फ़र्ज़ी ख़बरें राष्ट्रीय चिंता का विषय बन सकती हैं, कोई संदेश भेजने से पहले 10 बार सोचें: मोदी

एक आयोजन में विभिन्न राज्यों के गृह मंत्रियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुलिस के लिए 'एक राष्ट्र-एक वर्दी' नीति अपनाने के लिए भी कहा. साथ ही, उन्होंने कहा कि देश के युवाओं को गुमराह होने से रोकने के लिए नक्सलवाद के हर स्वरूप को उखाड़ फेंकना होगा, वह चाहे बंदूक का हो या फिर कलम का.

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New Delhi: Prime Minister Narendra Modi addressing on the occasion of 150th Birth Anniversary of Jain Muni Shri Vijay Vallabh Surishwar Ji, via video message on October 26, 2022. (PTI Photo)

गृह मंत्रालय के चिंतन शिविर कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुलिस के लिए ‘एक राष्ट्र-एक वर्दी’ नीति अपनाने के लिए भी कहा. साथ ही कहा कि देश के युवाओं को गुमराह होने से रोकने के लिए नक्सलवाद के हर स्वरूप को उखाड़ फेंकना होगा, वह चाहे बंदूक का हो या फिर कलम का.

(फोटो: पीटीआई)

सूरजकुंड: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि कोई एक फर्जी खबर भी तेजी से फैलकर राष्ट्रीय चिंता का विषय बनने की क्षमता रखती है, लिहाजा उन पर लगाम कसने के लिए देश को उन्नत तकनीक पर जोर देना होगा.

प्रधानमंत्री ने हरियाणा के सूरजकुंड में आयोजित राज्यों के गृह मंत्रियों के दो दिवसीय ‘चिंतन शिविर’ को संबोधित करते हुए ऐसी किसी भी जानकारी को दूसरों के पास आगे भेजने से पहले विश्लेषण और सत्यापित करने के बारे में लोगों को शिक्षित करने की आवश्यकता पर बल दिया.

उन्होंने कहा, ‘किसी भी जानकारी को आगे भेजने से पहले 10 बार सोचना चाहिए और इस पर विश्वास करने से पहले इसे सत्यापित करना अत्यंत आवश्यक है. हर मंच पर ऐसी सूचनाओं को सत्यापित करने के तरीके हैं. यदि आप विभिन्न स्रोतों के माध्यम से इसकी जांच परख करेंगे तो आपको इसका एक नया संस्करण मिलेगा.’

प्रधानमंत्री ने कहा कि सोशल मीडिया को सिर्फ जानकारी के स्रोत के रूप में ही सीमित नहीं किया जाना चाहिए.

उन्होंने कहा कि एक फर्जी खबर भी तेजी से फैलकर राष्ट्रीय चिंता का विषय बनने की क्षमता रखती है.

उन्होंने कहा कि नौकरियों में आरक्षण के बारे में पूर्व में चली फर्जी खबरों के कारण भारत को नुकसान भी हुआ है. उन्होंने कहा, ‘इनके प्रवाह को रोकने के लिए हमें उन्नत प्रौद्योगिकी पर जोर देना होगा.’

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आरक्षण के मुद्दे के दौरान, हमने देखा कि किस तरह की फर्जी खबरें फैलाई गईं और उसके बाद हिंसा हुई. हालांकि, 5-6 घंटे बाद चीजें साफ हो गईं, लेकिन हमें नुकसान उठाना पड़ा. जरूरत है कि लोगों को इस बारे में शिक्षित किया जाए कि किसी भी सूचना को आगे बढ़ाने से पहले 10 स्रोतों से वे उसका विश्लेषण और सत्यापन करें. हमें फेक न्यूज के प्रसार को रोकने के लिए तकनीकी प्रगति के साथ आगे आना होगा.’

पुलिस के लिए ‘एक राष्ट्र, एक वर्दी’ का प्रस्ताव

इस दौरान प्रधानमंत्री ने पुलिस के लिए ‘एक राष्ट्र, एक वर्दी’ का विचार रखा और राज्यों से आग्रह किया कि वे देश भर में पुलिस की एक वर्दी होने पर विचार करें, जिसमें राज्यों को अपना नंबर या प्रतीक चिह्न रखने की स्वतंत्रता होगी.

उन्होंने कहा, ‘पुलिस के लिए ‘एक राष्ट्र, एक वर्दी’ सिर्फ एक विचार है. मैं यह आप सभी पर थोपने की कोशिश नहीं कर रहा. इसके बारे में आप सोचिए. यह 5, 50 या 100 सालों में हो सकता है. लेकिन हमें इसके बारे में विचार करना चाहिए.’

