आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने गुजरात सरकार के समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए समिति गठित करने के निर्णय पर कहा कि क्या भाजपा इसे पूरे देश में लागू करने के लिए लोकसभा चुनाव का इंतज़ार कर रही है!
भावनगर: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लागू करने के लिए गुजरात में समिति गठित करने के कदम पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार की मंशा पर रविवार को सवाल उठाते हुए कहा कि अगर पार्टी ऐसा करना चाहती है तो इसे पूरे देश में लागू किया जाना चाहिए.
केजरीवाल ने पूछा कि क्या भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार इस दिशा में कदम उठाने के लिए लोकसभा चुनाव का इंतजार कर रही है.
आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अपने गुजरात दौरे के तीसरे दिन भावनगर में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे.
Constitution में लिखा है Uniform Civil Code बनाना Govt की जिम्मेदारी
सभी समुदायों को साथ लेकर UCC बनना चाहिए
BJP की नियत खराब है। UK और अब Gujarat चुनाव के पहले समिति बनाई, चुनाव के बाद समिति घर गई
UP,MP, पूरे देश के लिए क्यों नहीं बनाते?
-CM @ArvindKejriwal #EkMokoKejriwalNe pic.twitter.com/09lsEyoQOa
— AAP (@AamAadmiParty) October 30, 2022
इस साल के अंत में होने वाले 182-सदस्यीय विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र निर्वाचन आयोग इस सप्ताह चुनाव कार्यक्रम की घोषणा कर सकता है.
गुजरात सरकार ने शनिवार को कहा था कि समान नागरिक संहिता को लागू करने के मकसद से उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक समिति बनाने का फैसला किया गया है.
केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने बताया था कि चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता लागू होने से पहले समिति का गठन किया जाएगा.
गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने कहा था कि यह निर्णय संविधान के भाग-चार के अनुच्छेद-44 के प्रावधानों के अनुसार लिया गया था, जो राज्य सरकार से सभी नागरिकों के लिए समान कानून लागू करने की अपेक्षा करता है.
गुजरात सरकार के फैसले पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में केजरीवाल ने कहा, ‘उनकी मंशा खराब है.’
उन्होंने कहा, ‘संविधान के अनुच्छेद- 44 में ये साफ-साफ लिखा है कि समान नागरिक संहिता बनाना सरकार की ज़िम्मेदारी है. सरकार को समान नागरिक संहिता बनानी चाहिए और ये ऐसी बननी चाहिए जिसमें सभी समुदायों की रजामंदी हो.’
केजरीवाल ने कहा कि भाजपा ने उत्तराखंड विधानसभा चुनाव से पहले भी इसी तरह की समिति बनाई थी.
उन्होंने कहा, ‘भारतीय जनता पार्टी ने उत्तराखंड चुनाव जीतने से पहले एक समिति बनाई जो जीतने के बाद अपने घर चली गई. अब गुजरात के चुनाव से कुछ दिन पहले एक समिति बनाई और इसके सदस्य भी चुनाव के बाद अपने घर चले जाएंगे.’
केजरीवाल ने यह भी कहा कि भाजपा शासित मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में ऐसी कोई समिति क्यों नहीं बनाई गई.
उन्होंने पूछा, ‘अगर इनकी (भाजपा) नीयत समान नागरिक संहिता बनाने की है तो यह इसे पूरे देश में क्यों नहीं लागू करते? लोकसभा चुनाव का इंतज़ार कर रहे हैं क्या?’ तो पहले आप उनसे पूछना कि केजरीवाल कह रहे हैं कि आपको समान नागरिक संहिता लागू करना ही नहीं है, आपकी नीयत खराब है.’
चुनावी राज्य गुजरात के अपने दौरे के तीसरे दिन केजरीवाल ने स्थानीय कोली समुदाय के नेता और सामाजिक कार्यकर्ता राजू सोलंकी का आम आदमी पार्टी में स्वागत किया, जो अपने बेटे बृजराजसिंह सोलंकी के साथ पार्टी में शामिल हुए थे.
कोली समुदाया अन्य पिछड़ा वर्ग के तहत आता है और राज्य के विभिन्न हिस्सों में इस समुदाय के लोगों की पर्याप्त संख्या है.
उल्लेखनीय है कि इससे पहले उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश की भाजपा सरकारों ने अपने-अपने राज्यों में यूसीसी लागू करने की घोषणा की थी।
गुजरात चुनाव में वोट पाने के लिए भाजपा समान नागरिक संहिता का मुद्दा उठा रही है: ओवैसी
इससे पहले ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने शनिवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) गुजरात विधानसभा चुनाव में वोट हासिल करने और अपने हिंदुत्व के एजेंडा को आगे बढ़ाने के लिए समान नागरिक संहिता का मुद्दा उठा रही है.
बनासकांठा जिले के वडगाम में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए ओवैसी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय को बताया था कि यूसीसी को लागू करना केंद्र का अधिकार है, न कि राज्यों का.
उन्होंने कहा, ‘‘क्या यह सच नहीं है कि बाबासाहेब आंबेडकर ने कहा था कि समान नागरिक संहिता स्वैच्छिक होनी चाहिए और अनिवार्य नहीं. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा केवल अपने हिंदुत्व के एजेंडा के साथ आगे बढ़ना चाहती है और वोट पाने के लिए चुनाव से पहले ऐसे मुद्दों को उठाने की उसकी आदत है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)