तेलंगाना विधायक ख़रीद: लीक ऑडियो में आरोपी ने कहा- ऊपर से मंज़ूरी मिली हुई है

तेलंगाना में सत्तारूढ़ टीआरएस के विधायकों की कथित ख़रीद मामले में लीक हुए एक कथित ऑडियो क्लिप में मुख्य आरोपी टीआरएस विधायक से कहता है कि 'सौदे' को 'नंबर एक और नंबर दो' की मंज़ूरी मिली हुई है. टीआरएस का दावा है कि 'नंबर एक-दो' का आशय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से है.

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विधयः खरीद-फरोख्त मामले का मुख्य आरोपी. (स्क्रीनग्रैब साभार: यूट्यूब)

तेलंगाना में सत्तारूढ़ टीआरएस के विधायकों की कथित ख़रीद मामले में लीक हुए एक कथित ऑडियो क्लिप में मुख्य आरोपी टीआरएस विधायक से कहता है कि ‘सौदे’ को ‘नंबर एक और नंबर दो’ की मंज़ूरी मिली हुई है. टीआरएस का दावा है कि ‘नंबर एक-दो’ का आशय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से है.

विधायक खरीद-फरोख्त मामले का मुख्य आरोपी. (स्क्रीनग्रैब साभार: यूट्यूब)

नई दिल्ली/हैदराबाद: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने के लिए तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के विधायकों को कथित रूप से रिश्वत देने के आरोप में तेलंगाना पुलिस द्वारा तीन लोगों को हिरासत में लिए जाने के एक दिन बाद मुख्य आरोपी रामचंद्र भारती उर्फ ​​सतीश शर्मा उर्फ स्वामीजी और एक टीआरएस विधायक पी. रोहित रेड्डी के बीच टेलीफोन पर हुई बातचीत का एक कथित ऑडियो क्लिप शुक्रवार (28 अक्टूबर) को सामने आया है.

रिपोर्ट के अनुसार, इसमें मुख्य आरोपी को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि एक बार रेड्डी पर्याप्त संख्या में टीआरएस विधायकों को शामिल कर लेते हैं, तो संतोष (कथित तौर पर बीएल संतोष, जो भाजपा के राष्ट्रीय सचिव हैं) ‘सौदे’ को अंतिम रूप देने के लिए हैदराबाद आएंगे.

बातचीत के दौरान बार-बार संतोष का नाम सुनाई देता है. भारती को यह कहते हुए भी सुना जा सकता है कि इस कदम को ‘नंबर एक’ और ‘नंबर दो’ सहित ‘ऊपर वाले’ लोगों ने मंजूरी दे दी है. टीआरएस के अनुसार, ‘नंबर एक’ और ‘दो’ का आशय क्रमशः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से है. करीब 14 मिनट के इस ऑडियो क्लिप को टीआरएस ने शुक्रवार को लीक किया है. द वायर  ने इस ऑडियो क्लिप की प्रामाणिकता की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं की है.

विधायकों की खरीद-फरोख्त के आरोपों ने राज्य में सियासी खलबली मचा दी है, जहां आगामी तीन नवंबर को मुनुगोड़े में उपचुनाव होना है और सीधा मुकाबला भाजपा और टीआरएस के बीच है.

साइबराबाद पुलिस के अनुसार, टीआरएस विधायक जी. बालाराजू (अचमपेट विधानसभा क्षेत्र), बी. हर्षवर्धन रेड्डी (कोल्लापुर), रेगा कांताराव (पिनापाका) और पायलट रोहित रेड्डी (तंदूर) को धन, ठेके और और पदों की पेशकश की गई थी. टीआरएस ने आरोप लगाया कि हर विधायक को सौ करोड़ रुपये तक की पेशकश की गई थी और आरोपी के भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व के साथ घनिष्ठ संबंध हैं.

कथित टेलीफोन बातचीत के दौरान एक समय पर भारती रेड्डी से पूछते हैं, ‘क्या आप नंबर दो के साथ नाम साझा कर सकते हैं?’

जब रेड्डी अन्य विधायकों, जो अपनी निष्ठा बदलने के लिए तैयार हैं, के नाम साझा करने में अनिच्छुक लगते हैं, तो भारती कहते हैं, ‘आपकी देखरेख हमारी ज़िम्मेदारी है. जब आप हमारे साथ हैं, तो आपको ईडी से लेकर आयकर तक किसी की चिंता करने की ज़रूरत नहीं है. हमारे पास बंगाल का अच्छा अनुभव है.’

