कतर की कंपनी में काम कर रहे 8 पूर्व भारतीय नौसेना अधिकारियों को हिरासत में लिया गया: रिपोर्ट

एक रिपोर्ट के अनुसार, कतर में नौसेना को प्रशिक्षण और अन्य सेवाएं प्रदान करने वाली एक कंपनी के साथ काम कर रहे भारत के आठ पूर्व नौसेना अधिकारी वहां 57 दिनों से हिरासत में हैं. इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि उन्हें क्यों पकड़ा गया है और उनके ख़िलाफ़ क्या आरोप लगाए गए हैं.

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प्रतीकात्मक तस्वीर. (वीकिमीडिया कॉमन्स)

एक रिपोर्ट के अनुसार, कतर में नौसेना को प्रशिक्षण और अन्य सेवाएं प्रदान करने वाली एक कंपनी के साथ काम कर रहे भारत के आठ पूर्व नौसेना अधिकारी वहां 57 दिनों से हिरासत में हैं. इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि उन्हें क्यों पकड़ा गया है और उनके ख़िलाफ़ क्या आरोप लगाए गए हैं.

प्रतीकात्मक तस्वीर. (वीकिमीडिया कॉमन्स)

नई दिल्ली: कतर में कतरी एमिरी नौसेना को प्रशिक्षण और अन्य सेवाएं प्रदान करने वाली एक कंपनी के साथ काम कर रहे भारतीय नौसेना के आठ पूर्व अधिकारियों को कतर ने हिरासत में ले लिया है.

इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि कतर की राजधानी दोहा स्थित भारतीय दूतावास को घटना की जानकारी है.

यह घटना मंगलवार (25 अक्टूबर) को @DrMeetuBhargava के हैंडल से किए एक ट्वीट के बाद सामने आई, ट्विटर बायो में उनकी पहचान एक शिक्षक और आध्यात्मिक व्यक्ति के रूप में है. उन्होंने कहा कि पूर्व अधिकारी दोहा में 57 दिनों से अवैध हिरासत में हैं.

पोस्ट में प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री एस. जयशंकर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप पुरी सहित कई मंत्रियों को टैग किया गया है.

इंडियन एक्सप्रेस को पता चला है कि पूर्व नौसेना अधिकारी दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज एंड कंसल्टेंसी सर्विसेज नामक कंपनी के लिए काम करते थे.

कंपनी खुद को कतर रक्षा, सुरक्षा और अन्य सरकारी एजेंसियों का स्थानीय व्यापार भागीदार बताती है और इसकी मुख्य दक्षता रक्षा उपकरण संचालन और रखरखाव है.

समूह के सीईओ खामिस अल अज्मी रॉयल ओमान वायुसेना एक सेवानिवृत्त स्क्वाड्रन लीडर हैं.

हिरासत में लिए गए आठ भारतीयों में फर्म के प्रबंध निदेशक कमांडर पूर्णेंदु तिवारी (सेवानिवृत्त) हैं. उन्हें भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से 2019 में प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार मिला था.

इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि लोगों को क्यों पकड़ा गया और उनके खिलाफ क्या आरोप लगाए गए हैं.

इंडियन एक्सप्रेस को पता चला है कि इस महीने की शुरुआत में भारतीय मिशन के अधिकारियों द्वारा उन्हें कांसुलर विजिट की अनुमति दी गई थी.

कंपनी की वेबसाइट पर उसकी पहचान बहुत ही प्रभावशाली है. इसके काम को दोहा में भारतीय मिशन से प्रशंसा मिल चुकी है. राजदूत दीपक मित्तल कह चुके हैं कि कंपनी कतर रक्षा बलों में क्षमता निर्माण करने की दिशा में बेहतरीन काम कर रही है.

पिछले राजदूत पेरियासामी कुमारन ने भारत की रक्षा क्षमताओं के प्रभावी प्रदर्शन के लिए कंपनी के काम की प्रशंसा की थी और कहा था कि कंपनी ने दोनों देशों के बीच सहयोग के नए अवसर पैदा किए हैं.

रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी की वेबसाइट पर सूचीबद्ध फोन नंबरों पर कॉल करने पर कोई जवाब नहीं मिल सका.

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