एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) का कहना है, 32 क्षेत्रीय दलों की 221 करोड़ रुपये की आय में से आधी ख़र्च नहीं हुई.
नई दिल्ली: एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने कहा है कि देश में कुल 47 क्षेत्रीय दल हैं जिनमें से 15 ने 2015-16 के लिए अपनी ऑडिट रिपोर्ट चुनाव आयोग को आज तक जमा नहीं की है जिनमें सपा और राजद भी हैं.
वर्ष 2015-16 के दौरान 32 क्षेत्रीय दलों की कुल आय 221.48 करोड़ रुपये थी जिसमें से 110 करोड़ रुपये खर्च नहीं हुए. इनमें से सर्वाधिक आमदनी द्रमुक की थी. यह बात एक रिपोर्ट में सामने आई है.
संस्था ने अपनी रिपोर्ट में कहा, 2015-16 के लिए 32 क्षेत्रीय दलों की कुल आय 221.48 करोड़ रुपये थी जिसमें से पार्टियों ने 111.48 करोड़ खर्च किए और 110 करोड़ रुपये की राशि बिना खर्च की हुई रह गई.
एडीआर ने कहा कि पार्टियों के लिए सालाना ऑडिट किए हुए खाते जमा करने की अंतिम तारीख 31 अक्तूबर, 2016 थी. 2015-16 के दौरान द्रमुक की आय 77.63 करोड़ रुपये थी जो सभी क्षेत्रीय दलों में सर्वाधिक थी. इसके बाद अन्नाद्रमुक की आय थी और उसके पास 54.93 करोड़ रुपये की राशि जमा हुई.
तेलगू देशम पार्टी के पास 15.97 करोड़ रुपये जमा हुए. सर्वाधिक खर्च करने वाले तीन क्षेत्रीय दलों में सबसे आगे जदयू रही जिसने 23.46 करोड़ रुपये खर्च किए. उसके बाद तेलगू देशम पार्टी ने 13.10 करोड़ रुपये और आम आदमी पार्टी ने 11.09 करोड़ रुपये खर्च किए.
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इसके पहले अगस्त में एडीआर ने अपने अध्ययन में बताया था कि वित्त वर्ष 2015-16 के दौरान सिर्फ तीन राजनीतिक दलों- भाजपा, कांग्रेस और जदयू – को चुनावी ट्रस्टों के ज़रिये कॉरपोरेट चंदा प्राप्त हुआ. कुल 49.5 करोड़ रुपये के ये चंदे कर विभाग के पास पंजीकृत 18 चुनावी ट्रस्टों में से सिर्फ दो द्वारा दिए गए. इन ट्रस्टों की ओर से दिया गया कुल 49.50 करोड़ के चंदे में से बड़ा हिस्सा भाजपा को मिला है, बची रकम कांग्रेस और जदयू के खाते में गई है.
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एक और अध्ययन में एडीआर ने कहा था कि भाजपा कॉरपोरेट घरानों से बिना पैन डिटेल्स और बिना पते के चंदा ले रही है. रिपोर्ट के मुताबिक, देश के राजनीतिक दलों को पिछले चार साल के दौरान उद्योग घरानों से 956.77 करोड़ रुपये का चंदा मिला. यह राशि इन दलों को ज्ञात स्रोतों से प्राप्त कुल राशि का 89 प्रतिशत है. इसमें सबसे ज्यादा 705.81 करोड़ रुपये का चंदा भारतीय जनता पार्टी को मिला है.
रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रीय पार्टियों को 1933 दानदाताओं से 384.04 करोड़ रुपये ऐसे मिले हैं जिसमें कोई पैन नंबर डिटेल्स नहीं हैं. पार्टियों ने 1546 दानदाताओं से 355.08 करोड़ रुपये ऐसे लिए जिसमें दानदाता का कोई पता दर्ज नहीं है.
159.59 करोड़ रुपये ऐसे चंदे में दिए गए हैं जिसमें न तो पैन है, न ही पता है. बिना पैन और बिना पते के इस राशि का 99 प्रतिशत भाजपा को गया है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)