क़तर में 20 नवंबर से फुटबॉल विश्वकप की शुरुआत होनी है, उससे पहले ही विदेशी कामगारों को उनके आवासों से बेदख़ल किया जा रहा है. एक दर्जन से अधिक इमारतों को अधिकारियों द्वारा ख़ाली कराकर बंद कर दिया गया है, जिससे मुख्य तौर पर एशियाई और अफ्रीकी श्रमिक अपने लिए आश्रय खोजने को मजबूर हुए हैं.
दोहा: कतर की राजधानी दोहा में फुटबॉल विश्वकप की तैयारियों के बीच हजारों विदेशी श्रमिकों के आवास वाले अपार्टमेंट खाली करा लिए गए हैं. यह सभी उसी क्षेत्र में खाली कराए गए हैं, जहां इस प्रतियोगिता के दौरान आने वाले प्रशंसक रुकेंगे.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स को घरों से निकाले गए श्रमिकों ने यह जानकारी दी है.
उन्होंने बताया कि एक दर्जन से अधिक इमारतों को अधिकारियों द्वारा खाली कराकर बंद कर दिया गया है, जिससे मुख्य तौर पर एशियाई और अफ्रीकी श्रमिक अपने लिए आश्रय खोजने को मजबूर हुए हैं, जिनमें ऐसे श्रमिक भी शामिल हैं, जो अपने पुराने घरों के बाहर ही फुटपाथ पर बिस्तर लगाकर पड़े हैं.
यह कदम 20 नवंबर से शुरू होने वाले फुटबॉल विश्वकप से चार सप्ताह से भी कम समय पहले उठाया गया है, जिसने विदेशी कामगारों के साथ कतर के व्यवहार को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान खींचा है.
दोहा के अल मंसौरा जिला स्थित एक इमारत, जिसमें 1,200 लोग रहते हैं, के निवासियों के मुताबिक अधिकारियों ने बुधवार रात करीब 8 बजे कहा कि उनके पास यहां से जाने के लिए केवल दो घंटे हैं.
उन्होंने बताया कि नगर निगम के अधिकारी रात करीब 10:30 बजे लौटे और सभी को जबरन बाहर निकालकर इमारत के दरवाजों पर ताला लगा दिया. कुछ लोग अपना सामान लेने के लिए समय पर नहीं लौट पाए थे.
अगले दिन एक व्यक्ति ने रॉयटर्स को बताया, ‘हमारे पास जाने के लिए कोई जगह नहीं है.’ वह व्यक्ति 10 अन्य लोगों के साथ दूसरे दिन भी बाहर खुले में सोने की तैयारी कर रहे थे, उनमें से कुछ गर्मी और उमस के चलते बिना शर्ट के थे.
उन्होंने और अधिकांश अन्य कर्मचारी जिन्होंने रॉयटर्स से बाती की, अपने नाम और निजी जानकारी बताने से इनकार कर दिया. उन्हें डर था कि कहीं उनके अधिकारी या नियोक्ता उन पर प्रतिशोध की कार्रवाई न कर दें.
पास में ही पांच लोग एक पिकअप ट्रक के पिछले हिस्से में गद्दा और एक छोटा फ्रीज लाद रहे थे. उन्होंने कहा कि उन्हें दोहा से करीब 40 किलोमीटर दूर उत्तर में एक कमरा मिल गया है.
कतर सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि आवासों से बेदखल किए जाने का संबंध विश्वकप से नहीं है और ‘दोहा के क्षेत्रों को फिर से व्यवस्थित करने के लिए चल रही व्यापक और दीर्घकालिक योजनाओं के अनुरूप’ डिजाइन किया गया है.
अधिकारी ने कहा, ‘सबको सुरक्षित और उपयुक्त आवास में वापस रखा गया है.’ साथ ही, उन्होंने कहा कि उचित नोटिस भेजकर आवास खाली करने का आग्रह किया गया था.
रिपोर्ट के अनुसार, विश्वकप का आयोजन करा रहा वैश्विक फुटबॉल निकाय फीफा ने इस संबंध में टिप्पणी के अनुरोध का जवाब नहीं दिया है और कतर के विश्वकप आयोजकों ने सरकार को जांच-पड़ताल करने का निर्देश दिया है.
जानबूझकर अलग-थलग करना
कतर की 30 लाख आबादी में से करीब 85 फीसदी विदेशी कामगार हैं. बेदखल किए गए लोगों में से कई ड्राइवर, दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम करते हैं या कंपनियों के साथ उनके अनुबंध हैं, लेकिन अपने आवास के लिए स्वयं जिम्मेदार हैं – ये उन प्रमुख निर्माण इकाइयों के लिए काम करने वाले कामगारों से अलग हैं, जो हजारों लोगों वाले आवास शिविरों में रहते हैं.
एक कामगार ने बताया कि बेदखली की कार्रवाई में अकेले रहने वाले पुरुषों को निशाना बनाया गया है, जबकि परिवारों के साथ रहने वाले विदेशी कामगार अप्रभावित रहे हैं.
रॉयटर्स की रिपोर्ट ने ऐसी दर्जन भर से अधिक इमारतों को देखा, रहवासियों के मुताबिक जहां से लोगों को बेदखल किया गया है, कुछ इमारतों की बिजली बंद थी.
ऐसी ज्यादातर इमारतें उन इमारतों के पड़ोस में थीं, जिन्हें सरकार ने विश्वकप के प्रशंसकों के आवास के लिए किराये पर दिया है.
कतर के अधिकारी ने कहा कि नगर निगम 2010 के देश के कानून को लागू कर रहा है, जो परिवार के आवासीय इलाकों में मजदूरों के शिविर पर प्रतिबंध लगाता है और उन्हें लोगों को बाहर निकालने की शक्ति देता है.
मध्य पूर्व में विदेशी कामगारों के लिए अभियान चलाने वाले माइग्रेंट-राइट्स डॉट ओआरजी की परियोजना निदेशक वाणी सरस्वती ने कहा यह जान-बूझकर अलग-थलग किए जाने की कवायद है.
एक बांग्लादेशी ड्राइवर मोहम्मद ने कहा कि जिन मजदूरों ने विश्वकप की मेजबानी के लिए कतर में बुनियादी ढांचा खड़ा किया, उन्हें ही टूर्नामेंट करीब आने के साथ किनारे किया जा रहा है.
उन्होंने कहा, ‘स्टेडियम किसने बनाए? सड़कें किसने बनाईं? सब कुछ किसने बनाया? बंगाली, पाकिस्तानियों ने. हमारे जैसे लोगों ने. अब वे हम सबको बाहर जाने को कह रहे हैं.’