चुनाव से पहले अधिकारियों का तबादला: निर्वाचन आयोग ने गुजरात सरकार से स्पष्टीकरण मांगा

भारतीय चुनाव आयोग ने गुजरात में चुनाव संपन्न कराने से सीधे तौर पर जुड़े अधिकारियों के तबादलों के संबंध में राज्य के मुख्य सचिव से बीते 1 अगस्त को अनुपालन रिपोर्ट मांगी थी, लेकिन 19 अक्टूबर को आयोग द्वारा वापस एक रिमाइंडर भेजने के बाद भी अब तक रिपोर्ट सौंपी नहीं गई है.

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(फोटो साभार: विकिपीडिया)

भारतीय चुनाव आयोग ने गुजरात में चुनाव संपन्न कराने से सीधे तौर पर जुड़े अधिकारियों के तबादलों के संबंध में राज्य के मुख्य सचिव से बीते 1 अगस्त को अनुपालन रिपोर्ट मांगी थी, लेकिन 19 अक्टूबर को आयोग द्वारा वापस एक रिमाइंडर भेजने के बाद भी अब तक रिपोर्ट सौंपी नहीं गई है.

(फोटो साभार: विकिपीडिया)

नई दिल्ली: भारतीय निर्वाचन आयोग ने गुजरात में विधानसभा चुनाव से पहले अधिकारियों के तबादले और पदस्थापना (Posting) संबंधी अनुपालन रिपोर्ट भेजने में राज्य सरकार के अधिकारियों की विफलता पर कड़ा रुख अख्तियार करते हुए प्रदेश के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक से स्पष्टीकरण मांगा है.

द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, नियमों के अनुसार चुनाव संपन्न कराने से सीधे तौर पर जुड़े अधिकारियों को चुनाव के दौरान उनके गृह जिलों या उन स्थानों पर तैनात नहीं किया जा सकता है, जहां उन्होंने चुनाव के दौरान काफी लंबी अवधि तक सेवा की है.

चुनाव आयोग ने गुजरात के मुख्य सचिव और मुख्य चुनाव अधिकारी को इस मुद्दे पर 1 अगस्त को पत्र लिखा था और 30 सितंबर तक अनुपालन रिपोर्ट मांगी थी.

बाद में, आयोग ने 19 अक्टूबर को अनुपालन रिपोर्ट तत्काल प्रस्तुत करने के लिए एक रिमाइंडर भी भेजा था, लेकिन उससे भी कुछ हासिल नहीं हुआ. शुक्रवार (21 अक्टूबर) को चुनाव आयोग ने मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) से इस संबंध में तत्काल अनुपालन करने और रिपोर्ट प्रस्तुत करने की मांग की.

आयोग ने यह भी मांग की कि वे उन परिस्थितियों की व्याख्या करें जिनके चलते क्यों अब तक अनुपालन रिपोर्ट सौंपी नहीं गई है, जबकि निर्धारित समय सीमा समाप्त हो चुकी है और एक रिमाइंडर भी भेजा जा चुका है.

बीते 1 अगस्त को चुनाव आयोग ने गुजरात और हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिवों और मुख्य चुनाव अधिकारियों पत्र लिखकर कहा था कि चुनाव से सीधे जुड़े किसी भी अधिकारी को उनके वर्तमान जिले में पदस्थापना की अनुमति नहीं दी जा सकती है.

आयोग ने दोनों राज्य सरकारों को गृह जिलों में तैनात अधिकारियों और पिछले चार वर्षों में एक जिले में तीन साल बिताने वाले अधिकारियों को स्थानांतरित करने का निर्देश दिया था.

आयोग ने कहा था कि इसमें वे अधिकारी शामिल होंगे, जो अपने गृह जिले में तैनात थे, पिछले चार सालों के दौरान एक जिले में तीन साल पूरे कर चुके हों या हिमाचल प्रदेश के मामले में 31 जनवरी 2023 को या उससे पहले तीन साल पूरे कर रहे हों और गुजरात के मामले में 28 फरवरी को या उससे पहले तीन साल पूरे कर रहे हों.

उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश में 12 नवंबर को मतदान होगा, जबकि गुजरात चुनाव के लिए तारीखों की घोषणा फिलहाल नहीं की गई है.

स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए निर्वाचन आयोग के लिए लोकसभा और विधानसभा चुनावों से पहले इस तरह के निर्देश जारी करना सामान्य बात है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)