पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान चुनाव लड़ सकते हैं: इस्लामाबाद हाईकोर्ट

पाकिस्तान के निर्वाचन आयोग ने अपनी संपत्ति छिपाने से जुड़े तोशाखाना मामले में 70 वर्षीय इमरान ख़ान को 21 अक्टूबर को अयोग्य घोषित कर दिया था. आयोग के इस फैसले को उन्होंने इस्लामाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी थी.

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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (फोटो साभार: ट्विटर/@PTIofficial)

पाकिस्तान के निर्वाचन आयोग ने अपनी संपत्ति छिपाने से जुड़े तोशाखाना मामले में 70 वर्षीय इमरान ख़ान को 21 अक्टूबर को अयोग्य घोषित कर दिया था. आयोग के इस फैसले को उन्होंने इस्लामाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी थी.

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (फोटो साभार: ट्विटर/@PTIofficial)

इस्लामाबाद: पाकिस्तान की एक अदालत ने सोमवार को कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को भविष्य में चुनाव लड़ने से प्रतिबंधित नहीं किया गया है. देश के शीर्ष चुनाव निकाय की ओर से इमरान खान को अयोग्य ठहराने के मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने यह टिप्पणी की.

पाकिस्तान के निर्वाचन आयोग (ईसीपी) ने अपनी संपत्ति छिपाने से जुड़े तोशाखाना मामले में 70 वर्षीय खान को 21 अक्टूबर को अयोग्य घोषित कर दिया था.

अगले दिन इमरान ने आयोग के फैसले को इस्लामाबाद हाईकोर्ट (आईएचसी) में चुनौती दी थी.

हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अतहर मिनाल्लाह ने कहा कि खान को भविष्य में चुनाव लड़ने से प्रतिबंधित नहीं किया गया है और वह खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले में 30 अक्टूबर को चुनाव लड़ने के लिए पात्र हैं.

हाईकोर्ट के प्रशासनिक रजिस्ट्रार की ओर से आपत्ति जताने के बावजूद जब खान के वकील अली जफर ने सुनवाई शुरू करने के लिए दबाव बनाया तो मुख्य न्यायाधीश ने कहा, ‘इमरान खान को चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य नहीं ठहराया गया है. इस मामले में जल्दबाजी दिखाने की जरूरत नहीं है.’

न्यायाधीश ने कहा कि अदालत याचिका पर सुनवाई तब करेगी जब आपत्तियों को दूर कर दिया जाएगा और उन्होंने निर्वाचन आयोग के फैसले पर भी रोक लगाने से इनकार कर दिया.

उन्होंने वकील को निर्देश दिया कि वह याचिका पर आपत्तियों को तीन के अंदर दूर करें.

निर्वाचन आयोग का यह फैसला तब आया जब इमरान खान राजकीय उपहारों की बिक्री की प्रक्रिया का खुलासा करने में नाकाम रहे, जिन्हें उन्होंने तोशाखाना से खरीदा था.

वर्ष 1974 में स्थापित तोशाखाना विभाग उच्च पदों पर विराजमान लोगों को मिले मूल्यवान उपहारों संग्रह करता है और यह कैबिनेट विभाग के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत काम करता है.

वर्ष 2018 में सत्ता में आए खान को आधिकारिक यात्राओं के दौरान अरब शासकों से महंगे उपहार मिले थे, जो तोशाखाना में जमा किए गए थे. बाद में खान ने संबंधित कानूनों के अनुसार उपहारों को रियायती मूल्य पर खरीदा और उन्हें भारी लाभ पर बेच दिया था.

पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने सुनवाई के दौरान निर्वाचन आयोग को सूचित किया था कि तोशाखाना से करीब 2.1 करोड़ रुपये का भुगतान कर खरीदे गए उपहारों की बिक्री से उन्हें लगभग 5.8 करोड़ रुपये प्राप्त हुए थे.

खान द्वारा खरीदे गए उपहारों में ग्राफ कंपनी की एक घड़ी, एक कीमती पेन, एक अंगूठी और रॉलेक्स कंपनी की चार घड़ियां समेत अन्य कीमती चीजें शामिल हैं. उनके विरोधियों के अनुसार, खान आयकर रिटर्न में इन उपहारों की बिक्री दर्शाने में विफल रहे.

मालूम हो कि इमरान खान को अप्रैल 2022 में अविश्वास प्रस्ताव के बाद सत्ता से बेदखल कर दिया गया था, जिसे उन्होंने अपने खिलाफ अमेरिका नीत साजिश का हिस्सा बताया था.

उन्होंने कहा था कि रूस पर उनकी स्वतंत्र विदेशी नीति के फैसले के कारण यह साजिश रची गई थी. इमरान सरकार वर्ष 2018 में सत्ता में आई थी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)