प्रधानमंत्री की विदेश यात्रा के लाभों की गणना नहीं हो सकती: पीएमओ

आरटीआई आवेदक ने कहा उसके कई सवालों के जवाब नहीं दिए गए. पीएमओ ने कहा है कि यात्रा पर होने वाला ख़र्च भारत की संचित निधि से होता है.

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आरटीआई आवेदक ने कहा उसके कई सवालों के जवाब नहीं दिए गए. पीएमओ ने कहा है कि यात्रा पर होने वाला ख़र्च भारत की संचित निधि से होता है.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. (फोटो: रॉयटर्स)

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने केंद्रीय सूचना आयोग से कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश यात्राओं के लाभों की गणना नहीं की जा सकती और वे आधिकारिक रिकॉर्ड का अंग भी नहीं होते.

यह मामला आरटीआई आवेदक कीर्तिवास मंडल का है जिन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की विदेश यात्राओं, इन यात्राओं में लगाए गए समय, इनसे होने वाले फायदों तथा अन्य बातों के बारे में जून 2016 को जानकारी मांगी थी.

पीएमओ ने आवेदक को बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री की विदेश यात्रा एवं उसमें हुए ख़र्च के बारे में जो जानकारी मांगी है वह उसकी वेबसाइट पर उपलब्ध है.

आवेदक इसके बाद केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) पहुंचा और उसने कहा कि उन्हें मिले उत्तर में कई सूचनाएं नहीं हैं जैसे कि विदेश यात्रा में बिताए गए घंटे.

आवेदक ने यह भी कहा कि उन्हें यह भी नहीं बताया कि वह कौन सा कोष था जिससे प्रधानमंत्री की विदेश यात्रा में धन व्यय किया गया.

पीएमओ ने 10 अक्टूबर 2017 को हुई सुनवाई में कहा कि विदेश यात्राओं से जनता को होने वाले लाभ की जहां तक बात है, आवेदक को यह सूचित किया गया है कि यह जानकारी आधिकारिक रिकॉर्ड का अंग नहीं है.

मुख्य सूचना आयुक्त राधाकृष्ण माथुर ने कहा, प्रतिवादी पीएमओ ने कहा कि विदेश यात्राओं के लाभ की गणना नहीं हो सकती और यह उनके रिकॉर्ड में उपलब्ध नहीं है. विदेश यात्रा में लगे घंटे भी रिकॉर्ड में नहीं हैं.

उन्होंने ध्यान दिलाया कि पीएमओ ने कहा है कि यात्रा पर होने वाला ख़र्च भारत की संचित निधि से व्यय होता है.