मोरबी पुल हादसा: ओरेवा समूह के चार कर्मचारियों सहित नौ लोग गिरफ़्तार

गुजरात के मोरबी शहर में मच्छू नदी पर एक सदी से भी ज्यादा पुराना केबल पुल बीते 30 अक्टूबर की शाम टूट गया था. इस हादसे में क़रीब 141 लोगों की मौत हो गई है. इस पुल के रखरखाव और संचालन का ठेका ओरेवा समूह को मिला था.

मोरबी में माच्छू नदी पर टूटा पुल. (फाइल फोटो: पीटीआई)

गुजरात के मोरबी शहर में मच्छू नदी पर एक सदी से भी ज्यादा पुराना केबल पुल बीते 30 अक्टूबर की शाम टूट गया था. इस हादसे में क़रीब 141 लोगों की मौत हो गई है. इस पुल के रखरखाव और संचालन का ठेका ओरेवा समूह को मिला था.

मोरबी में माच्छू नदी पर पुल के टूट जाने के बाद बचाव अभियान के दौरान लोग घटनास्थल पर जमा हो गए. (फोटो: पीटीआई)

मोरबी: गुजरात के मोरबी शहर में मच्छु नदी पर तारों का पुल टूटने के मामले में सोमवार को ओरेवा समूह ग्रुप के चार कर्मचारियों समेत नौ लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी.

ब्रिटिश काल के दौरान बने इस पुल के रखरखाव और संचालन का ठेका ओरेवा समूह को मिला था. इस हादसे में करीब 141 लोगों की मौत हो गई है.

राजकोट रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) अशोक यादव ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘इन नौ लोगों में से दो लोग मैनेजर हैं, जबकि दो पुल के पास टिकट बुकिंग क्लर्क हैं. हम गहन जांच करेंगे और दोषियों को नहीं बख्शा जाएगा.’

उन्होंने कहा कि अन्य पांच आरोपियों में ओरेवा समूह द्वारा काम पर रखे गए दो मरम्मत ठेकेदार और पुल पर सुरक्षाकर्मियों के रूप में काम करने वाले तीन लोग शामिल हैं.

पुलिस ने केबल पुल के रखरखाव और संचालन का काम देखने वाली एजेंसियों के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या के आरोप में एक एफआईआर दर्ज की है.

पुलिस के अनुसार भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 304 (गैर-इरादतन हत्या की सजा) और 308 (गैर-इरादतन हत्या का प्रयास) के तहत मामला मोरबी में दर्ज किया गया है.

‘बी’ डिवीजन के पुलिस निरीक्षक प्रकाश देकीवाडिया द्वारा दर्ज एफआईआर में कहा गया है कि मोरबी शहर में मच्छु नदी पर बना पुल लगभग आठ महीने से उपयोग में नहीं था और स्थानीय प्रशासन ने इसके रखरखाव के लिए एक ‘निजी एजेंसी’ को नियुक्त किया था.

रिपोर्ट के मुताबिक, एफआईआर में कहा गया है कि रखरखाव पूरा होने के बाद एजेंसी ने 26 अक्टूबर को पुल को जनता के लिए खोल दिया.

एफआईआर के अनुसार, घटना एजेंसी के लोगों के ‘क्रूर रवैये’ के कारण हुई. एफआईआर में आगे कहा गया है कि संबंधित व्यक्तियों या एजेंसियों ने पुल के रखरखाव की गुणवत्ता के साथ-साथ मरम्मत कार्य पर भी ध्यान नहीं दिया.

एफआईआर में कहा गया है कि एजेंसी द्वारा पुल के रखरखाव और प्रबंधन में उनके ‘कठोर रवैये’ के कारण लोगों की मौत हो सकती है, यह जानने के बावजूद एजेंसी द्वारा पर्यटकों के लिए पुल खोला गया था.

एसपी राहुल त्रिपाठी ने कहा, ‘हमने एफआईआर दर्ज कर ली है और ओरेवा कंपनी के कर्मचारियों से संपर्क स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं जो कल पुल पर ड्यूटी पर थे.’

मालूम हो कि गुजरात की राजधानी गांधीनगर से करीब 300 किलोमीटर दूर स्थित मोरबी में मच्छू नदी पर एक सदी से भी ज्यादा पुराना केबल पुल बीते 30 अक्टूबर की शाम टूट गया था.

गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने मोरबी में संवाददाताओं से कहा था कि राज्य सरकार ने इस हादसे की जांच के लिए एक समिति का गठन किया है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)