कम मांग के कारण अगले साल बेकार हो जाएंगी कोवैक्सीन की पांच करोड़ खुराक

टीके की मांग कम होने के कारण भारत बायोटेक ने इस साल की शुरुआत में दो खुराक वाले कोवैक्सीन टीके का उत्पादन रोक दिया था. हालांकि, इसने 2021 के अंत तक एक अरब खुराकों का उत्पादन कर दिया था.

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कोवैक्सिन. (फोटो साभार: फेसबुक/bharatbiotech)

टीके की मांग कम होने के कारण भारत बायोटेक ने इस साल की शुरुआत में दो खुराक वाले कोवैक्सीन टीके का उत्पादन रोक दिया था. हालांकि, इसने 2021 के अंत तक एक अरब खुराकों का उत्पादन कर दिया था.

कोवैक्सीन. (फोटो साभार: ट्विटर/@DrSJaishankar)

हैदराबाद: भारत बायोटेक के पास उसके कोविड-19 रोधी टीके की करीब पांच करोड़ खुराक रखी हैं, जिनकी इस्तेमाल करने की समयसीमा अगले साल की शुरुआत में खत्म हो जाएगी और कम मांग के कारण इनका कोई खरीददार नहीं है. समाचार एजेंसी पीटीआई को कंपनी के सूत्रों ने यह जानकारी दी.

टीके की मांग कम होने के कारण भारत बायोटेक ने इस साल की शुरुआत में दो खुराक वाले कोवैक्सीन टीके का उत्पादन रोक दिया था. हालांकि, इसने 2021 के अंत तक एक अरब खुराकों का उत्पादन कर दिया था.

सूत्रों ने कहा, ‘भारत बायोटेक के पास थोक में कोवैक्सीन की 20 करोड़ से अधिक खुराक हैं और शीशियों में तकरीबन पांच करोड़ खुराक इस्तेमाल के लिए तैयार हैं. टीके की मांग कम होने के कारण इस साल की शुरुआत में सात महीने पहले कोवैक्सीन का उत्पादन रोक दिया गया था.’

उन्होंने कहा, ‘शीशियों में कोवैक्सीन की खुराकों को इस्तेमाल करने की समयसीमा 2023 की शुरुआत में खत्म होनी है जिससे कंपनी को घाटा होगा.’

बहरहाल, अभी यह पता नहीं चला है कि अगले साल पांच करोड़ खुराकों के बेकार होने से भारत बायोटेक को कितना नुकसान होगा.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, भारत में सोमवार को कोरोना वायरस के 937 नए मामले सामने आने से संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 4,46,61,516 हो गई है, जबकि उपचाराधीन मरीजों यानी सक्रिय मामलों की संख्या घटकर 14,515 रह गई है.

वहीं, राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत अभी तक कोविड-19 रोधी टीकों की 219.73 करोड़ खुराक दी जा चुकी हैं. इनमें से 36 करोड़ कोवैक्सीन थे.

दुनियाभर में संक्रमण की दर कम होने के कारण कोवैक्सीन के निर्यात पर बेहद खराब असर पड़ा है. सूत्रों ने कहा, ‘वैश्विक स्तर पर अब कोविड-19 को खतरा नहीं माना जा रहा है.’

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इस साल अप्रैल में संयुक्त राष्ट्र की खरीद एजेंसियों के जरिये कोवैक्सीन की आपूर्ति निलंबित करने की पुष्टि की थी और इस टीके का इस्तेमाल कर रहे देशों को उचित कार्रवाई करने की सिफारिश की थी.

डब्लयूएचओ ने यह भी कहा था कि भारत बायोटेक की यूनिट में जीएमपी (गुड मैन्युफैक्चरिंग प्रैक्टिस) को लेकर जो कमियां पाई गई हैं, उनमें सुधार करने की जरूरत है.

वर्ष 2021 में कोविड-19 संक्रमण जब चरम पर था तो ब्राजील सरकार ने एक विवाद के बाद कोवैक्सीन की दो करोड़ खुराक के आयात के अपने फैसले को निलंबित कर दिया था.

भारत बायोटेक ने 23 जुलाई, 2021 को कहा था कि उसने ब्राजील के लिए कोवैक्सीन को लेकर प्रेसिया मेडिकामेंटॉस और एनविक्सिया फार्मास्युटिकल्स के साथ किए गए समझौता ज्ञापन को समाप्त कर दिया है.

मालूम हो कि हाल ही में सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) ने कहा था कि एसआईआई ने दिसंबर 2021 से कोविशील्ड टीके का उत्पादन बंद कर दिया है और उस समय उपलब्ध कुल भंडार में से लगभग दस करोड़ खुराक के इस्तेमाल की अवधि (एक्सपायरी डेट) समाप्त होने के चलते फेंक दिया गया.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)