गुजरात के गृह राज्यमंत्री हर्ष सांघवी ने कहा है कि 21 से 27 अक्टूबर तक राज्य में अगर कोई ड्राइविंग लाइसेंस या हेलमेट के बिना पकड़ा जाता है, या किसी अन्य यातायात नियम का उल्लंघन करता है, तो पुलिसकर्मी उन्हें फूल देंगे. विपक्ष ने इसकी आलोचना करते हुए कहा कि वोट के लिए लोगों की जान जोखिम में डाली जा रही है.
नई दिल्ली/सूरत: गुजरात सरकार ने घोषणा की है कि इस साल दीवाली के त्योहार के दौरान यातायात नियमों के उल्लंघन पर लोगों पर जुर्माना नहीं लगाया जाएगा.
गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष सांघवी ने शुक्रवार को यह घोषणा की.
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एक सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि दीवाली के त्योहार को देखते हुए गुजरात में यातायात पुलिस 27 अक्टूबर तक नियमों का उल्लंघन करने वाले लोगों से कोई जुर्माना नहीं वसूलेगी.
उन्होंने यह भी जोड़ा, ‘इसका यह मतलब नहीं कि आप (नागरिक) यातायात नियमों का पालन नहीं करेंगे.’
सांघवी ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के मार्गदर्शन में राज्य के गृह विभाग ने दीवाली के दौरान लोगों को राहत देने का फैसला किया है.
मंत्री ने कहा, ‘राज्य में 21 अक्टूबर से 27 अक्टूबर तक यातायात पुलिस लोगों से कोई जुर्माना नहीं वसूलेगी. अगर कोई इस दौरान बिना ड्राइविंग लाइसेंस या बिना हेलमेट के पकड़ा जाता है, या किसी अन्य यातायात नियम का उल्लंघन करता पाया जाएगा, तो हमारे पुलिसकर्मी उन्हें फूल देंगे.’
उल्लेखनीय हैं कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित गुजरात में दिसंबर के अंत तक विधानसभा चुनाव होने हैं.
सरकार की इस घोषणा को लेकर विपक्ष ने उस पर निशाना साधा है. वड़गाम से विधायक जिग्नेश मेवाणी ने इस निर्णय पर तंज़ करते हुए ट्विटर पर लिखा, ‘चुनाव आपसे क्या कुछ नहीं करवा सकते हैं!’
In 2021, Gujarat saw 15,200 road traffic accidents in which 7,457 people lost their lives. This ‘revdi’ bonanza by BJP Gujarat govt is putting people’s lives at risk https://t.co/ExBBiImjPK
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) October 22, 2022
वहीं, ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस फैसले को लेकर लिखा, ‘साल 2021 में गुजरात में 15,200 सड़क यातायात दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 7,457 लोगों की जान चली गई थी. गुजरात की भाजपा सरकार का यह ‘रेवड़ी बोनांज़ा’ लोगों की जान जोखिम में डाल रहा है.’
What rubbish is this! Endangering lives of motorists for votes!!
Is this why EC delayed polls so such ridiculous #revdi could be scattered? #RoadSafety https://t.co/pihvKg4FRM
— Jayant Singh (@jayantrld) October 21, 2022
राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी ने भी इस घोषणा की आलोचना की है. उन्होंने ट्विटर पर कहा, ‘यह क्या बकवास है! वोट के लिए गाड़ी चलाने वालों की जान जोखिम में डालना! क्या यही वजह है कि चुनाव आयोग ने चुनावों में देरी की, जिससे यह हास्यास्पद #रेवड़ी बांटी जा सके?’
नेताओं के अलावा पत्रकारों और कई आम लोगों ने भी इस घोषणा को लेकर सोशल मीडिया पर सवाल उठाए हैं. पत्रकार सुचेता दलाल ने सवाल किया है कि नेताओं को इस तरह नियम तोड़ने को माफ़ी देने की ताकत किसने दी है.
इसी तरह एक यूजर ने पूछा है कि क्या (सरकार का) ऐसा करना स्वीकार्य भी है कि नहीं. एक थिंक टैंक के लिए काम करने वाले एक यूजर ने सांघवी की घोषणा साझा करते हुए लिखा, ‘इसका मतलब है कि हम कानून-व्यवस्था और गवर्नेंस को ताक़ पर रख रहे हैं क्योंकि चुनाव में बस महीनाभर बाकी है.’
Translation: 'We are suspending law and order governance as elections are just a month away'. https://t.co/ZcDSSOq9qI
— Kabir Taneja (@KabirTaneja) October 22, 2022
एक अन्य पत्रकार विशाल भार्गव ने इस घोषणा को ‘अजीब’ बताते हुए कहा कि यह सड़कों पर दुर्घटनाओं को दावत देने जैसा है. उन्होंने आगे लिखा कि यह निर्णय और कुछ नहीं बस ‘तुष्टिकरण’ है.
No fines for any traffic violations during Diwali in Gujarat. Bizarre. This is calling for numerous accidents to happen on the streets.
We must call this decision what it really is: Appeasement. https://t.co/gBfNKByuSl— Vishal Bhargava (@VishalBhargava5) October 22, 2022
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)