योगी-मोदी के ख़िलाफ़ भाषण मामले में आज़म ख़ान को तीन साल क़ैद की सज़ा

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और विधायक आज़म ख़ान पर 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान एक जनसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करने के संबंध में मुक़दमा दर्ज किया गया था.

समाजवादी पार्टी के विधायक आजम खान. (फोटो: पीटीआई)

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और विधायक आज़म ख़ान पर 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान एक जनसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करने के संबंध में मुक़दमा दर्ज किया गया था.

समाजवादी पार्टी के विधायक आजम खान. (फाइल फोटो: पीटीआई)

बरेली: उत्तर प्रदेश में रामपुर की एमपी/एमएलए अदालत ने समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता एवं विधायक आजम खान को भड़काऊ भाषण देने के मामले में बृहस्पतिवार को दोषी करार देते हुए तीन साल कैद की सजा सुनाई.

अदालत के इस फैसले के कारण खान की विधानसभा की सदस्यता समाप्त हो सकती है, क्योंकि नियमानुसार सांसद/विधायक को दो साल या उससे अधिक की सजा होने पर उनकी सदन की सदस्यता समाप्त हो जाती है.

शासकीय अधिवक्‍ता अजय तिवारी ने बताया कि भड़काऊ भाषण देने के मामले में रामपुर से सपा विधायक आजम खान के खिलाफ दर्ज मुकदमे में रामपुर की विशेष एमपी/एमएलए अदालत ने उन्हें भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 153ए (धार्मिक भावनाएं भड़काना), 505ए (विभिन्न समुदायों के बीच शत्रुता, घृणा या वैमनस्य की भावनाएं पैदा करने के आशय से असत्य कथन) और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 125 (चुनाव के सिलसिले में विभिन्न वर्गों के बीच वैमनस्य बढ़ाना) के तहत दोषी करार देते हुए तीन साल कैद की सजा सुनाई है.

अदालत के इस फैसले के कारण खान की विधानसभा सदस्यता भी खत्म हो सकती है. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा जुलाई 2013 में जारी दिशा-निर्देश के मुताबिक अगर सांसदों और विधायकों को किसी भी मामले में दो साल से ज्यादा की सजा होती है तो उनकी सदस्यता (संसद और विधानसभा से) समाप्त हो जाएगी.

सजा मिलने के बाद अदालत से बाहर आते वक्‍त संवाददाताओं से बातचीत में खां ने कहा, ‘यह अधिकतम सजा है. इस मामले में जमानत अनिवार्य शर्त है, उस आधार पर मुझे जमानत मिल गई है. मैं इंसाफ का कायल हो गया हूं.’

गौरतलब है कि आजम खान को हेट स्पीच के मामले में सजा सुनाई गई है, जो जमानती अपराध है और यह संभव है कि उन्हें इस मामले में जेल जाने की नौबत ना आए.

बता दें कि आजम खान पर 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान रामपुर जिले के मिलक कोतवाली इलाके के खातानगरिया गांव में जनसभा को संबोधित करने के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के प्रति अपमानजनक भाषा का इस्‍तेमाल करने और जिला प्रशासन के वरिष्‍ठ अधिकारियों को भला-बुरा कहकर भड़काऊ भाषण देने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया था. खान के इस बयान का वीडियो भी वायरल हुआ था.

एनडीटीवी के मुताबिक, आजम खान ने प्रधानमंत्री पर देश में ऐसा माहौल बनाने का आरोप लगाया था, जिसमें मुसलमानों का रहना मुश्किल हो गया था.

इस मामले में दोनों पक्षों की बहस 21 अक्टूबर को पूरी हो गई थी. दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद अदालत ने अगली सुनवाई के लिए 27 अक्टूबर की तिथि निर्धारित की थी.

गौरतलब है कि 2017 में उत्तर प्रदेश में भाजपा के सत्ता में आने के बाद से आजम खान के खिलाफ चोरी से लेकर भ्रष्टाचार तक के 87  मामले दर्ज किए गए.

जमीन कब्जाने से संबंधित मामले में वे करीब दो सालों तक जेल में रहे थे. इसी साल मई में सुप्रीम कोर्ट अंतरिम जमानत मिलने के बाद उन्हें जेल से रिहा किया गया था.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)