हिमाचल में 66 प्रतिशत मतदान, कांग्रेस ने निजी वाहन में ईवीएम स्ट्रॉन्ग रूम ले जाने का आरोप लगाया

हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस क़ानूनी प्रकोष्ठ के कार्यकारी अध्यक्ष प्रणय प्रताप सिंह ने इस मामले की चुनाव आयोग से शिकायत की है. अपनी शिकायत में उन्होंने कहा है कि आयोग उक्त मामले में जल्द से जल्द संज्ञान लें. अगर ऐसा नहीं किया गया तो सत्तारूढ़ भाजपा चुनावों का मज़ाक बना देगी.

Kullu: People show their identification cards as they travel via a ropeway to cast their votes during the Himachal Pradesh Assembly elections, in Kullu, Saturday, Nov. 12, 2022. (PTI Photo)(PTI11_12_2022_000240B)

हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस क़ानूनी प्रकोष्ठ के कार्यकारी अध्यक्ष प्रणय प्रताप सिंह ने इस मामले की चुनाव आयोग से शिकायत की है. अपनी शिकायत में उन्होंने कहा है कि आयोग उक्त मामले में जल्द से जल्द संज्ञान लें. अगर ऐसा नहीं किया गया तो सत्तारूढ़ भाजपा चुनावों का मज़ाक बना देगी.

हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में 12 नवंबर 2022 को हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए वोट डालने के लिए रोपवे से जाते लोग. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली/शिमला: हिमाचल प्रदेश में एक चरण में हुए विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस ने शनिवार को निर्वाचन आयोग से निजी वाहनों में ईवीएम ले जाने की शिकायत की, जो नियमों का उल्लंघन है. प्रदेश कांग्रेस के कानूनी और मानवाधिकार विभाग ने राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी को दी शिकायत में कहा कि अनधिकृत निजी वाहनों में ईवीएम को स्ट्रॉन्ग रूम में ले जाते देखा गया.

इस बीच हिमाचल प्रदेश की 68 सीटों पर एक चरण में शनिवार को हुई वोटिंग में लगभग 66 फीसदी मतदान होने की जानकारी निर्वाचन आयोग ने दी है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, अपने विधानसभा क्षेत्र रामपुर में इसे ‘पूरी तरह से एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना’ करार देते हुए कांग्रेस कानूनी प्रकोष्ठ के कार्यकारी अध्यक्ष प्रणय प्रताप सिंह ने कहा कि प्रोटोकॉल के अनुसार ऐसी मशीनों को ले जाने के लिए किराये पर लिए गए वाहनों को चुनाव पैनल या रिटर्निंग अधिकारियों द्वारा पहले ही मांगा जाना चाहिए.

सिंह ने कहा, लेकिन इस मामले में ईवीएम को एक निजी वाहन में स्थानांतरित किया गया था, जिसके पास कोई पूर्व अनुमति नहीं थी. कृपया उक्त मामले में जल्द से जल्द संज्ञान लें. अगर ऐसा नहीं किया गया तो सत्तारूढ़ भाजपा चुनावों का मजाक बना देगी और न केवल नागरिकों के मौलिक अधिकारों, बल्कि भारत के निर्वाचन आयोग की स्वतंत्र शक्तियों और कार्यों को भी कमतर कर देगी.

रिपोर्ट के मुताबिक इससे पहले हिमाचल कांग्रेस ने एक अन्य शिकायत में आरोप लगाया था कि भाजपा अपने उम्मीदवारों के पक्ष में मतदान को प्रभावित करने के उद्देश्य से पार्टी (कांग्रेस) के प्रभारी राजीव शुक्ला के नाम पर एक ‘फर्जी लेटरहेड’ जारी कर रही है.

कांग्रेस ने अपनी शिकायत में कहा था कि राजीव शुक्ला ने कभी ऐसा कोई पत्र नहीं लिखा या उस पर हस्ताक्षर किए हैं.

शिकायत में कहा गया है, ‘यह पत्र भाजपा के हताशा के स्तर को दर्शा रहा है. यह जाली पत्र और कुछ नहीं बल्कि कांग्रेस को नुकसान पहुंचाने का एक छोटा सा प्रयास है, लेकिन भाजपा को पता नहीं है कि हिमाचल प्रदेश के लोग इतने समझदार हैं कि उनके दुर्भावनापूर्ण इरादों को समझ सकते हैं.’

शिकायत में भाजपा के खिलाफ सख्त कार्रवाई और एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई थी.

हिमाचल में लगभग 66 फीसदी मतदान, लोगों ने हिमपात के बावजूद डाले वोट

हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए शनिवार को हुए मतदान में लगभग 66 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया. निर्वाचन आयोग ने शाम पांच बजे तक मतदान के अस्थायी आंकड़ों के हवाले से यह जानकारी दी है.

