हिमाचल चुनाव: भाजपा का समान नागरिक संहिता और महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण का वादा

हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा का संकल्प जारी करते हुए पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि उनका दल समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए एक समिति गठित करेगी. इसकी रिपोर्ट के आधार पर इसे लागू किया जाएगा. साथ ही कहा कि भाजपा राज्य में वक़्फ़ की संपत्तियों का सर्वे कराएगी, ताकि उनके ‘ग़ैरक़ानूनी’ इस्तेमाल को रोका जाए.

Shimla: BJP National President J.P. Nadda along with Union Minister Anurag Thakur, Himachal Pradesh Chief Minister Jai Ram Thakur and others releases BJP's manifesto for the upcoming Himachal Pradesh Assembly elections, in Shimla, Sunday, Nov. 6, 2022. (PTI Photo)(

हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा का संकल्प जारी करते हुए पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि उनका दल समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए एक समिति गठित करेगी. इसकी रिपोर्ट के आधार पर इसे लागू किया जाएगा. साथ ही कहा कि भाजपा राज्य में वक़्फ़ की संपत्तियों का सर्वे कराएगी, ताकि उनके ‘ग़ैरक़ानूनी’ इस्तेमाल को रोका जाए.

हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए रविवार को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शिमला में पार्टी का घोषणा पत्र जारी किया. इस दौरान उनके साथ केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और पार्टी के अन्य नेता मौजूद थे. (फोटो: पीटीआई)

शिमला: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए रविवार को पार्टी का संकल्प पत्र जारी कर दिया.

संकल्प पत्र में राज्य में एक बार फिर भाजपा की सरकार बनने पर समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने, सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थाओं में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देने और विभिन्न क्षेत्रों में रियायतें देने का वादा किया गया है.

संकल्प पत्र में हिंदुत्व, विकास और कल्याणकारी वादों का मिश्रण देखने को मिला. नड्डा ने महिलाओं के लिए भी एक अलग घोषणा-पत्र जारी किया, जिसमें नि:शुल्क अनाज, रसोई गैस कनेक्शन और शौचालय बनाने के वादे किए गए.

अपने गृह राज्य में विधानसभा चुनावों में एक सप्ताह से भी कम समय बचा होने के बीच नड्डा ने आठ लाख रोजगार सृजित करने, छठी से 12वीं कक्षा की छात्राओं के लिए साइकिल, उच्च शिक्षा प्राप्त कर रही लड़कियों को स्कूटी देने और पांच नए मेडिकल कॉलेज खोलने समेत कई अन्य वादे भी किए.

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार राज्य में वक्फ की संपत्तियों का सर्वेक्षण कराएगी, ताकि उनके ‘गैरकानूनी’ इस्तेमाल को रोका जाए. नड्डा ने कहा कि भाजपा कानून के अनुसार ऐसी संपत्तियों के अवैध उपयोग की जांच के लिए एक न्यायिक आयोग का गठन करेगी.

संकल्प पत्र जारी करते हुए पार्टी अध्यक्ष नड्डा ने वादा किया कि अगर हिमाचल में भाजपा की सत्ता बरकरार रहती है तो पार्टी समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए एक समिति गठित करेगी. इसकी रिपोर्ट के आधार पर इसे लागू किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी द्वारा दी जाने वाली रियायतों को मुफ्त की रेवड़ियां नहीं कहा जा सकता, क्योंकि सशक्तिकरण और लालच में काफी फर्क होता है.

उन्होंने कहा कि भाजपा समाज के विभिन्न वर्गों के सशक्तिकरण के साथ है, जबकि वह लालच देने के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि उसने मुफ्त की रेवड़ियों पर चर्चा में निर्वाचन आयोग को दिए जवाब में भी ऐसे ही विचार रखे हैं.

एक सवाल के जवाब में नड्डा ने कांग्रेस द्वारा शनिवार को जारी घोषणा-पत्र की आलोचना करते हुए कहा कि इसमें दूरदृष्टि और दिशा दोनों का अभाव है.

भाजपा अध्यक्ष ने उनकी पार्टी तथा कांग्रेस के घोषणा-पत्र के बीच किसी भी तुलना को खारिज करते हुए कहा कि विपक्षी दल ने लोकलुभावन और बड़े-बड़े दावे किए हैं, क्योंकि उसका इन्हें पूरा करने का इरादा नहीं है.

उन्होंने यह भी दावा किया कि कांग्रेस सरकारों ने 2017 में राजस्थान तथा छत्तीसगढ़ में किए नौकरियों समेत अन्य वादों को पूरा नहीं किया है.

पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) पर भाजपा का रुख पूछे जाने पर पार्टी नेता मंगल पांडे ने कहा कि राज्य सरकार ने एक समिति बनाई है और इस मुद्दे पर उसकी रिपोर्ट के तहत निर्णय लिया जाएगा.

