कांग्रेस के नए अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने 47 सदस्यीय संचालन समिति का गठन किया जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी तथा राहुल गांधी शामिल हैं.
नई दिल्ली: कांग्रेस के नए अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार को 47 सदस्यीय संचालन समिति का गठन किया, जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी तथा राहुल गांधी शामिल हैं.
खड़गे की अध्यक्षता में अंतरिम पैनल तब तक के लिए कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की जगह लेगा, जब तक कि पार्टी के पूर्ण सत्र में खड़गे के निर्वाचन की पुष्टि के बाद एक नई सीडब्ल्यूसी नहीं बनती.
पिछली सीडब्ल्यूसी के अधिकतर सदस्यों को समिति में बरकरार रखा गया है, जिसकी घोषणा खड़गे के कांग्रेस के नए अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालने के कुछ घंटों बाद की गई.
कांग्रेस महासचिव (संगठन) से मिली सूचना के अनुसार, समिति के सदस्यों में वरिष्ठ पार्टी नेता प्रियंका गांधी वाड्रा, एके एंटनी, अंबिका सोनी, आनंद शर्मा, केसी वेणुगोपाल, रणदीप सुरजेवाला और दिग्विजय सिंह शामिल हैं.
वेणुगोपाल ने आदेश में कहा, ‘भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के संविधान के अनुच्छेद 15 (बी) के अनुसार, कांग्रेस अध्यक्ष ने संचालन समिति का गठन किया है जो कांग्रेस कार्य समिति के स्थान पर कार्य करेगी.’
सीडब्ल्यूसी कांग्रेस का निर्णय लेने वाला सर्वोच्च निकाय है और संचालन समिति अब पार्टी के पूर्ण सत्र में खड़गे के निर्वाचन की पुष्टि तक सभी निर्णय लेगी, जिसमें सभी प्रदेश कांग्रेस समिति प्रतिनिधि शामिल होंगे.
सत्र अगले साल मार्च में होने की संभावना है.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, शशि थरूर, जो पार्टी के अध्यक्ष पद के चुनाव में खड़गे के साथ दावेदार थे, समिति के सदस्यों में नहीं हैं. थरूर ने पहले पार्टी की व्यावसायिक कांग्रेस शाखा का नेतृत्व किया था, लेकिन चुनाव से पहले इस्तीफा दे दिया.
सीडब्ल्यूसी के विशेष आमंत्रित सदस्य जिन्हें नए पैनल में शामिल नहीं किया गया, वे हैं – अजय कुमार लल्लू, दीपेंद्र सिंह हुड्डा, सचिन राव और चिंता मोहन.
सेवा दल के मुख्य आयोजक लालजी देसाई, आईवाईसी प्रमुख श्रीनिवास बीवी, एनएसयूआई प्रमुख नीरज कुंदन, महिला कांग्रेस प्रमुख नेट्टा डिसूजा और इंटक जीके अध्यक्ष संजीव रेड्डी भी सूची में नहीं हैं.
आनंद शर्मा, सीडब्ल्यूसी सदस्य और जी23 समूह के एक प्रमुख नेता, जो संगठन के भीतर परिवर्तन के लिए दबाव डाल रहे थे, को संचालन समिति में बरकरार रखा गया है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)