विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि 23 जुलाई के बाद से केन्या में दो भारतीय मोहम्मद जै़द सामी किदवई और ज़ुल्फ़िक़ार अहमद ख़ान लापता हैं. बागची ने कहा कि मंत्रालय इस मामले में बारीकी से नज़र रखे हए है और प्रभावित परिवारों के संपर्क में है.
नई दिल्ली: विदेश मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि जुलाई के बाद से लापता दो भारतीयों के मामले में केन्याई पक्ष ने सभी संभव मदद की पेशकश की है और इस मामले में भारतीय जांचकर्ताओं का एक दल नैरोबी गया था.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने साप्ताहिक प्रेस वार्ता में कहा कि 23 जुलाई के बाद से केन्या में दो भारतीय मोहम्मद जैद सामी किदवई और जुल्फिकार अहमद खान लापता हैं.
उन्होंने कहा कि इस मामले में केन्याई प्रशासन सक्रियता से जांच कर रहा है और 1-3 नवंबर के बीच भारतीय जांचकर्ताओं का एक दल नैरोबी गया था और वहां लोक अभियोजक एवं आपराधिक जांच विभाग से मिला था.
इंडिनय एक्सप्रेस के मुताबिक, उन्होंने कहा कि भारतीय टीम ने केन्याई पक्ष को इस मामले में हरसंभव मदद की पेशकश की, जिसमें डीएनए या फोरेंसिक विश्लेषण में सहायता शामिल है, जिसकी केन्याई पक्ष को अपनी जांच में आवश्यकता हो सकती है.
बागची ने कहा, ‘हम इस मामले में बारीकी से नजर रखे हए हैं और प्रभावित परिवारों के संपर्क में हैं.’
इंडिनय एक्सप्रेस के मुताबिक, पिछले महीने केन्याई राष्ट्रपति के एक करीबी सहयोगी ने दावा किया था कि जुलाई से केन्या में लापता पूर्व मीडिया प्रोफेशनल जुल्फिकार को एक अन्य भारतीय नागरिक के साथ मार दिया गया था.
इसके बाद नैरोबी में भारतीय उच्चायुक्त ने गहरी चिंता व्यक्त करने के लिए राष्ट्रपति विलियम रूटो से मुलाकात की और मामले में जांच में तेजी लाने का अनुरोध किया था.
विदेश मंत्रालय ने कहा था कि ‘अपहरण और उसके बाद की जानकारी की कमी’ की विशिष्ट परिस्थितियां बहुत परेशान करने वाली थीं और उम्मीद है कि मामले की पूरी तरह से जांच की जाएगी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)