सरकार ने चीनी निर्यात पर लगाई गई रोक एक साल के लिए बढ़ाई

सरकार ने इस साल एक जून से चीनी के निर्यात पर पाबंदी लगा दी थी, जो 31 अक्टूबर को ही ख़त्म होने वाली थी. हालांकि, विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने बताया कि इसे अब अक्टूबर 2023 तक बढ़ा दिया गया है.

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(फाइल फोटो: रॉयटर्स)

सरकार ने इस साल एक जून से चीनी के निर्यात पर पाबंदी लगा दी थी, जो 31 अक्टूबर को ही ख़त्म होने वाली थी. हालांकि, विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने बताया कि इसे अब अक्टूबर 2023 तक बढ़ा दिया गया है.

(फाइल फोटो: रॉयटर्स)

नई दिल्ली: सरकार ने घरेलू बाजार में चीनी की उपलब्धता बनाए रखने की बात कहते हुए इसके निर्यात पर लगी पाबंदियों को अगले साल 31 अक्टूबर तक के लिए बढ़ा दिया है.

गौरतलब है कि सरकार ने इस साल एक जून से चीनी के निर्यात पर पाबंदी लगा दी थी, जिसका उद्देश्य घरेलू बाजार में इसकी उपलब्धता बढ़ाना और मूल्य वृद्धि को रोकना बताया गया था. चीनी निर्यात पर लगी यह बंदिशें इस साल 31 अक्टूबर को ही खत्म होने वाली थीं, लेकिन विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने अब इसे एक साल के लिए बढ़ा दिया है.

डीजीएफटी ने शुक्रवार शाम को जारी एक अधिसूचना में इसकी जानकारी देते हुए कहा, ‘कच्ची, रिफाइंड और सफेद चीनी के निर्यात पर लगी पाबंदियों को 31 अक्टूबर, 2022 से आगे 31 अक्टूबर, 2023 या फिर अगले आदेश तक के लिए बढ़ा दिया गया है. इससे संबंधित बाकी सारी शर्तें अपरिवर्तित रहेंगी.’

हालांकि सरकार ने यह साफ किया है कि ये पाबंदियां यूरोपीय संघ (ईयू) और अमेरिका को सीएक्सएल और टीआरक्यू शुल्क रियायत कोटा के तहत किए जाने वाले निर्यात पर लागू नहीं होंगी. इन दोनों बाजारों में सीएक्सएल और टीआरक्यू व्यवस्था के तहत एक तय मात्रा में चीनी निर्यात की जाती है.

एक निर्यातक को चीनी निर्यात करने के लिए सरकार से लाइसेंस यानी अनुमति की जरूरत होगी. चीनी निर्यात के प्रतिबंधित वस्तुओं की श्रेणी में आती है.

भारत चीनी का सबसे बड़ा उत्पादक होने के साथ इस साल दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक भी रहा है.

चीनी उद्योग मंडल इस्मा ने कहा है कि चीनी विपणन सत्र 2022-23 में देश का चीनी उत्पादन 3.65 करोड़ टन होने का अनुमान है, जो एक साल पहले की अवधि की तुलना में दो प्रतिशत अधिक होगा. इथेनॉल के लिए अधिक डायवर्जन के बावजूद उत्पादन में अनुमानित वृद्धि के साथ इस्मा को इस सत्र में लगभग 90 लाख टन चीनी का निर्यात होने की उम्मीद है.

भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) ने चालू चीनी सत्र के लिए अपना पहला अनुमान जारी करते हुए कहा, ‘गन्ने के शीरे या सिरप और बी-शीरा को इथेनॉल में बदलने के कारण चीनी उत्पादन में 45 लाख टन की कमी करने के बाद वर्ष 2022-23 में 3.65 करोड़ टन चीनी उत्पादन का अनुमान है.’

निर्यात के बारे में उद्योग निकाय ने कहा है कि इस साल भारतीय चीनी के लिए निर्यात की संभावना कम प्रतीत होती है क्योंकि ब्राजील की चीनी मई 2023 तक वैश्विक बाजार में आ जाएगी.

स्थापित परंपरा के तहत इस्मा जनवरी 2023 में गन्ने और चीनी उत्पादन अनुमानों की एक बार फिर समीक्षा करेगा.

मई महीने में चीनी के निर्यात पर रोक लगाने के निर्णय से पहले सरकार ने गेहूं के निर्यात पर भी तत्काल प्रभाव से रोक लगाई थी. इसके बाद अगस्त महीने में बढ़ती क़ीमतें नियंत्रित करने का हवाला देते हुए गेहूं के आटे के निर्यात पर पाबंदी लगाई गई थी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)