उन्होंने कहा कि इससे यह सुनिश्चित होगा कि देश भर में पुलिस की पहचान एक समान हो.

उन्होंने कहा, ‘वर्तमान में हमारे देश में ‘एक राष्ट्र-एक राशन कार्ड’, ‘एक राष्ट्र- एक मोबिलिटी कार्ड’, ‘एक राष्ट्र-एक ग्रिड’, ‘एक राष्ट्र-एक सांकेतिक भाषा’ हैं. इसी तरह सभी राज्यों को ‘एक राष्ट्र-एक वर्दी’ नीति के बारे में सोचना चाहिए.’

उन्होंने आगे कहा, ‘इससे कानून प्रवर्तक कर्मचारियों को एक समान पहचान मिलेगी, क्योंकि लोग पुलिसकर्मियों को देश में कहीं भी पहचान सकेंगे. एक पोस्ट बॉक्स की तरह जिसकी एक अलग पहचान होती है, पुलिस की वर्दी पूरे देश में पहचान योग्य होनी चाहिए.’

प्रधानमंत्री ने साथ ही उन ताकतों से आगाह किया, जो युवाओं को चरमपंथ की ओर धकेलने और आने वाली पीढ़ियों के दिमाग को विकृत करने के लिए अपने बौद्धिक दायरे को बढ़ा रहे हैं.

उन्होंने कहा, ‘देश के युवाओं को गुमराह होने से रोकने के लिए नक्सलवाद के हर स्वरूप को उखाड़ फेंकना होगा, वह चाहे बंदूक का हो या फिर कलम का.’

मोदी ने कहा कि देश की एकता और अखंडता की खातिर और सरदार पटेल की प्रेरणा से हम ऐसी किसी ताकत को अपने देश में पनपने नहीं दे सकते.

उन्होंने कहा कि ऐसी ताकतों को अंतरराष्ट्रीय मदद भी मिलती है.

अपराध और अपराधियों पर नकेल कसने के लिए राज्यों के बीच निकट सहयोग की वकालत करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सहकारी संघवाद न सिर्फ संविधान की भावना है, बल्कि यह केंद्र और राज्यों की जिम्मेदारी भी है.

उन्होंने सभी राज्य सरकारों से पुराने कानूनों की समीक्षा करने और आज के संदर्भ में उनमें सुधार करने का आग्रह किया. उन्होंने कानून-व्यवस्था और सुरक्षा की उभरती चुनौतियों के समाधान के लिए सभी एजेंसियों के बीच समन्वित कार्रवाई की भी गुजारिश की.

मोदी ने कहा कि पुलिस के बारे में अच्छी धारणा बनाए रखना बहुत महत्वपूर्ण है और इस राह में जो खामियां विद्यमान हैं, उन्हें दूर किया जाना चाहिए.

प्रधानमंत्री ने कहा कि यद्यपि संविधान के हिसाब से कानून-व्यवस्था राज्यों का विषय है लेकिन यह देश की एकता और अखंडता से भी उतना ही जुड़ा हुआ है.

उन्होंने कहा, ‘हर एक राज्य एक दूसरे से सीखे, एक दूसरे से प्रेरणा ले और आंतरिक सुरक्षा के लिए मिलकर काम करे. आंतरिक सुरक्षा के लिए राज्यों का साथ मिलकर काम करना संवैधानिक अनिवार्यता है और साथ ही देश के प्रति जिम्मेदारी भी है.’

प्रधानमंत्री ने कहा कि सभी एजेंसी को, वह चाहे केंद्र की हों या राज्यों की, एक दूसरे का सहयोग करना चाहिए, ताकि दक्षता बढ़े, बेहतर परिणाम सामने आएं और आम जन को सुरक्षा मिले.

मोदी ने कहा कि कानून-व्यवस्था के पूरे तंत्र के लिए भरोसेमंद होना बहुत महत्वपूर्ण है और इसके लिए आम जन से पुलिस का संबंध और संवाद बेहतर होना चाहिए ताकि उनके बारे में अच्छी धारणा बने.

मोदी ने कहा कि पिछले वर्षों में भारत सरकार के स्तर पर कानून व्यवस्था से जुड़े सुधार हुए हैं, जिसने पूरे देश में शांति का वातावरण बनाने का काम किया है.

इस शिविर में राज्यों के गृह मंत्रियों के अलावा वहां के गृह सचिव, पुलिस महानिदेशक और केंद्रीय सुरक्षा बलों के महानिदेशक भी शामिल हुए.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)