जम्मू कश्मीर: एनजीटी ने बडगाम के शालिगंगा नाले में खनन रोकने का आदेश दिया

जम्मू कश्मीर के बडगाम ज़िले के शालिगंगा नाले के तीन ब्लॉक में खनन की मंज़ूरी जम्मू-कश्मीर पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकरण द्वारा दी गई थी, जिसके ख़िलाफ़ पर्यावरण कार्यकर्ता राजा मुज़फ़्फ़र भट ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण में अपील दायर की थी.

(फोटो: पीटीआई)

जम्मू कश्मीर के बडगाम ज़िले के शालिगंगा नाले के तीन ब्लॉक में खनन की मंज़ूरी जम्मू-कश्मीर पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकरण द्वारा दी गई थी, जिसके ख़िलाफ़ पर्यावरण कार्यकर्ता राजा मुज़फ़्फ़र भट ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण में अपील दायर की थी.

(फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने जम्मू कश्मीर पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकरण (ईआईएए) द्वारा दी गई पर्यावरण मंजूरी को पलटते हुए कश्मीर के बडगाम जिले के शालिगंगा नाले में खनन कार्यों को रोकने का आदेश दिया है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पर्यावरण कार्यकर्ता राजा मुजफ्फर भट द्वारा तीन ब्लॉकों में नदी तल की सामग्री जैसे रेत और चट्टानों के खनन की अनुमति के खिलाफ अपील की गई थी. एनजीटी के आदेश, जो पिछले महीने पारित किया गया था, ने मई में ईआईएए द्वारा दी गई अनुमति को रद्द कर दिया.

शालिगंगा नाला, होकरसर आर्द्रभूमि (Wetland) के लिए एक फीडिंग चैनल के रूप में कार्य करता है. होकरसर जम्मू कश्मीर के पांच रामसर आर्द्रभूमि स्थलों में से एक है. यह स्थल यूरोप, रूस और मध्य एशिया के हजारों प्रवासी पक्षियों का घर है. यह इन पक्षियों का प्रजनन स्थल भी है.

एनजीटी को की गई अपनी अपील में भट ने कहा था, ‘अपने फीडिंग चैनल के किनारे खनन और इस तरह आर्द्रभूमि में पानी के प्रवाह को बाधित करने से क्षेत्र की पारिस्थितिकी, आर्द्रभूमि के आसपास रहने वाले लोगों की आजीविका और प्रवासी पक्षियों के प्रजनन स्थल पर सीधा असर पड़ेगा.’

इस ओर इशारा करते हुए कि मंजूरी को ‘बरकरार नहीं रखा जा सकता’ है, एनजीटी ने कहा, ‘19/04/2022 को दी गई विवादित पर्यावरण मंजूरी को रद्द किया जाता है. परियोजना प्रस्तावक को विवादित पर्यावरण मंजूरी के अनुसार किसी भी प्रकार की खनन गतिविधियों को करने से प्रतिबंधित किया गया है. जम्मू कश्मीर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और बडगाम जिला मजिस्ट्रेट इस निर्देश का अनुपालन सुनिश्चित करेंगे. जम्मू कश्मीर पीसीबी पर्यावरण मुआवजे के निर्धारण के संबंध में ऊपर जारी निर्देशों की भी पालना करेंगे.’

गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति ने जनवरी में सभी तीन खनन ब्लॉकों के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था. परियोजना प्रस्तावक के बाद, एनकेसी प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड ने प्रस्तावित खनन स्थलों के आकार को घटा दिया था. दो महीने बाद ही मार्च में जम्मू कश्मीर ईआईएए द्वारा परियोजना को मंजूरी दे दी गई थी.

सभी तीन प्रस्तावों को शुरू में इस आधार पर खारिज कर दिया गया था कि जिस क्षेत्र के लिए पर्यावरण मंजूरी दी गई थी, उसका पहले से ही अत्यधिक अवैध खनन के कारण अत्यधिक दोहन हो चुका है और वह काफी हद तक समाप्ति के कगार पर है.

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25