी कमियों को दूर किया है, जिनका जिक्र एफएटीएफ ने जून 2018 और जून 2021 में किया था. उसने संबंधित प्रतिबद्धताओं को तय समयसीमा से पहले पूरा किया है, जिसमें कुल 34 कार्य बिंदु शामिल थे.’

एफएटीएफ ने कहा, ‘इसलिए पाकिस्तान अब एफएटीएफ की बढ़ी हुई निगरानी प्रक्रिया के अधीन नहीं है. पाकिस्तान मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादी वित्त पोषण से निपटने के अपने तंत्र को और बेहतर बनाने के लिए काम करना जारी रखेगा.’

ग्रे सूची से बाहर होने के बाद पाकिस्तान अपनी लड़खड़ाई अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ), विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक (एडीबी) और यूरोपीय संघ (ईयू) से वित्तीय मदद हासिल करने के लिए आवेदन कर सकता है.

शहबाज शरीफ ने एफएटीएफ के फैसले का स्वागत किया

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अपने देश को ग्रे (प्रतिबंधित) सूची से बाहर करने के वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) के फैसले का शुक्रवार को स्वागत किया.

उन्होंने इस घटनाक्रम को ‘पाकिस्तान द्वारा वर्षों से किए जा रहे दृढ़ और निरंतर प्रयासों की पुष्टि’ के रूप में वर्णित किया.

शरीफ ने कहा, ‘पाकिस्तान को ग्रे सूची से हटाया जाना आतंकवाद के खिलाफ जंग में उसके द्वारा दी गई कुर्बानियों को मान्यता देने के भी समान है. मैं अपनी सरकार और सैन्य नेतृत्व के साथ-साथ उन सभी संस्थानों को बधाई देना चाहता हूं, जिनकी कड़ी मेहनत के चलते आज हमें यह कामयाबी मिली है.’

पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ विश्वसनीय कार्रवाई जारी रखने की जरूरत: भारत

भारत ने शुक्रवार को कहा दुनिया को इस बात को लेकर स्पष्ट रहना चाहिए कि पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ ‘विश्वसनीय, सत्यापन योग्य और अपरिवर्तनीय’ कार्रवाई जारी रखनी होगी.

विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) द्वारा पाकिस्तान को उसकी ग्रे (संदिग्ध) सूची से बाहर किए जाने के मद्देनजर यह टिप्पणी की.

विदेश मंत्रालाय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, ‘यह वैश्विक हित में है कि दुनिया इस बात को लेकर स्पष्ट रहे कि पाकिस्तान को अपने नियंत्रण वाले क्षेत्रों से होने वाली आतंकवादी गतिविधियों और आतंकवादी वित्तपोषण के खिलाफ विश्वसनीय, सत्यापन योग्य, अपरिवर्तनीय और निरंतर कार्रवाई जारी रखनी होगी.’

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उन्होंने कहा, ‘एफएटीएफ की निगरानी के परिणामस्वरूप पाकिस्तान 26/11 को मुंबई में पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय के खिलाफ हुए हमलों में संलिप्त गुनहगारों समेत कई कुख्यात आतंकवादियों के खिलाफ कुछ कार्रवाई करने के लिए मजबूर हुआ है.’

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, भारत ने कहा कि वह समझता है कि पाकिस्तान मनी लॉन्ड्रिंग पर एशिया प्रशांत समूह के साथ काम करना जारी रखेगा, ताकि उसकी एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद विरोधी वित्तपोषण प्रणाली में और सुधार हो सके.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)