भारती को यह कहते हुए भी सुना जाता है कि संतोष ‘नंबर टू’ को लेकर अहमदाबाद गए थे और ‘सबके तैयार होने के बाद’ मामले को उठाया जाएगा. वे यह भी कहते हैं कि उन्हें ‘योग्य नेताओं’ की जरूरत है, साथ ही यह आश्वासन भी देते हैं कि ‘सभी बातों’ का ध्यान रखा जाएगा और वे चिंता न करें.

इस पर एक अन्य आरोपी नंद कुमार बात काटते हुए और 25 अक्टूबर को हुए सूर्य ग्रहण का हवाला देते हुए कहते हैं कि इस दिन के बाद एक बैठक का समय तय कर सकते हैं.

शुक्रवार को ऑडियो लीक होने के बाद टीआरएस ने भाजपा पर जोरदार हमला किया. द न्यू इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, टीआरएस नेता और राज्य के ऊर्जा मंत्री जी. जगदीश रेड्डी ने कहा, ‘हम लोगों के सामने भाजपा को बेनकाब करेंगे. मुनुगोड़े विधानसभा उपचुनाव के नतीजों के साथ भाजपा के पतन की शुरुआत होगी.’

इस बीच, आरोपियों को बृहस्पतिवार को गिरफ्तार किया गया था और हैदराबाद की भ्रष्टाचार रोधी (एसीबी) अदालत के न्यायाधीश के सामने पेश किया गया, जिसने पुलिस की तीनों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजने की याचिका खारिज कर दी. न्यायाधीश ने पुलिस को दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 41 के तहत नोटिस जारी करने का निर्देश देते हुए आरोपियों को रिहा करने का आदेश दिया. इसके बाद, पुलिस ने एसीबी अदालत के फैसले को चुनौती देते हुए तेलंगाना हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.

पुलिस के अनुसार, आरोपियों की पहचान हरियाणा के फरीदाबाद के पुजारी रामचंद्र भारती उर्फ ​​सतीश शर्मा, तिरुपति में श्रीमनाथ राजा पीठम के पुजारी संत डी. सिम्हयाजी और हैदराबाद में एक रेस्तरां डेक्कन प्राइड के मालिक नंदकुमार के तौर पर हुई है.

भाजपा ने प्रकरण को टीआरएस की साज़िश बताया, जांच की मांग उठाई

इस बीच, भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी ने इस घटना को मुनुगोड़े उपचुनाव से पहले भाजपा को बदनाम करने के लिए टीआरएस द्वारा ‘स्क्रिप्टेड फ्लॉप शो’ बताया. उन्होंने दावा किया कि पूरे प्रकरण को टीआरएस सुप्रीमो और मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव के इशारे पर अंजाम दिया गया है.

केंद्रीय मंत्री ने पूरे प्रकरण की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) या उच्चतम न्यायालय के एक मौजूदा न्यायाधीश से जांच कराने की भी मांग की है.

उन्होंने कहा, ‘अगर टीआरएस सरकार का मन साफ है, तो मैं अनुरोध करता हूं कि मामला सीबीआई को सौंप दिया जाए. मैं पूछ रहा हूं कि क्या राज्य सरकार इसके लिए तैयार है? मैं दो विकल्प दे रहा हूं. या तो आप सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा जज से इसकी जांच करवाएं या सीबीआई को सौंप दें क्योंकि यह एक अंतरराज्यीय मुद्दा है.’

उनके अलावा भाजपा विधायक एम. रघुनंदन राव ने मामले की जांच के लिए यहां ईडी को एक ज्ञापन सौंपा है. भाजपा पहले ही घोषणा कर चुकी है कि वह सत्तारूढ़ टीआरएस के आरोपों पर सच्चाई सामने लाने के लिए इस मुद्दे की उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हुए अदालत का रुख करेगी.

ईडी को अपने आवेदन में रघुनंदन राव ने कहा कि मीडिया की खबरों में कहा गया है कि पुलिस ने टीआरएस से जुड़े विधायकों को रिश्वत देने के प्रयास के लिए तीन लोगों की गिरफ्तारी के दौरान एक बड़ी राशि जब्त की, लेकिन हिरासत रिपोर्ट या प्राथमिकी में धन के विवरण का उल्लेख नहीं है.

घटनाओं के संदर्भ में उन्होंने नियमों का हवाला देते हुए कहा कि कोई भी एक बार में दो लाख रुपये से अधिक की नकदी नहीं रख सकता है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)