छह राज्यों में सात विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा ने चार (गोला गोकर्णनाथ, धामनगर, गोपालगंज और आदमपुर) पर जीत दर्ज की, जबकि राजद (मोकामा) और टीआरएस (मुनुगोड़े) ने एक-एक सीट जीती है. मुंबई में अंधेरी (पूर्व) विधानसभा सीट पर शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) उम्मीदवार ने जीत दर्ज की.
नई दिल्ली/पटना/मुंबई: गुजरात और हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनावों से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने छह राज्यों में सात विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में चार पर जीत दर्ज की, जबकि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) ने एक-एक सीट जीती है.
उपचुनाव के नतीजे रविवार को घोषित किए गए और भाजपा ने उत्तर प्रदेश, बिहार और ओडिशा में अपनी तीन सीटों को बरकरार रखा, जबकि हरियाणा में कांग्रेस की सीट पर अपना कब्जा जमा लिया.
मुंबई में अंधेरी (पूर्व) विधानसभा सीट पर शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) की उम्मीदवार ऋतुजा लटके ने जीत दर्ज की. इस सीट का प्रतिनिधित्व उनके दिवंगत पति कर रहे थे. इस सीट पर भाजपा सहित बड़े दलों ने अपने उम्मीदवार नहीं उतारे थे और वहां दूसरा सर्वाधिक मत प्रतिशत (14.79 प्रतिशत) उपरोक्त में से कोई नहीं (नोटा) के विकल्प को मिला.
मुंबई में एक अधिकारी ने बताया कि अंधेरी (पूर्वी) विधानसभा सीट पर उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना (उद्धव बाला साहेब ठाकरे) की उम्मीदवार ऋतुजा लटके को 66 हजार से अधिक मत मिले, जबकि नोटा (उपरोक्त में से कोई नहीं) विकल्प के पक्ष में 12,806 वोट पड़े हैं.
नोटा मतदाताओं को चुनाव में किसी भी उम्मीदवार के पक्ष में मतदान न करने का विकल्प देता है. लटके को कुल 86,570 मतों से 66,530 मत प्राप्त हुए.
उद्धव ठाकरे ने कहा कि इस जीत ने यह प्रदर्शित किया है कि लोग शिवसेना का समर्थन कर रहे हैं.
उन्होंने अपने आवास के बाहर संवाददाताओं से कहा, ‘यह लड़ाई की महज शुरुआत भर है. पार्टी का चुनाव चिह्न महत्वपूर्ण है, लेकिन लोग छवि भी देखते हैं. उपचुनाव के नतीजों ने यह प्रदर्शित किया है कि लोग हमारा समर्थन करते हैं.’
भाजपा ने कहा कि तीन नवंबर को हुए उपचुनाव के नतीजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों पर जनता की मुहर है, क्योंकि पार्टी ने उत्तर प्रदेश में गोला गोकर्णनाथ, ओडिशा में धामनगर और बिहार में गोपालगंज सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखा है.
तीनों सीट पर पार्टी के विधायकों का निधन हो जाने के बाद उपचुनाव कराने की जरूरत पड़ी थी. भाजपा ने तीनों जगह पार्टी के दिवंगत विधायकों के परिजन को टिकट दिया.
इसके अलावा भाजपा उम्मीदवार एवं हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के पोते भव्य बिश्नोई ने राज्य की आदमपुर सीट पर अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी एवं कांग्रेस के उम्मीदवार जय प्रकाश को करीब 16,000 मतों के अंतर से हराया.
कांग्रेस प्रत्याशी जय प्रकाश को 51,752 वोट मिले. उनके बाद इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के कुर्दराम नंबरदार को 5,248 वोट मिले और आम आदमी पार्टी (आप) के सतेंद्र सिंह को 3,420 वोट मिले. आप और इनेलो के उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई, क्योंकि वे कुल पड़े वोट का छठा हिस्सा तक हासिल नहीं कर सकें.
भव्य के पिता कुलदीप बिश्नोई के इस्तीफे के चलते इस सीट पर उपचुनाव कराने की जरूरत पड़ी थी. बिश्नोई ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने के बाद विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था.
आदमपुर सीट पर 1968 से भजनलाल परिवार का कब्जा रहा है. इस सीट से भजनलाल नौ बार और उनकी पत्नी जस्मा देवी एक बार तथा उनके बेटे कुलदीप चार बार विधायक रहे हैं.