4प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और विपक्षी दल कांग्रेस के बीच मुकाबला है.

विधानसभा चुनाव भाजपा के लिए अहम परीक्षा है और वह लगातार दूसरी बार सरकार न बना पाने के प्रदेश के रिवाज को तोड़ने की कोशिश में है, जबकि कांग्रेस ने भी चुनाव में जीत हासिल करने के लिए जी-जान लगा दिया है.

शिमला जिले के एक मतदान केंद्र पर हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए वोट डालने के लिए कतार में खड़े लोग. (फोटो: पीटीआई)

राजधानी शिमला से लेकर प्रदेश के ऊंचाई वाले बर्फ से ढके स्पीति तक, लोगों ने सर्दी के बावजूद नई सरकार को चुनने के लिए मतदान किया. प्रदेश के पहाड़ी इलाकों में हिमपात हो रहा है.

मतदान शनिवार सुबह आठ बजे शुरू हुआ था. इसकी शुरुआत धीमी रही. हालांकि, धीरे-धीरे मतदान ने गति पकड़ी.

पहले घंटे में करीब पांच प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया. 11 बजे तक 17.98 प्रतिशत मतदान हुआ. एक बजे तक 37.19 प्रतिशत और तीन बजे तक 55.65 प्रतिशत मतदान दर्ज किया.

आयोग की ओर से जारी मतदान के अस्थायी आंकड़ों के मुताबिक, शाम पांच बजे तक 66.58 प्रतिशत लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया.

वर्ष 2017 के विधानसभा चुनावों में मतदान प्रतिशत 75.57 था, जबकि 2012 के विधानसभा चुनावों में 73.5 प्रतिशत था.

सबसे ज्यादा 72.79 प्रतिशत मतदान सिरमौर जिले में हुआ. इसके बाद सोलन में 68.48 प्रतिशत, ऊना में 68.48 प्रतिशत, मंडी में 68.03 प्रतिशत तथा लाहौल स्पीति में 67.5 प्रतिशत मतदान हुआ है.

ऊंचाई वाले जिले लाहौल स्पीति में एक बजे तक सबसे कम 21.95 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था, लेकिन धूप निकलने के साथ ही मतदान तेज हो गया था.

आयोग के आंकड़ों के अनुसार, राज्य के 68 विधानसभा क्षेत्रों में से मंडी जिले के सिराज विधानसभा क्षेत्र, जहां से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर चुनाव मैदान में हैं, वहां सबसे अधिक 82.22 प्रतिशत मतदान हुआ.

आंकड़ों के अनुसार, इसके बाद शिलाई में सबसे अधिक 77 प्रतिशत मतदान हुआ और सुजानपुर में 73.65 प्रतिशत मतदान हुआ. बैजनाथ और सरकाघाट में क्रमशः 50.25 प्रतिशत और 55.40 प्रतिशत दर्ज किया गया.

हिमाचल प्रदेश के मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) मनीष गर्ग ने कहा कि अंतिम आंकड़े सभी चुनावी दलों के लौटने और दस्तावेजों की अंतिम जांच के बाद ही पता चल पाएंगे.

उन्होंने कहा, ‘मतदान प्रक्रिया शांतिपूर्ण रही और उसके लिए उचित व्यवस्था की गई थी. कोई अप्रिय घटना नहीं हुई, और चुनावों में लोगों से बहुत अच्छी प्रतिक्रिया देखी गई. यहां तक ​​कि बर्फीले इलाकों में भी लोगों में मतदान को लेकर उत्साह देखा गया.’

उन्होंने कहा कि लाहौल और स्पीति, चंबा के आदिवासी इलाकों में लगभग 130 मतदान केंद्र और किन्नौर विधानसभा क्षेत्र में कुछ मतदान केंद्र बर्फबारी से प्रभावित थे.

तापमान में गिरावट और अधिक उम्र भी बुजुर्ग लोगों के उत्साह को कम न कर सकी और उन्होंने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया. 105 वर्षीय नारो देवी ने चंबा के चूराह में वोट डाला, जबकि 103 साल के सरदार प्यार सिंह ने शिमला में अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया.

प्रदेश में 80 वर्ष से ज्यादा उम्र के 1.21 लाख मतदाता हैं, जिनमें से 100 वर्ष या इससे ज्यादा आयु के मतदाताओं की संख्या 1,136 है.

आयोग ने राज्य भर के मतदान केंद्रों पर बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए विशेष व्यवस्था की थी.