इस मुद्दे ने पर्वतीय राज्य में जोर पकड़ा है. हिमाचल प्रदेश में मौजूदा और पूर्व सरकारी कर्मचारियों का अच्छा-खासा वोट बैंक है.

नड्डा ने भरोसा जताया कि लोग फिर से भाजपा को चुनकर सत्तारूढ़ पार्टी को बेदखल करने के पिछले कुछ दशकों के चलन को बदल देंगे.

भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि लोगों ने उत्तराखंड, गोवा और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में ऐसा ‘रिवाज’ बदल दिया है और हिमाचल प्रदेश में भी ऐसा ही करेंगे.

उन्होंने नि:शुल्क अनाज योजना, राज्य में एम्स तथा आईआईएम बनाने और कई अन्य कल्याणकारी पहलों का उल्लेख करते हुए पत्रकारों से कहा, ‘हमने जो वादा किया था वह न केवल पूरा किया बल्कि ऐसी कई चीजें भी की जिनका कभी वादा नहीं किया गया था.’

भाजपा ने 11 ‘प्रतिबद्धताओं’ वाले अपने घोषणा-पत्र में केंद्र सरकार की एक योजना के तहत किसानों को दी जाने वाली 6,000 रुपये की राशि के अलावा उन्हें 3,000 रुपये देने, सभी गांवों को सड़कों से जोड़ने और मंदिरों के आसपास परिवहन एवं अन्य बुनियादी सुविधाएं विकसित करने के लिए अगले 10 वर्ष में 12,000 करोड़ रुपये निवेश करने के वास्ते ‘शक्ति’ नामक एक कार्यक्रम का वादा किया.

भाजपा ने सेब की पैकेजिंग पर किसानों के लिए वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में रियायत देने, स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए 900 करोड़ रुपये के निवेश, ड्यूटी के दौरान शहीद होने वाले जवानों पर निर्भर परिजन के लिए अनुग्रह राशि बढ़ाने तथा सरकारी कर्मचारियों के पारिश्रमिक में विसंगतियों को हल करने का भी वादा किया.

संकल्प पत्र में कहा गया है कि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सेब किसान सेब पैकेजिंग सामग्री पर 12 प्रतिशत से अधिक जीएसटी दर का भुगतान न करें.

जेपी नड्डा ने कहा कि चरणबद्ध तरीके से आठ लाख रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे. सभी विधानसभा क्षेत्रों में मोबाइल क्लीनिकों की संख्या दोगुनी की जाएगी.

महिलाओं के लिए घोषणा-पत्र में किए गए 11 वादों में गरीब परिवारों के लिए तीन नि:शुल्क एलपीजी सिलेंडर और गरीब परिवारों की महिलाओं को शादी में वित्तीय सहयोग बढ़ाना शामिल है.

भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि गरीब घरों की महिलाओं को तीन मुफ्त एलपीजी सिलेंडर दिए जाएंगे. गर्भवती महिलाओं को इलाज के लिए 25,000 रुपये की राशि प्रदान की जाएगी. इसके अलावा महिला उद्यमियों को स्थापित करने के लिए ब्याज मुक्त ऋण देने के लिए 500 करोड़ रुपये के कोष के साथ एक कोष भी दिया जाएगा. होमस्टे बनाए जाएंगे.

भाजपा की ओर से यह भी कहा गया है कि वह राज्य के प्रमुख तीर्थस्थलों को विकसित करेंगी और हिमतीर्थ पर्यटक सर्किट शुरू करेगी.

हिमाचल प्रदेश में एक चरण में 12 नवंबर को मतदान होना है, जबकि आठ दिसंबर को मतगणना की जाएगी. प्रदेश में विधानसभा की कुल 68 सीटें हैं.

पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने वहां जीत दर्ज की थी. पिछले कुछ दशकों में इस पहाड़ी राज्य में सत्ताधारी पार्टी का फिर से सत्ता में लौटने में विफल रहने का इतिहास रहा है.

हिमाचल में 55,07,261 योग्य मतदाता हैं. इनमें 27,80,208 पुरुष और 27,27,016 महिला मतदाता हैं. इनमें से 1,86,681 मतदाता ऐसे हैं, जो पहली बार मतदान करेंगे. ये सभी 18 से 19 आयु वर्ग के हैं. 100 से अधिक उम्र के मतदाताओं की संख्या 1,184 है, जबकि 80 से अधिक उम्र के मतदाताओं की संख्या 1.22 लाख के करीब है.

पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा को 48.79 प्रतिशत मत हासिल हुए थे, जबकि कांग्रेस को 41.68 प्रतिशत मत मिले थे. निर्दलीय उम्मीदवारों को 6.34 प्रतिशत मत मिले थे.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)