वंदे भारत ट्रेन के मवेशियों से टकराने के बाद आरपीएफ ने सरपंचों को नोटिस जारी करना शुरू किया

रेलवे सुरक्षा बल ने महाराष्ट्र के पालघर में रेल मार्ग से लगे गांवों के सरपंचों को नोटिस जारी करना शुरू किया है. उनसे पटरी के पास आवारा पशुओं को नहीं जाने देने को कहा गया है. नोटिस में चेतावनी दी गई है कि यदि कोई मवेशी मालिक लापरवाही बरतता पाया जाएगा तो उसके ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई की जाएगी.

गांधीनगर-मुंबई के बीच चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस 6 अक्टूबर को अहमदाबाद के निकट भैसों से टकराई जिससे ट्रेन का अगला हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया था. (फोटो: पीटीआई)

रेलवे सुरक्षा बल ने महाराष्ट्र के पालघर में रेल मार्ग से लगे गांवों के सरपंचों को नोटिस जारी करना शुरू किया है. उनसे पटरी के पास आवारा पशुओं को नहीं जाने देने को कहा गया है. नोटिस में चेतावनी दी गई है कि यदि कोई मवेशी मालिक लापरवाही बरतता पाया जाएगा तो उसके ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई की जाएगी.

(फोटो: पीटीआई)

मुंबई: गुजरात में वंदे भारत ट्रेन के मवेशियों से टकराने के मद्देनजर रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने महाराष्ट्र के पालघर में रेल मार्ग से लगे गांवों के सरपंचों को नोटिस जारी करना शुरू किया है, जिसमें उनसे पटरी के पास आवारा पशुओं को नहीं जाने देने को कहा गया है. अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.

नोटिस में चेतावनी दी गई है कि यदि किसी मवेशी का मालिक लापरवाही बरतता पाया जाएगा तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 सितंबर को गुजरात और महाराष्ट्र की राजधानियों के बीच सेमी-हाई स्पीड एक्सप्रेस ट्रेन सेवा की शुरुआत की थी. इसके बाद से गुजरात में ऐसी तीन घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें ट्रेन मवेशियों से टकराई है.

पश्चिमी रेलवे के मुख्य प्रवक्ता सुमित ठाकुर ने बताया कि नोटिस आरपीएफ के मुंबई डिवीजन द्वारा ग्राम सरपंचों को जारी किए जा रहे हैं, जिनमें अधिकारियों ने स्थानीय निवासियों से अपने मवेशियों को पटरी के आसपास नहीं जाने देने की अपील की है, ताकि इस तरह की दुर्घटनाओं को टाला जा सके.

ठाकुर ने कहा कि सरपंचों को जारी किए गए नोटिस निवारक प्रकृति के हैं.

गौरतलब है कि पिछले शनिवार (29 अक्टूबर) को गुजरात के अतुल स्टेशन के पास मुंबई-गांधीनगर वंदे भारत सुपरफास्ट एक्सप्रेस ट्रेन की चपेट में कुछ मवेशी आ गए थे. यह ट्रेन सेवा शुरू होने के बाद से इस तरह की यह तीसरी घटना थी.

इससे पहले, छह और सात अक्टूबर को भी ट्रेन की चपेट में कुछ मवेशी आ गए थे. ये दोनों घटनाएं गुजरात में हुई थी. इन सभी घटनाओं में, यात्रिओं को कोई चोट नहीं आई थी. हालांकि, ट्रेन का अगला हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया था.

ठाकुर ने कहा, ‘इस तरह की घटनाओं ने रेल परिचालन को प्रतिकूल रूप से प्रभावित किया है. इस तरह की घटनाओं ने रेल दुर्घटनाओं और ट्रेन के पटरी से उतरने की आशंका को बढ़ाया है. इससे न सिर्फ रेल यातायात में व्यवधान पड़ता है और रेलवे की संपत्ति को नुकसान पहुंचता है, बल्कि यात्रियों को भी खतरा पैदा होता है.’

सरपंचों को जारी नोटिस में आरपीएफ ने कहा है कि काफी संख्या में आवारा पशु (गाय और भैंस) रेल पटरी पर आ जाते हैं और इस कारण सदा ही बड़ी दुर्घटनाएं होने की आशंका रहती है.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, नोटिस में आरपीएफ ने सरपंचों से रेलवे ट्रैक के पास रहने वाले ग्रामीणों के लिए जागरूकता अभियान चलाने की अपील की है.

नोटिस में कहा गया है, ‘कृपया आवारा जानवरों को पकड़ें और उन्हें प्रशासन या सामाजिक संगठनों द्वारा बनाई गई गोशालाओं में भेजें और ग्रामसभा की बैठकों में गांव के निवासियों को भी इसके बारे में जागरूक करें.’

नोटिस में आगे चेतावनी दी गई है कि यदि कोई पशु मालिक लापरवाही करता है तो यह रेलवे अधिनियम के तहत दंडनीय अपराध है, उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

ठाकुर ने आगे कहा कि भविष्य में ऐसे मामलों की रोकथाम के लिए आरपीएफ के मुंबई डिवीजन ने विभिन्न संवेदनशील स्थानों की पहचान की है. आरपीएफ ने इन सभी स्थानों पर लगातार जागरूकता अभियान चलाया है.

ठाकुर ने कहा, ‘आरपीएफ ने जोखिम ग्रस्त स्थानों पर इस साल अब तक 1,023 जागरूकता अभियान चलाए हैं.’

उन्होंने आगे कहा कि रेल की पटरियों के किनारे बसे सभी गांवों के सरपंचों के साथ बैठकें की जा रही हैं और इस साल अब तक 50 से अधिक बैठकें हो चुकी हैं, ताकि मवेशियों के ट्रेन से टकराने की घटनाओं से बचा जा सके.

ठाकुर ने आगे कहा कि लोगों द्वारा रेलवे पटरियों के किनारे कचरा डंप करना भी एक कारण है, क्योंकि यह मवेशियों को रेलवे की जमीनों/पटरियों के पास चरने के लिए आकर्षित करता है. रेलवे ट्रैक के पास आवारा पशुओं की आवाजाही को रोकने के लिए आरपीएफ शहर के स्थानीय प्रशासन और पुलिस के साथ मिलकर काम कर रहा है.

पश्चिम रेलवे द्वारा पिछले सप्ताह जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि रेलवे अधिकारी उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रहे हैं, जिनके मवेशी रेलवे की जमीन में घूमते पाए जाते हैं.

विज्ञप्ति में कहा गया है कि रेलवे अधिनियम 1989 के प्रावधानों के अनुसार, मवेशियों के मालिकों को धारा 154 (इरादतन कार्य या चूक से रेलवे द्वारा यात्रा करने वाले व्यक्तियों की सुरक्षा को खतरे में डालना, 1 वर्ष का कारावास, या जुर्माना या दोनों के साथ दंडनीय) और धारा 147 (अतिचार से बचने से इनकार, 6 महीने के कारावास की सजा, या 1,000 रुपये का जुर्माना या दोनों) के तहत दंडित किया जा सकता है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq bandarqq dominoqq pkv games slot pulsa pkv games pkv games bandarqq bandarqq dominoqq dominoqq bandarqq pkv games dominoqq