उद्योगपति एलन मस्क ने सोशल मीडिया कंपनी ट्विटर की कमान संभालते ही चार शीर्ष कार्यकारी अधिकारियों को हटा दिया है, जिनमें भारतीय मूल के सीईओ पराग अग्रवाल और कानूनी मामलों के कार्यकारी अधिकारी विजय गड्डे भी शामिल हैं.
न्यूयॉर्क: उद्योगपति एलन मस्क ट्विटर के नए मालिक बन गए हैं और उन्होंने इस सोशल मीडिया कंपनी की कमान संभालते ही चार शीर्ष कार्यकारी अधिकारियों को हटा दिया है, जिनमें भारतीय मूल के सीईओ (मुख्य कार्यकारी) पराग अग्रवाल और कानूनी मामलों के कार्यकारी अधिकारी विजय गड्डे भी शामिल हैं. मीडिया में आई खबरों में यह जानकारी दी गई है.
न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपनी खबर में कहा कि मस्क ने बृहस्पतिवार को ट्विटर को खरीदने के 44 अरब अमेरिकी डॉलर के करार को अमलीजामा पहना दिया.
मस्क ने ट्वीट कर कहा, ‘पक्षी (ट्विटर) को स्वतंत्र करा दिया गया है.’
the bird is freed
— Elon Musk (@elonmusk) October 28, 2022
खबर में इस मामले की जानकारी रखने वाले लोगों के हवाले से कहा गया है कि मस्क ने कम से कम चार शीर्ष कार्यकारी अधिकारियों को हटाने के साथ ही ट्विटर से अधिकारियों की छुट्टी का सिलसिला शुरू कर दिया है.
खबर के मुताबिक, ट्विटर के जिन कार्यकारी अधिकारियों को हटाया गया है, उनमें पराग अग्रवाल और विजय गड्डे के अलावा मुख्य वित्तीय अधिकारी नेड सेगल और जनरल काउंसिल सियान एजेट शामिल हैं.
उन्होंने उन पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर फर्जी अकाउंट्स की संख्या को लेकर उन्हें और ट्विटर निवेशकों को गुमराह करने का आरोप लगाया है.
पराग अग्रवाल को पिछले साल नवंबर में कंपनी के सह-संस्थापक जैक डोर्सी के इस्तीफे के बाद ट्विटर का सीईओ नियुक्त किया गया था.
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), बॉम्बे और स्टैनफॉर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई कर चुके पराग ने एक दशक से अधिक समय पहले ट्विटर में नौकरी शुरू की थी. उस समय कंपनी में 1,000 से भी कम कर्मचारी हुआ करते थे.
न्यूयॉर्क टाइम्स की खबर के अनुसार, ‘पिछले साल ट्विटर के सीईओ नियुक्त किए गए पराग अग्रवाल की मस्क के साथ सार्वजनिक और निजी रूप से कहासुनी हो गई थी. मस्क ने ‘कंटेंट मॉडरेशन’ (ऑनलाइन सामग्री की निगरानी और छंटनी की प्रक्रिया) के मामले में विजय गड्डे की भूमिका की भी सार्वजनिक तौर पर आलोचना की थी.’
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, ट्विटर के मालिक बनने के बाद इलेक्ट्रिक कार निर्माता टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने कहा है कि वो इस मंच को नफ़रत और विभाजन को फैलाने वाला माध्यम बनने से रोकना चाहते हैं.
उन्होंने कहा है कि उनकी योजना नौकरियों में कटौती करने की है, जिससे ट्विटर के लगभग 7,500 कर्मचारी अपने भविष्य के बारे में चिंतित हैं.
उन्होंने बृहस्पतिवार को यह भी कहा कि उन्होंने अधिक पैसा बनाने के लिए ट्विटर नहीं खरीदा, बल्कि मानवता की मदद करने की कोशिश करने के लिए, ऐसा किया जिसे वे प्यार करते हैं.
मालूम हो कि अप्रैल 2022 में अरबपति एलन मस्क ने करीब 44 अरब डॉलर में ट्विटर का अधिग्रहण करने का समझौता किया था.
ट्विटर के अधिग्रहण को लेकर दुनिया के सबसे अमीर शख्स एलन मस्क का कहना यह रहा है कि वह ट्विटर को इसलिए खरीदना चाहते हैं, क्योंकि उन्हें नहीं लगता कि यह स्वतंत्र अभिव्यक्ति के मंच के रूप में अपनी क्षमता पर खरा उतर पा रहा है. उन्होंने कहा था कि वे ट्विटर को पहले से बेहतर बनाना चाहते हैं, इसमें असाधारण क्षमता है और वह इसे अनलॉक करेंगे.
इसके बाद जुलाई 2022 में खबर आई थी कि एलन मस्क ने ट्विटर के अधिग्रहण का समझौता रद्द कर दिया है. मस्क ने कहा था कि कंपनी ट्विटर के फर्जी खातों की संख्या के बारे में पर्याप्त जानकारी नहीं दे सकी, जिसके चलते उन्होंने यह सौदा रद्द कर दिया. दूसरी ओर ट्विटर ने कहा कि वह इस सौदे को बरकरार रखने के लिए टेस्ला के सीईओ पर मुकदमा करेगी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)