उपचुनाव में यह एकमात्र सीट थी, जहां कांग्रेस विजेता दल के उम्मीदवार को टक्कर देती नजर आई. पार्टी ने आदमपुर (हरियाणा) और मुनुगोड़े (तेलंगाना) सीट गंवा दी, जहां इसके विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था और वे भाजपा में शामिल हो गए थे.
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने आदमपुर में भाजपा की शानदार जीत के लिए लोगों को धन्यवाद दिया.
आदमपुर में कमल खिला कर 'भव्य' जीत प्रदान करने के लिए मैं क्षेत्र की जनता का आभार प्रकट करता हूँ।
यह प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी की नीतियों, जनता के विश्वास और सभी कार्यकर्ताओं के परिश्रम की जीत है।
आदमपुर वासियों का धन्यवाद एवं श्री @bbhavyabishnoi को बधाई।
— Manohar Lal (@mlkhattar) November 6, 2022
उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘आदमपुर में कमल खिला कर ‘भव्य’ जीत प्रदान करने के लिए लोगों का आभार व्यक्त करता हूं.’
इधर, बिहार में भाजपा ने गोपालगंज, जबकि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने मोकामा सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखा, लेकिन दोनों दलों की जीत का अंतर कम देखा गया. राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के गृह जिले (गोपालगंज) में गोपालगंज सीट पर उनका दल जीत हासिल नहीं कर सका.
यह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नीत महागठबंधन (राजद-जदूय-कांग्रेस) सरकार की पहली चुनावी परीक्षा थी. जनता दल (यूनाइटेड) के भाजपा से नाता तोड़ने के बाद राज्य में नीतीश के नेतृत्व में महागठबंधन की सरकार महज तीन महीने पहले बनी थी.
राजद उम्मीदवार नीलम देवी ने मोकामा सीट पर 16,000 से अधिक मतों के अंतर से जीत दर्ज की. उनके पति एवं विधायक अनंत कुमार सिंह के आर्म्स एक्ट मामले में अयोग्य घोषित होने के बाद इस सीट पर उपचुनाव कराने की जरूरत पड़ी थी.
यह सीट उनके परिवार का गढ़ है. उनकी पत्नी की जीत पहले से तय थी. अनंत ने साल 2020 मेंं 35,000 से अधिक मतों से यह सीट जीती थी.
भाजपा ने इस सीट पर पहली बार उम्मीदवार उतारा, क्योंकि पहले के चुनावों में उसने यह सीट अपने सहयोगी दलों के लिए छोड़ रखी थी.
गोपालगंज से विधायक रहे सुभाष सिंह की पत्नी भाजपा प्रत्याशी कुसुम देवी को 70,032 वोट मिले, जबकि राजद के मोहन गुप्ता को 68,243 मत मिले. कुसुम देवी ने महज 1,794 वोटों से जीत हासिल की. सिंह का निधन हो जाने के चलते इस सीट पर उपचुनाव कराने की जरूरत पड़ी थी.
असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) को 12,000 से अधिक वोट मिले और उसने सत्तारूढ़ महागठबंधन का गोपालगंज में खेल बिगाड़ने में बड़ी भूमिका निभाई.
कांग्रेस की बिहार इकाई के प्रवक्ता असीत तिवारी ने ओवैसी पर भाजपा की जीत में मदद करने का आरोप लगाया.
बिहार के उपमुख्यमंत्री एवं राजद के नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि भाजपा की जीत का अंतर घटना एक ‘सफलता’ है और महागठबंधन 2024 का लोकसभा चुनाव जीतेगा.
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा, ‘सभी विपक्षी ताकतों के एकजुट हो जाने के बावजूद लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के विकासोन्मुखी नेतृत्व पर अपनी मुहर लगाई. इससे यह स्पष्ट है कि बिहार के लोगों का विश्वास हमारे साथ है.’
उन्होंने कहा कि गोला गोकर्णनाथ (उत्तर प्रदेश) और आदमपुर में मिली जीत भाजपा की डबल इंजन सरकारों को जनसमर्थन को प्रदर्शित करती है.
लखीमपुर खीरी जिले के गोला गोकर्णनाथ सीट पर भाजपा के अमन गिरि ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी समाजवादी पार्टी (सपा) के उम्मीदवार को 34,000 से अधिक मतों के अंतर से हराया. मैनपुरी लोकसभा और रामपुर विधानसभा उपचुनाव से पहले यह जीत भाजपा के लिए मनोबल बढ़ाने वाली है.
