मल्लिकार्जुन खड़गे ने कांग्रेस अध्यक्ष पद संभाला, सोनिया ने कहा- परिवर्तन संसार का नियम है

कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी के नए अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को शुभकामनाएं देते कहा कि कांग्रेस ने कभी संकट के सामने हार नहीं मानी और आगे भी नहीं मानेगी. आज पार्टी के सामने कई चुनौतियां हैं, सबसे बड़ी चुनौती यह है कि लोकतांत्रिक मूल्यों के सामने जो संकट पैदा हुआ है, उसका मुक़ाबला कैसे करें.

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पार्टी अध्यक्ष के बतौर कार्यभार संभालते मल्लिकार्जुन खड़गे. साथ में सोनिया गांधी, राहुल गांधी व मधुसूदन मिस्त्री. (फोटो साभार: ट्विटर/कांग्रेस)

कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी के नए अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को शुभकामनाएं देते कहा कि कांग्रेस ने कभी संकट के सामने हार नहीं मानी और आगे भी नहीं मानेगी. आज पार्टी के सामने कई चुनौतियां हैं, सबसे बड़ी चुनौती यह है कि लोकतांत्रिक मूल्यों के सामने जो संकट पैदा हुआ है, उसका मुक़ाबला कैसे करें.

पार्टी अध्यक्ष के बतौर कार्यभार संभालते मल्लिकार्जुन खड़गे. साथ में सोनिया गांधी, राहुल गांधी व मधुसूदन मिस्त्री. (फोटो साभार: ट्विटर/कांग्रेस)

नई दिल्ली: कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी के नए अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को बुधवार को शुभकामनाएं देते हुए उम्मीद जताई कि उनके नेतृत्व में पार्टी को प्रेरणा मिलेगी और वह लगातार मजबूत होगी.

उन्होंने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से मिलजुलकर आगे बढ़ने का आह्वान किया और कहा कि कांग्रेस ने कभी संकट के सामने हार नहीं मानी और आगे भी नहीं मानेगी.

सोनिया गांधी ने कहा, ‘मुझे पूरा विश्वास है कि खड़गे जी से पूरी पार्टी को प्रेरणा मिलेगी, एक संदेश मिलेगा और इनके नेतृत्व में कांग्रेस मजबूत होगी.’

उनका कहना था, ‘मैं बहुत प्रसन्न हूं. सबसे अधिक संतोष इस बात का है कि आपने (नेता) अपने-अपने विवेक से जिन्हें (खड़गे) अध्यक्ष चुना है, वह एक अनुभवी नेता हैं, धरती से जुड़े हुए नेता हैं, अपनी मेहनत व समर्पण से एक साधारण कार्यकर्ता से इस ऊंचाई तक पहुंचे हैं.’

सोनिया गांधी ने कहा, ‘सच कहूं तो मैं राहत महसूस कर रही हूं. आपने इतने वर्षों तक जो प्यार, सम्मान दिया है, यह मेरे लिए गौरव की बात है. मुझे इसका एहसास जीवन की आखिरी सांस तक रहेगा.’

उन्होंने कहा, ‘यह सम्मान बहुत बड़ी जिम्मेदारी भी थी. अपनी योग्यता और क्षमता के अनुसार जितना बन पड़ा, उतना किया. इस दायित्व से मुक्त हो जाऊंगी और यह भार मेरे सिर से उतर जाएगा और इसलिए राहत महसूस कर रही हूं. अब यह जिम्मेदारी खड़गे जी के ऊपर आ गई है.’

उन्होंने कहा, ‘परिवर्तन संसार का नियम है. यह परिवर्तन जीवन के हर क्षेत्र में होता है और होता रहेगा… आज कांग्रेस के सामने कई चुनौतियां हैं, सबसे बड़ी चुनौती यह है कि लोकतांत्रिक मूल्यों के सामने जो संकट पैदा हुआ है, उसका हम सफलतापूर्व मुकाबला कैसे करें.’

सोनिया गांधी ने कहा, ‘ मुझे विश्वास है कि पार्टी के सभी कार्यकर्ता और नेता आपस में मिलजुलकर ऐसी शक्ति बनेंगे जो हमारे महान देश के सामने खड़ी चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना कर सकेगी.’

कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष ने यह भी कहा, ‘कांग्रेस के सामने पहले भी बड़े-बड़े संकट आए हैं, लेकिन पार्टी ने कभी हार नहीं मानी है. सभी को मिलकर, संकल्प के साथ और एकता के साथ आगे बढ़ना है.’

सोनिया गांधी ने करीब दो दशक तक कांग्रेस का नेतृत्व किया है. करीब 24 साल बाद गांधी परिवार के बाहर का कोई नेता देश की सबसे पुरानी पार्टी का अध्यक्ष बना है. दलित समुदाय से ताल्लुक रखने वाले 80 वर्षीय खड़गे ने 17 अक्टूबर को हुए ऐतिहासिक चुनाव में अपने प्रतिद्वंद्वी 66 वर्षीय शशि थरूर को मात दी थी. पार्टी के 137 साल के इतिहास में छठी बार अध्यक्ष पद के लिए चुनाव हुआ था.

