नई व्यवस्था के तहत बीसीसीआई महिला क्रिकेटरों को भी अब पुरुष क्रिकेटरों के समान हर टेस्ट के लिए 15 लाख रुपये, वनडे के लिए छह लाख और टी-20 के लिए तीन लाख रुपये मैच फीस देगा. पहले महिला खिलाड़ियों को एक दिवसीय और टी-20 अंतरराष्ट्रीय मुकाबले के लिए एक लाख रुपये दिए जाते थे, जबकि टेस्ट मैच की फीस चार लाख रुपये थी.
नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए देश के सबसे लोकप्रिय खेल में लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के मकसद से केंद्रीय अनुबंधित महिला और पुरुष क्रिकेटरों को समान मैच फीस देने का फैसला किया है.
नई व्यवस्था के तहत बीसीसीआई महिला क्रिकेटरों को भी अब पुरुष क्रिकेटरों के समान हर टेस्ट के लिए 15 लाख रुपये, वनडे के लिए छह लाख और टी-20 के लिए तीन लाख रुपये मैच फीस देगा.
इससे पहले महिला खिलाड़ियों को हर एक दिवसीय और टी-20 अंतरराष्ट्रीय मुकाबले के लिए एक लाख रुपये दिए जाते थे, जबकि टेस्ट मैच की फीस चार लाख रुपये थी.
बीसीसीआई की शीर्ष परिषद की आपात बैठक में यह फैसला किया गया.
बीसीसीआई अध्यक्ष रोजर बिन्नी ने कहा, ‘इस फैसले से क्रिकेट की प्रगति और विकास का मंच तैयार होगा. मेरा मानना है कि यह महिला क्रिकेट और कुल मिलाकर खेल के लिए महत्वपूर्ण कदम होगा.’
बीसीसीआई सचिव जय शाह ने कहा, ‘यह एक ऐतिहासिक फैसला है और हम भारतीय क्रिकेट के नए युग में प्रवेश कर रहे हैं. मैं बीसीसीआई की शीर्ष परिषद में अपने साथियों को धन्यवाद देना चाहता हूं.’
The @BCCIWomen cricketers will be paid the same match fee as their male counterparts. Test (INR 15 lakhs), ODI (INR 6 lakhs), T20I (INR 3 lakhs). Pay equity was my commitment to our women cricketers and I thank the Apex Council for their support. Jai Hind 🇮🇳
— Jay Shah (@JayShah) October 27, 2022
जय शाह ने ट्वीट कर कहा, ‘मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि बीसीसीआई पक्षपात मिटाने की दिशा में पहला कदम उठा रहा है. हम अनुबंधित महिलाओं के लिए भी समान मैच फीस नीति लागू कर रहे हैं. भारतीय क्रिकेट में लैंगिक समानता के नए युग में हम महिला और पुरुष क्रिकेटरों को समान मैच फीस देंगे.’
इस साल की शुरुआत में न्यूजीलैंड क्रिकेट समान मैच फीस लागू करने वाला पहला बोर्ड था, जबकि क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया की लैंगिक असमानता को दूर करने की दिशा में काम कर रहा है.
भारत समान वेतन की व्यवस्था लागू करने वाला अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सिर्फ दूसरा देश है.
कोविड-19 महामारी के कारण मुकाबलों के रद्द और स्थगित होने के बावजूद भारत की पुरुष टीम ने पिछले दो साल में 21 टेस्ट मैच खेले, जबकि इसी दौरान महिला टीम ने इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिर्फ एक-एक टेस्ट खेला.
इससे कुछ दिन पहले ही बीसीसीआई के पूर्व कोषाध्यक्ष और अब आईपीएल अध्यक्ष अरुण धूमल ने घोषणा की थी कि देश के क्रिकेट बोर्ड के खजाने में पिछले तीन साल में लगभग छह हजार करोड़ रुपये का इजाफा हुआ है.
उम्मीद के मुताबिक क्रिकेट जगत ने इस कदम का स्वागत किया है.
भारत की महान क्रिकेटर मिताली राज ने कहा, ‘यह ऐतिहासिक कदम है. महिला क्रिकेट के लिए यह नया सवेरा है. समान मैच फीस और महिला आईपीएल महिला क्रिकेट को वहां तक ले जाने की दिशा में उठाए गए कदम हैं, जहां पुरुष क्रिकेट आज है.’
This is a historic decision for women’s cricket in India! The pay equity policy along with the WIPL next year, we are ushering into a new era for women's cricket in India. Thank you @JayShah Sir & the @BCCI for making this happen. Really happy today. https://t.co/xOwWAwsxfz
— Mithali Raj (@M_Raj03) October 27, 2022
उन्होंने कहा, ‘महिला क्रिकेट समुदाय का हिस्सा होने के नाते मैं बीसीसीआई और सचिव जय शाह को इसके लिए धन्यवाद देती हूं. हम 2017 से महिला क्रिकेट की लोकप्रियता और विकास देखते आ रहे हैं. यह सही दिशा में उठाया गया कदम है.’
वहीं, भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर ने ट्वीट कर लिखा, ‘महिलाओं और पुरुषों के लिए घोषित वेतन समानता के साथ ही भारत में महिला क्रिकेट के लिए एक ऐतिहासिक दिन है. बीसीसीआई और जय शाह को धन्यवाद.’
शीर्ष परिषद की निवर्तमान सदस्य और भारत की पूर्व खिलाड़ी शांता रंगास्वामी ने कहा, ‘यह क्रांतिकारी फैसला है. इससे साबित होता है कि भारत में महिलाओं को बराबरी की नजर से देखा जाता है और कोई पक्षपात नहीं है .मैं जय शाह, रोजर बिन्नी और राजीव शुक्ला को धन्यवाद देती हूं.’
भारत के पूर्व खिलाड़ी हरभजन सिंह ने भी बीसीसीआई के फैसले का स्वागत किया.
उन्होंने कहा, ‘बीसीसीआई ने दूसरे खेल संघों के लिए मानक स्थापित किए हैं. इससे महिलाओं को खेल में भागीदारी की प्रेरणा मिलेगी. ऐतिहासिक कदम.’
भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने हाल ही में एशिया कप में श्रीलंका को हराकर खिताब जीता था. इसके अलावा बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक भी जीता.
बीसीसीआई ने पिछली सालाना आम बैठक में अगले साल महिलाओं का पहला आईपीएल कराने की घोषणा की थी.