आयोग ने कहा कि चासक बाटपरी (83 वर्ष) उन लोगों में शामिल थीं, जिन्होंने भारी हिमपात के बावजूद चंबा के सुदूर भारमौर निर्वाचन क्षेत्र में वोट डाला.

हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में एक मतदान केंद्र पर वोट डालने के लिए अपनी बारी का इंतजार करते लोग. (फोटो: पीटीआई)

आयोग ने उनकी तस्वीर साझा करते हुए कहा, ‘भारमौर राज्य में सबसे सुदूर जगह है और उससे सबसे निकट की सड़क 14 किलोमीटर की दूरी पर है. भारी हिमपात के बाद भी मतदाताओं का गजब उत्साह.’

भारत के पहले मतदाता 106 वर्षीय श्याम सरन नेगी का घर हिमाचल में ही था, जिनका कुछ दिन पहले इस चुनाव की खातिर डाक मतपत्र से वोट डालने के बाद निधन हो गया था.

इनके अलावा हिमाचल प्रदेश कांग्रेस प्रमुख प्रतिभा सिंह और उनके बेटे विक्रमादित्य सिंह ने रामपुर में मतदान किया. इससे पहले उन्होंने शिमला के शनि मंदिर में पूजा की. विक्रमादित्य शिमला ग्रामीण सीट से चुनाव लड़ रहे हैं.

पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल, उनके बेटे एवं केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने परिवार के अन्य सदस्यों के साथ हमीरपुर में मतदान किया. भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बिलासपुर में परिवार के सदस्यों के साथ मतदान किया, जबकि पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने भी वोट डाला.

पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा ने शिमला में मतदान किया, जबकि नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री और उनके परिवार ने हरोली में मतदान किया, जहां से वह चुनाव लड़ रहे हैं.

हिमाचल में भाजपा अपने विकास के एजेंडे के बूते सत्ता में वापस लौटने की उम्मीद कर रही है, जबकि कांग्रेस प्रदेश में भाजपा से सत्ता छीनने को बेताब है और उसने लोगों से चार दशक के रिवाज के आधार पर वोट डालने की अपील की है, जिसके तहत हर पांच साल में मौजूदा सरकार को बदल दिया जाता है. कांग्रेस को एक के बाद एक चुनाव में हार का सामना करना पड़ रहा है. पार्टी दो साल में नौ राज्यों में चुनाव हार चुकी है.

कांग्रेस ने ‘हर घर लक्ष्मी’ योजना के तहत सभी महिलाओं को हर महीने 1,500 रुपये, 300 यूनिट मुफ्त बिजली और अगले पांच वर्षों में पांच लाख नौकरियों सहित कई वादे किए हैं. इसने 680 करोड़ रुपये के स्टार्टअप कोष का भी वादा किया है.

भाजपा ने राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने और आठ लाख नौकरियों के अलावा कमजोर वर्गों की कॉलेज जाने वाली लड़कियों को स्कूटी और स्कूल जाने वाली लड़कियों को साइकिल देने का वादा किया है.

राज्य में 55 लाख से ज्यादा पंजीकृत मतदाता हैं और 68 सीट पर 412 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. विधानसभा चुनाव में 24 महिला प्रत्याशी भी हैं. हिमाचल प्रदेश के कुल पंजीकृत मतदाताओं में से 28,54,945 पुरुष और 27,37,845 महिलाएं हैं.

मोदी ने भाजपा के लिए प्रचार नेतृत्व किया है. उन्होंने राज्य के मतदाताओं से व्यक्तिगत अपील करते हुए कहा कि भाजपा के चिह्न ‘कमल’ के लिए डाला गया, प्रत्येक वोट उनकी ताकत बढ़ाएगा.

भाजपा ने मतदाताओं से पार्टी को फिर से चुनकर ‘रिवाज’ बदलने की अपील की है और कहा है कि ‘डबल इंजन’ की सरकार सर्वांगीण विकास के लिए काम करती रहेगी.

कांग्रेस के लिए पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी ने मुख्य रूप से प्रचार की कमान संभाली थी. आम आदमी पार्टी (आप) ने प्रदेश की 68 से में 67 सीट पर चुनाव लड़ा है.

मालूम हो कि हिमाचल प्रदेश में विधानसभा की कुल 68 सीटें हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने वहां जीत दर्ज की थी. पिछले कुछ दशकों में इस पहाड़ी राज्य में सत्ताधारी पार्टी का फिर से सत्ता में लौटने में विफल रहने का इतिहास रहा है.

पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा को 48.79 प्रतिशत मत हासिल हुए थे, जबकि कांग्रेस को 41.68 प्रतिशत मत मिले थे. निर्दलीय उम्मीदवारों को 6.34 प्रतिशत मत मिले थे.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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