26 वर्षीय अमन गिरि ने इस जीत से अपने राजनीतिक करिअर की शुरुआत की है. उन्होंने अपने पिता अरविंद गिरि (29,294 वोट) की तुलना में अधिक मतों के अंतर से जीत दर्ज की.
एक अधिकारी ने बताया, ‘अमन गिरि ने 34,298 मतों के अंतर से जीत दर्ज की. उन्हें 1,24,810 मत मिले, जबकि विनय तिवारी को 90,512 वोट मिले.’
इस बीच, सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने गोला गोकर्णनाथ विधानसभा उपचुनाव में भाजपा सरकार पर धांधली करने का आरोप लगाया. उन्होंने दावा किया कि सरकार ने लोकतंत्र को पराजित किया है.
यह सीट केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा की लोकसभा सीट लखीमपुर खीरी के तहत आती है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, तेलंगाना में मुनुगोड़े सीट से कांग्रेस विधायक के. राजगोपाल रेड्डी ने इस्तीफा दे दिया था और भाजपा में शामिल हो गए थे, जिससे यहां उपचुनाव कराने के लिए मजबूर होना पड़ा था. सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (अब भारत राष्ट्र समिति) और भाजपा के बीच यहां कड़ा मुकाबला देखने को मिला.
टीआरएस उम्मीदवार के. प्रभाकर रेड्डी ने अपने निकटत प्रतिद्वंद्वी एवं भाजपा उम्मीदवार के. राजगोपाल रेड्डी को हरा दिया, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी पालवाई श्रावंती तीसरे स्थान पर रहीं.
इस सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी की जमानत भी जब्त हो गई. यह तब हुआ है जब राहुल गांधी के नेतृत्व वाली ‘भारत जोड़ो यात्रा’ तेलंगाना से गुजर रही थी और पार्टी ने राज्य में भारी समर्थन का दावा किया था.
टीआरएस और भाजपा ने यहां उपचुनाव जीतने के लिए सारा जोर लगा लिया था. व्यापक चुनाव अभियान के साथ अंतत: अभूतपूर्व 93 प्रतिशत मतदान हुआ. वोटों की शुरुआती गिनती में टीआरएस और भाजपा बढ़त पर थीं, लेकिन पांचवें दौर के बाद ही टीआरएस ने बढ़त बनाना शुरू कर दिया था.
मतगणना के बाद टीआरएस को 97,006 वोट, भाजपा को 86,697 और कांग्रेस को 23,906 वोट मिले थे.
पार्टी की जीत के बाद राज्य में मंत्री एवं मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव के बेटे केटी रामा राव ने एक ट्वीट में कहा, ‘वादे के अनुसार, विधानसभा क्षेत्र को गोद लूंगा और लंबित कार्यों की तीव्र प्रगति के लिए कार्य करूंगा.’
Many congratulations to @Koosukuntla_TRS Garu on being elected as the MLA of Munugodu
Thanks to the people of Munugodu for reposing faith in TRS party & Hon’ble CM KCR’s leadership 🙏
As promised, will adopt the constituency & work towards expeditious progress of pending works pic.twitter.com/mAmtddXaf4
— KTR (@KTRBRS) November 6, 2022
भाजपा ने रविवार को ओडिशा की धामनगर सीट बरकरार रखी. पार्टी ने यहां सत्तारूढ़ बीजद को 9,800 से अधिक मतों से हराया. 2019 के विधानसभा चुनाव के बाद यह पहला मौका है, जब बीजद राज्य में उपचुनाव हार गई है।
भाजपा ने पार्टी के दिवंगत विधायक बिष्णु चरण सेठी के बेटे सूर्यवंशी सूरज को इस सीट से मैदान में उतारा था. उनके निधन की वजह से यहां उपचुनाव कराए गए. सूरज ने राज्य में सत्तारूढ़ बीजद की उम्मीदवार अंबाती दास को 9,881 के अंतर से हराया. निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी.
अधिकारी ने बताया कि भाजपा उम्मीदवार एवं सेठी के पुत्र सूर्यवंशी सूरज को 80,351 वोट, जबकि उनकी निकटतम प्रतिद्वंद्वी अंबाती दास को 70,470 वोट मिले. उन्होंने बताया कि कांग्रेस उम्मीदवार बाबा हरेकृष्णा सेठी को केवल 3,561 मत मिले.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)