बेंजामिन नेतन्याहू ने सत्ता में वापसी की, इज़रायल के प्रधानमंत्री ने चुनाव में हार स्वीकार की

इज़रायल में बेंजामिन नेतन्याहू के नेतृत्व वाले दक्षिणपंथी दलों के गठबंधन ने संसद में बहुमत हासिल कर लिया है. 2019 में नेतन्याहू पर रिश्वतखोरी, धोखाधड़ी एवं विश्वासघात के आरोप लगने के बाद से इस देश में राजनीतिक गतिरोध चला आ रहा है. उन्हें पिछले साल सत्ता से हटना पड़ा था.

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बेंजामिन नेतान्याहू. (फोटो साभार: ट्विटर)

इज़रायल में बेंजामिन नेतन्याहू के नेतृत्व वाले दक्षिणपंथी दलों के गठबंधन ने संसद में बहुमत हासिल कर लिया है. 2019 में नेतन्याहू पर रिश्वतखोरी, धोखाधड़ी एवं विश्वासघात के आरोप लगने के बाद से इस देश में राजनीतिक गतिरोध चला आ रहा है. उन्हें पिछले साल सत्ता से हटना पड़ा था.

बेंजामिन नेतान्याहू. (फोटो साभार: ट्विटर)

यरुशलम/नई दिल्ली: इजरायल में बेंजामिन नेतन्याहू के नेतृत्व वाले दक्षिणपंथी दलों के गठबंधन ने संसद में बहुमत हासिल कर लिया है. नेतन्याहू-नीत दक्षिणपंथी गुट ने 120-सदस्यीय संसद में 64 सीट जीतकर बहुमत हासिल कर लिया.

प्रधानमंत्री याइर लैपिड ने बृहस्पतिवार को चुनाव में हार स्वीकार कर ली और विपक्षी नेता बेंजामिन नेतन्याहू को फोन कर चुनावी जीत पर बधाई दी.

लैपिड ने नेतन्याहू से कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय के सभी विभागों को सत्ता के व्यवस्थित हस्तांतरण की तैयारी करने के निर्देश दिए हैं.

लैपिड ने ट्वीट किया, ‘इजरायल की संकल्पना किसी भी राजनीतिक विचार से ऊपर है. मैं नेतन्याहू को इजरायल और यहां के लोगों के लिए शुभकामनाएं देता हूं.’

इजरायल के लोगों ने देश में राजनीतिक गतिरोध को तोड़ने के लिए मंगलवार (एक नवंबर) को चार साल में पांचवीं बार मतदान किया.

केंद्रीय निर्वाचन समिति के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, नेतन्याहू की लिकुड पार्टी को 31 सीट, प्रधानमंत्री याइर लैपिड की येश अतीद को 24, रिलीजियस जियोनिज़्म को 14, नेशनल यूनिटी को 12, शास को 11 और यूनाइटेड टोरा जुदाइस्म को आठ सीटें प्राप्त होंगी.

इजरायल में वर्षों तक नेतन्याहू राजनीतिक रूप से अजेय प्रतीत हो रहे थे, लेकिन 2021 में पार्टियों के एक अभूतपूर्व गठबंधन द्वारा सत्ता से बाहर किए जाने के बाद उन्हें एक करारा झटका लगा था. इस गठबंधन का एकमात्र लक्ष्य उन्हें सत्ता से बाहर करना था.

इजरायल में 2019 में 73 वर्षीय नेतन्याहू पर रिश्वतखोरी, धोखाधड़ी एवं विश्वासघात के आरोप लगने के बाद से राजनीतिक गतिरोध चला आ रहा है.

नेतन्याहू इजरायल के सर्वाधिक समय तक प्रधानमंत्री रहे हैं, जिन्होंने लगातार 12 वर्षों तक और कुल मिलाकर 15 साल तक देश पर शासन किया. उन्हें पिछले साल सत्ता से हटना पड़ा था.

एनडीटीवी के मुताबिक, इजरायली मीडिया ने बताया कि नेतन्याहू ने गठबंधन सहयोगियों के साथ एक नई सरकार बनाने के लिए बातचीत शुरू कर दी है, लेकिन उनकी लिकुड पार्टी की ओर से तत्काल कोई पुष्टि नहीं की गई है.

जीत की पुष्टि के साथ राष्ट्रपति आइजैक हर्ज़ोग अगले सप्ताह नेतन्याहू को सरकार बनाने के लिए 42 दिन का समय देंगे.