खड़गे ने बुधवार को पदभार ग्रहण करते हुए कहा कि पार्टी मौजूदा सरकार की ‘झूठ एवं नफरत की व्यवस्था’ को ध्वस्त करेगी.

पार्टी अध्यक्ष पद के लिए निर्वाचन पत्र सौंपे जाने के बाद भावुक खड़गे ने कहा, ‘मेरे लिए यह बहुत ही भावुक क्षण है और मैं एक मजदूर के बेटे, एक सामान्य कार्यकर्ता को कांग्रेस का अध्यक्ष चुनने के लिए पार्टी के लोगों को धन्यवाद देना चाहता हूं.’

समारोह के तुरंत बाद सोनिया गांधी उन्हें कांग्रेस अध्यक्ष के कार्यालय तक ले गईं. राहुल गांधी और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित कई वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं के साथ-साथ ‘जी 23’ समूह के नेता भी इस मौके पर मौजूद थे.

पार्टी कार्यकर्ताओं ने पार्टी के झंडे लहराए और उनका जोरदार स्वागत किया. खड़गे ने कहा, ‘हम महात्मा गांधी के सिपाही हैं और हम किसी से नहीं डरते हैं. जब कांग्रेस का कार्यकर्ता अपने अंदर से डर को निकाल देगा तो बड़े से बड़ा साम्राज्य भी घुटने टेक देगा. इसीलिए मैं राहुल गांधी के शब्दों ‘डरो मत’ को याद करता हूं. यही नारा हम आगे लेकर चलेंगे.’

खड़गे ने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि इस साल मई में उदयपुर में सोनिया गांधी के नेतृत्व के तहत तैयार ‘ब्लूप्रिंट’ को लागू करना उनकी जिम्मेदारी है.

उन्होंने कहा, ‘उदयपुर नव संकल्प चिंतिन शिविर में हमने तय किया था कि पार्टी में 50 फीसदी पद 50 साल से कम उम्र के लोगों के लिए आरक्षित रहेंगे. सभी संगठनात्मक पद भरे जाएंगे…

उन्होंने कहा कि बहुत से लोग कांग्रेस के साथ औपचारिक तौर पर जुड़े हुए नहीं हैं, लेकिन वे पार्टी की विचारधारा में विश्वास करते हैं और उसका समर्थन करते हैं.

खड़गे ने कहा, ‘सब जानते हैं कि जिस लोकतंत्र की स्थापना कांग्रेस ने की थी, उसे बदलने की कोशिश आज हो रही है. किसने सोचा होगा कि देश में ऐसी राजनीति का दौर आएगा, जिसमें झूठ का बोलबाला होगा और सत्ता में बैठे लोग लोकतंत्र को कमजोर करने में जुटे होंगे. लेकिन मैं यह भी जानता हूं कि झूठ, फरेब और नफरत का ये तंत्र हम तोड़कर रहेंगे.’

उन्होंने आरोप लगाया कि नाथूराम गोडसे को देशभक्त कहा जाता है और महात्मा गांधी को देशद्रोही कहा जाता है. उन्होंने आरोप लगाया कि बाबासाहेब आंबेडकर के संविधान को बदलने और इसे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संविधान से बदलने की कोशिश की जा रही है.

खड़गे ने कहा कि इस जिम्मेदारी को संभालना उनके लिए सौभाग्य और गौरव की बात है और अपनी मेहनत और अनुभव से जो कुछ संभव होगा, वह करेंगे.

उन्होंने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ शुरू करने के लिए राहुल गांधी की सराहना करते हुए कहा कि इससे देश में नई ऊर्जा आई है.

उल्लेखनीय है कि खड़गे ने ऐसे समय में कार्यभार संभाला है जब पार्टी प्रासंगिकता बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रही है. कांग्रेस अभी अपने दम पर सिर्फ दो राज्यों में सत्ता में है और तत्काल उसे हिमाचल प्रदेश और गुजरात में विधानसभा चुनाव में मैदान में उतरना है. दोनों राज्यों में उसे आक्रामक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और एक आम आदमी पार्टी (आप) से मुकाबला करना है.

मौजूदा चुनौतियों को स्वीकार करते हुए खड़गे ने कहा कि हिमाचल प्रदेश और गुजरात के साथ-साथ अन्य राज्यों में भी चुनाव होंगे तथा भाजपा को पराजित करने के लिए कांग्रेस कार्यकर्ताओं को अपना सर्वस्व दांव पर लगाना होगा. उन्होंने भाजपा पर कांग्रेस द्वारा स्थापित लोकतंत्र को कमजोर करने का आरोप लगाया.

खड़गे ने कहा, ‘हमें इन राज्यों में जोरदार प्रदर्शन करना होगा और हमें इन राज्यों में सफल होने के लिए सभी की ताकत और ऊर्जा की जरूरत होगी.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)