कर्नाटक: यौन उत्पीड़न मामले में लिंगायत संत के ख़िलाफ़ आरोप-पत्र दायर

कर्नाटक के चित्रदुर्ग स्थित मुरुग मठ के मुख्य पुजारी शिवमूर्ति मुरुग शरणारू पर दो नाबालिग छात्राओं ने यौन शोषण करने का आरोप लगाया है. पुलिस ने अदालत में लिंगायत संत शरणारू, छात्रावास के वार्डन और एक अन्य व्यक्ति के ख़िलाफ़ आईपीसी, पॉक्सो और एससी/एसटी एक्ट के तहत आरोप-पत्र दायर किया है.

महंत शिवमूर्ति मुरुग शरणारू. (फोटो साभार: ट्विटर)

कर्नाटक के चित्रदुर्ग स्थित मुरुग मठ के मुख्य पुजारी शिवमूर्ति मुरुग शरणारू पर दो नाबालिग छात्राओं ने यौन शोषण करने का आरोप लगाया है. पुलिस ने अदालत में लिंगायत संत शरणारू, छात्रावास के वार्डन और एक अन्य व्यक्ति के ख़िलाफ़ आईपीसी, पॉक्सो और एससी/एसटी एक्ट के तहत आरोप-पत्र दायर किया है.

महंत शिवमूर्ति मुरुग शरणारू. (फोटो साभार: ट्विटर)

चित्रदुर्ग: कर्नाटक की चित्रदुर्ग जिले की पुलिस ने मुरुग मठ के प्रमुख लिंगायत संत शिवमूर्ति मुरुग शरणारू के खिलाफ जिला अदालत में 694 पन्नों का आरोप-पत्र दायर किया है. शरणारू पर नाबालिग लड़कियों का यौन उत्पीड़न करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है.

पुलिस ने अतिरिक्त जिला एवं सत्र अदालत में लिंगायत संत के अलावा छात्रावास के वार्डन और एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ आरोप-पत्र दायर किया.

दो लड़कियों ने एक गैरसरकारी संगठन ‘ओडानाडी सेवा संस्थान’ की मदद से 26 अगस्त 2022 को मैसूर पुलिस में लिंगायत संत शिवमूर्ति मुरुग शरणारू के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. यह मामला 27 अगस्त को चित्रदुर्ग पुलिस को ट्रांसफर कर दिया गया था.

कार्रवाई में देरी को लेकर हंगामे होने के बाद शिवमूर्ति मुरुग शरणारू को एक सितंबर को यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम और बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया था.

16 और 15 साल की उम्र की दो लड़कियों ने 25 अगस्त को बाल कल्याण समिति के सदस्यों को बताया था कि शरणारू द्वारा 1 जनवरी, 2019 से 6 जून, 2022 के बीच उनका यौन उत्पीड़न किया गया था.

लड़कियां चित्रदुर्ग में मठ द्वारा संचालित एक स्कूल की छात्राएं थीं और वहां एक छात्रावास में रहती थीं. उन्होंने इस साल जुलाई में मठ छात्रावास छोड़ दिया था.

शरणारू के खिलाफ अब तक तीन एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं. तीसरी एफआईआर में शरणारू और छात्रावास के वार्डन समेत छह लोगों को आरोपी बनाया गया है.

द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, आरोपों में बलात्कार, बार-बार बलात्कार, आपराधिक धमकी, सबूतों को गायब करना, जान-बूझकर जानकारी न देना, एससी/एसटी के सदस्य का अपमान करना शामिल है.

चित्रदुर्ग के पुलिस अधीक्षक एसपी के. परशुराम के अनुसार, चित्रदुर्ग के द्वितीय अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय में मुरुग मठ के संत शरणारू, छात्रावास की वार्डन रश्मि और मठ के प्रबंधक प्रमाशियावैय्या के खिलाफ आरोप-पत्र दायर किया गया है.

उन्होंने स्पष्ट किया कि आरोपी संख्या-3 (एक नाबालिग) तथा आरोपी संख्या-5 गंगाधर की संलिप्तता अभी तक स्थापित नहीं हुई है और सीआरपीसी की धारा 173 (8) के तहत जांच जारी है.

चित्रदुर्ग ग्रामीण पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 (2) (एन), 376 (डीए), 376 (3), 201, 202, 506 के साथ धारा 34, धारा 37, पोक्सो अधिनियम-2012, एससीएसटी एक्ट और धार्मिक संस्थान दुरुपयोग निवारण अधिनियम-1988 की विभिन्न धाराओं के अलावा किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण अधिनियम-2015) के तहत 28 अगस्त, 2022 को मामला दर्ज किया था.

अब जिला पुलिस ने जांच के बाद तीनों आरोपियों के खिलाफ समान धाराओं में आरोप-पत्र दाखिल किया है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)