राजनीतिक गतिरोध की एक अभूतपूर्व अवधि को खत्म करने के लिए नेतन्याहू की लिकुड पार्टी, उसके अति-रूढ़िवादी यहूदी सहयोगी और धार्मिक जियोनिज़्म नामक एक गठबंधन, इजरायल की 120 सीटों वाली संसद में स्पष्ट बहुमत के लिए मुख्य भूमिका निभाई.

नेतन्याहू के प्रतिद्वंद्वी लैपिड ने पहले अपनी मध्यमार्गी येश अतीद पार्टी के समर्थकों से कहा था कि देश को तब तक इंतजार करने की जरूरत है, जब तक कि सभी वोटों की गिनती नहीं हो जाती.

नेतन्याहू, जिन्होंने इजरायल के इतिहास में किसी से भी अधिक समय तक प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया है, को फिर अपने गठबंधन सहयोगियों के साथ कैबिनेट पदों को साझा करने का काम सौंपा जाएगा.

अमेरिकी विदेश विभाग ने भविष्य की गठबंधन सरकार में धार्मिक जियोनिज़्म गठबंधन मंत्रियों की संभावना पर चिंता व्यक्त की, जबकि ब्रिटेन ने सभी राजनेताओं को भड़काऊ बयानों से बचने और अल्पसंख्यकों का सम्मान करने की मांग की.

यरुशलम के शालोम हार्टमैन इंस्टिट्यूट के एक शोधकर्ता योसी क्लेन हालेव ने बताया कि ‘नेतन्याहू को अपने नए सहयोगियों को नियंत्रित करने में मुश्किल होगी.’

मतदान मंगलवार को इजरायल के कब्जे वाले पूर्वी यरुशलम और कब्जे वाले वेस्ट बैंक में बढ़ती हिंसा की पृष्ठभूमि में हुआ था.

समाचार एजेंसी एएफपी के आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर की शुरुआत से अब तक इन क्षेत्रों में कम से कम 34 फिलिस्तीनी और तीन इजरायली नागरिक मारे गए हैं.

पुलिस ने कहा कि ताजा रक्तपात में गुरुवार को एक हमलावर ने यरुशलम के ओल्ड सिटी में एक इजरायली अधिकारी की चाकू मारकर हत्या कर दी.

फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि एक कथित इस्लामी आतंकवादी कमांडर सहित तीन फिलिस्तीनी भी वेस्ट बैंक में इजरायली बलों के साथ टकराव में मारे गए, एक यरुशलम के पास और दो जेनिन के फ्लैशपॉइंट शहर में एक इजरायली छापे के दौरान मारे गए.

जबकि कई उम्मीदवारों ने सुरक्षा को चिंता का विषय बताया, किसी ने भी फिलिस्तीनियों के साथ शांति वार्ता को पुनर्जीवित करने का वादा नहीं किया.

फिलिस्तीनी प्रधानमंत्री मोहम्मद शतयेह ने कहा कि अनुमानित परिणामों ने इजरायल समाज में बढ़ते चरमपंथ और नस्लवाद को उजागर किया है.

प्रधानमंत्री मोदी ने इजरायल के आम चुनाव में जीत पर नेतन्याहू को दी बधाई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को बेंजामिन नेतन्याहू को इजरायल के आम चुनावों में उनकी जीत के लिए बधाई दी और कहा कि वह भारत-इजरायल रणनीतिक साझेदारी को और अधिक प्रगाढ़ करने के लिए संयुक्त प्रयासों को जारी रखने के लिए तत्पर हैं.

मोदी ने ट्वीट किया, ‘चुनाव में जीत पर मेरे प्रिय मित्र नेतन्याहू को बधाई. मैं भारत-इजरायल रणनीतिक साझेदारी को और अधिक प्रगाढ़ करने के लिए हमारे संयुक्त प्रयासों को जारी रखने के लिए उत्सुक हूं.’

मोदी ने भारत-इजरायल रणनीतिक साझेदारी को प्राथमिकता देने के लिए लैपिड को भी धन्यवाद दिया.

मोदी ने कहा, ‘मैं अपने लोगों के पारस्परिक लाभ के लिए विचारों के उपयोगी आदान-प्रदान को जारी रखने की उम्मीद करता हूं.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)