पैगंबर टिप्पणी विवाद: अदालत ने जिंदल के ख़िलाफ़ सभी याचिकाएं दिल्ली पुलिस को ट्रांसफर कीं

शीर्ष अदालत ने अगस्त 2022 में भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा को एक टीवी बहस के दौरान पैगंबर पर उनकी टिप्पणी को लेकर कई राज्यों में दर्ज एफ़आईआर के संबंध में भी इसी तरह की राहत प्रदान की थी. सितंबर 2022 में इस बहस की एंकर रहीं नविका कुमार के ख़िलाफ़ दर्ज विभिन्न एफ़आईआर भी दिल्ली पुलिस के पास भेज दी गई थीं.

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नवीन जिंदल. (फोटो: पीटीआई)

शीर्ष अदालत ने अगस्त 2022 में भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा को एक टीवी बहस के दौरान पैगंबर पर उनकी टिप्पणी को लेकर कई राज्यों में दर्ज एफ़आईआर के संबंध में भी इसी तरह की राहत प्रदान की थी. सितंबर 2022 में इस बहस की एंकर रहीं नविका कुमार के ख़िलाफ़ दर्ज विभिन्न एफ़आईआर भी दिल्ली पुलिस के पास भेज दी गई थीं.

नवीन जिंदल. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को निर्देश दिया कि पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ टिप्पणी के संबंध में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से निष्कासित नेता नवीन कुमार जिंदल के खिलाफ देश भर में दर्ज सभी एफआईआर दिल्ली पुलिस को ट्रांसफर किए जाएं.

जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस एमएम सुंदरेश की पीठ ने दिल्ली पुलिस द्वारा जांच पूरी होने तक जिंदल को अंतरिम संरक्षण भी दिया.

शीर्ष अदालत ने जिंदल को उनकी कथित टिप्पणियों पर दर्ज एफआईआर को रद्द करने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट जाने की अनुमति दी और कहा कि भविष्य की सभी एफआईआर भी जांच के लिए दिल्ली पुलिस को ट्रांसफर की जाएंगी.

पीठ ने कहा, ‘सभी एफआईआर दिल्ली पुलिस की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रेटेजिक ऑपरेशंस (आईएफएसओ) इकाई को ट्रांसफर की जाएंगी. आरोपी के खिलाफ आठ सप्ताह तक कोई प्रारंभिक कार्रवाई या और एफआईआर न हो, जिससे वह दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष उचित कार्यवाही के लिए संपर्क कर सके.’

शीर्ष अदालत ने इससे पहले अगस्त 2022 में भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा को एक टीवी बहस के दौरान पैगंबर पर उनकी टिप्पणी को लेकर कई राज्यों में उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर/शिकायतों के संबंध में इसी तरह की राहत प्रदान की थी.

अदालत ने शर्मा के खिलाफ देशभर में दर्ज सभी एफआईआर को एक साथ जोड़ने और उसे दिल्ली पुलिस को ट्रांसफर करने का निर्देश दिया था.

उसने कहा था कि एफआईआर की जांच दिल्ली पुलिस के आईएफएसओ इकाई द्वारा की जाएगी.

इससे पहले एक जुलाई 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ टिप्पणी को लेकर शर्मा को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा था कि उनकी (नूपुर) ‘अनियंत्रित जुबान’ ने पूरे देश को आग में झोंक दिया. शीर्ष अदालत ने यह भी कहा था कि ‘देश में जो कुछ हो रहा है, उसके लिए शर्मा ही अकेली जिम्मेदार हैं.’

इसी तरह सितंबर 2022 में नूपुर शर्मा की टिप्पणियों को लेकर समाचार चैनल ‘टाइम्स नाउ’ की एंकर नविका कुमार के खिलाफ दर्ज विभिन्न एफआईआर को एक साथ दिल्ली पुलिस को ट्रांसफर कर दिया था.

यह मामला 26 मई को एक ‘टीवी डिबेट शो’ के दौरान पैगंबर के खिलाफ की गई टिप्पणी से संबंधित है. नविका ‘टाइम्स नाउ’ पर प्रसारित इस परिचर्चा की एंकर थीं, जिसमें नूपुर शर्मा ने यह टिप्पणी की थी.

पीठ ने कहा था कि आठ सप्ताह तक नविका कुमार के खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई नहीं की जाएगी, ताकि वह अंतरिम अवधि में अपने बचाव के उपाय कर सकें.

मालूम हो कि टीवी पर एक चर्चा के दौरान पैगंबर पर नूपुर शर्मा की टिप्पणी का देश भर में विरोध शुरू हो गया था और कई खाड़ी देशों ने भी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी.

पैगंबर मोहम्मद को लेकर टिप्पणी के लिए भाजपा ने बीते पांच जून को अपनी राष्ट्रीय प्रवक्ता नूपुर शर्मा को निलंबित कर दिया और दिल्ली इकाई के प्रवक्ता नवीन जिंदल को निष्कासित कर दिया था.

इसके बाद दोनों भाजपा नेताओं की गिरफ्तारी की मांग पर बीते 10 जून को देश भर के कई शहरों और कस्बों में विरोध प्रदर्शन हुए थे. इस दौरान झारखंड की राजधानी रांची में हिंसक प्रदर्शन के दौरान दो लोगों की मौत हो गई थी.

विवादों में घिरीं नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल के खिलाफ बीते 10 जून को ही बिहार के मुजफ्फरनगर जिले की एक अदालत में अर्जी दी गई थी, जिसमें कट्टरपंथी हिंदुत्ववादी नेता यति नरसिंहानंद का नाम भी सह-आरोपी के रूप में दिया गया था.

याचिका में आरोप लगाया गया है कि शर्मा, जिंदल और नरसिंहानंद के बयान से सांप्रदायिक हिंसा भड़क सकती है.

इसके अलावा बीते नौ जून को दिल्ली पुलिस ने नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, कट्टरपंथी हिंदुत्ववादी संत यति नरसिंहानंद समेत 31 लोगों के खिलाफ सोशल मीडिया पर कथित तौर पर सार्वजनिक शांति भंग करने और लोगों को भड़काने वाले संदेश पोस्ट तथा साझा करने के लिए एफआईआर दर्ज की थी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)