प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने झारखंड में कथित अवैध खनन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को तीन नवंबर को पूछताछ के लिए समन जारी किया है. ईडी ने इससे पहले सोरेन के राजनीतिक सहयोगी पंकज मिश्रा और दो अन्य को इस मामले में गिरफ़्तार किया था.
नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने झारखंड में कथित अवैध खनन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को तीन नवंबर को पूछताछ के लिए समन जारी किया है. अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी.
सोरेन (47 वर्ष) से बृहस्पतिवार को राज्य की राजधानी रांची में ईडी के क्षेत्रीय कार्यालय में उसके समक्ष पेश होने के लिए कहा गया है.
अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत सोरेन से पूछताछ करना चाहती है और उनका बयान दर्ज करना चाहती है.
ईडी ने इससे पहले सोरेन के राजनीतिक सहयोगी पंकज मिश्रा और दो अन्य को इस मामले में गिरफ्तार किया था.
एजेंसी ने कहा है कि उसने यह ‘पता कर लिया’ है कि राज्य में अवैध खनन से संबंधित अपराधों से मिले धन का लेन-देन किस माध्यम से किया गया.
ईडी ने अवैध खनन और जबरन वसूली की कथित घटनाओं से जुड़े मामले में आठ जुलाई को मिश्रा और उनके कथित सहयोगियों से जुड़े परिसरों पर छापा मारा था, जिसके बाद मामले की जांच शुरू हुई.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, ईडी ने अपनी अभियोजन शिकायत (चार्जशीट के बराबर) में कहा था कि उसने अन्य दस्तावेजों के अलावा मिश्रा के पास से बैंक ऑफ इंडिया के हेमंत सोरेन से संबंधित दो हस्ताक्षरित और 31 खाली चेक बरामद किए थे.
ईडी के सूत्रों ने कहा कि पिछले महीने मिश्रा को स्वास्थ्य संबंधी कुछ दिक्कतों के चलते रांची के राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) में स्थानांतरित कर दिया गया था.
सूत्र ने कहा, ‘इस दौरान उन्होंने अस्पताल से कुछ अधिकारियों को कुछ कॉल किए. हम इसकी भी जांच कर रहे हैं.’
ईडी ने साहिबगंज जिले के अवैध खनन मामले में बरहरवा पुलिस स्टेशन में शंभू नंदन कुमार द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर के आधार पर अपनी जांच शुरू की है. शंभू नंदन ने आरोप लगाया कि उन्हें 22 जून, 2020 को मिश्रा द्वारा बरहरवा टोल के लिए एक निविदा प्रक्रिया में भाग लेने के लिए धमकी दी गई थी.
कुमार ने आरोप लगाया कि मिश्रा ने उन्हें फोन पर निविदा प्रक्रिया में ‘भाग नहीं लेने’ के लिए कहा था और जब उन्होंने इनकार किया तो मिश्रा के इशारे पर भीड़ ने उन पर हमला किया.
सितंबर में एजेंसी ने रांची में एक विशेष अदालत को सूचित किया कि उसने साहिबगंज जिले और झारखंड के आसपास के इलाकों में 1,000 करोड़ रुपये से अधिक के पत्थरों के अवैध खनन का पता लगाया है, जो सभी मिश्रा द्वारा नियंत्रित हैं.
ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून संबंधी अदालत में अपनी अभियोजन शिकायत में कहा कि मिश्रा ने क्रशर की स्थापना को भी नियंत्रित किया और लगभग सभी खानों में एक निश्चित हिस्सेदारी और सामग्री के परिवहन में उनकी हिस्सेदारी थी.
ईडी ने तीन लोगों को आरोपी के रूप में नामित किया. पंकज मिश्रा, उनके सहयोगी बच्चू यादव और प्रेम प्रकाश जिन्होंने जिसने कथित तौर पर अवैध खनन के माध्यम से प्राप्त आय का शोधन (Launder) किया. तीनों न्यायिक हिरासत में हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)