जम्मू कश्मीर के गांदरबल ज़िला मजिस्ट्रेट ने शनिवार को सीआरपीसी की धारा 144 के तहत एक आदेश जारी करते हुए कहा था कि बिजली सप्लाई की लाइनों को किसी भी नुकसान से बचाने, अनिर्धारित बिजली कटौती रोकने और निर्बाध बिजली आपूर्ति करने के लिए ब्लोअर, हीटर और रेडिएटर जैसे बिजली के उपकरणों के इस्तेमाल पर रोक लगाई जाती है.
श्रीनगर: कश्मीर घाटी में ठंड के मौसम में भी बिजली के हीटिंग (गर्माहट लाने वाला) उपकरणों की बिक्री, उन्हें अपने पास रखने और उनके इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने के अपने अजीब फैसले पर विवाद होने के कुछ घंटों बाद जम्मू कश्मीर के गांदरबल जिले में अधिकारियों ने शनिवार देर रात इसे ‘सुधार’ के साथ वापस ले लिया.
यह आदेश तब आया, जब पहले के आदेश को विभिन्न राजनीतिक दलों से तीखी आलोचना का सामना करना पड़ा.
समाचार एजेंसी पीटीआई की खबर के मुताबिक, गांदरबल के जिला मजिस्ट्रेट श्यामबीर ने नए आदेश में कहा, ‘चूंकि इस कार्यालय ने सीआरपीसी की धारा 144 के तहत एक आदेश जारी किया है, जिसका उद्देश्य बिजली का कुशल उपयोग, इसका संरक्षण सुनिश्चित करना और निषिद्ध/अनधिकृत हीटिंग उपकरणों के उपयोग को रोकना है.’
आदेश में आगे कहा गया है, ‘इसलिए मैं उक्त आदेश में संशोधन करता हूं और निर्देश जारी करता हूं. ऊर्जा के कुशल उपयोग, इसके संरक्षण और जीवन व संपत्ति की रक्षा के लिए प्रतिबंधित नाइक्रोम कॉइल आधारित क्रू़ड वॉटर हीटर और क्रूड कुकिंग हीटर बिक्री, खरीद और इस्तेमाल पर रोक लगाता हूं.’
आदेश में कहा गया है कि ये उपकरण भारतीय मानक ब्यूरो के मानकों के अनुरूप नहीं हैं.
इससे पहले शनिवार दिन में इस मध्य कश्मीर जिले के जिला मजिस्ट्रेट या उपायुक्त ने बिजली के हीटिंग उपकरणों की बिक्री, उन्हें रखने और उनके इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया था, जबकि घाटी में ऊंचाई वाले इलाकों में भारी बर्फबारी हुई थी.
आदेश में कहा गया था कि बिजली सप्लाई की लाइनों (ट्रांसमिशन लाइन) को किसी भी नुकसान से बचाने, अनिर्धारित बिजली कटौती रोकने और उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली आपूर्ति प्रदान करने के लिए निर्णय लिया गया है.
आदेश में कहा गया था, ‘यह आशंका जताई गई है कि ब्लोअर, हीटर और रेडिएटर आदि जैसे बिजली के उपकरणों के बेहिसाब इस्तेमाल से भारी भार के कारण ट्रांसमिशन लाइनों को नुकसान हो सकता है, जिसके परिणामस्वरूप बिजली की निर्बाध आपूर्ति में दिक्कत आ सकती है.’
आदेश में कहा गया, ‘इस तरह के बिजली के उपकरणों के इस्तेमाल से शॉर्ट-सर्किट की पूरी आशंका होती है, जिसके परिणामस्वरूप सर्दियों के मौसम में आग लगने की घटनाएं होती हैं, जिनके चलते जीवन और संपत्ति का नुकसान होता है.’
आदेश में कहा गया था कि इसका उल्लंघन करने पर दंडात्मक कार्रवाई होगी.
इस आदेश पर राजनेताओं और ट्विटर उपयोगकर्ताओं ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे अमानवीय बताया था और गांदरबल डीएम को बर्खास्त करने की मांग की थी.
ट्विटर पर आदेश की प्रति साझा करते हुए नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से इस ‘कड़े आदेश’ को वापस लेने का आग्रह किया था.
अब्दुल्ला ने अपने ट्वीट में पूछा था, ‘यह एक हास्यास्पद आदेश है. प्रशासन बिजली के हीटरों की बिक्री, उपयोग और यहां तक कि भंडारण पर पूर्ण प्रतिबंध कैसे लगा सकता है? क्या जिला कलेक्टर के गर्म/ठंडा करने वाले एसी भी इस धारा 144 के प्रतिबंध के तहत कवर किए गए हैं? क्या उन्होंने अपने कार्यालय/घर से इन्हें हटा दिया है? क्या लोगों को सर्दी में जमकर मर जाना चाहिए?’
This is a ridiculous order. How can the administration impose a blanket ban on sale, usage and even storage of electrical heaters? Is the DC’s heating/cooling AC covered under this Sec 144 ban? Will he have it removed from his office/home? Are people supposed to freeze to death? pic.twitter.com/eZlzWNaOgT
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) November 12, 2022
उन्होंने कहा, ‘धारा 144 के आदेशों का उल्लंघन करने पर गिरफ्तारी होती है. क्या यह हृदयहीन प्रशासन उन माता-पिता को गिरफ्तार करने जा रहा है, जो अपने बच्चों को ठंड में जमकर मरने से बचाना चाहते हैं या वे बच्चे जो वृद्ध माता-पिता को ठंड से बचाना चाहते हैं? उपराज्यपाल कार्यालय को इस कठोर आदेश को वापस लेना चाहिए.’
पीडीपी प्रवक्ता मोहित भान ने पूछा कि क्या इस तरह के आदेश देश के समर बेल्ट (गर्म क्षेत्रों) में कहीं जारी किए जाते हैं.
Do we issue such orders anywhere in summer belt of the country to not use Air Conditioners during peak summers and make it a criminal offence if not obeyed. It’s evident someone who doesn’t understand the landscape & geography of the place can only issue such orders. pic.twitter.com/vvXgKxJpxQ
— Mohit Bhan موہت بھان (@buttkout) November 12, 2022
उन्होंने ट्वीट किया, ‘क्या हम देश के गर्म क्षेत्रों में कहीं भी इस तरह के आदेश जारी करते हैं कि गर्मी के चरम पर होने के दौरान एयर कंडीशनर का इस्तेमाल न करें और इसका पालन न करने पर इसे अपराध माना जाए. यह इसका प्रमाण है कि जो उस स्थान के परिदृष्य और भूगोल को नहीं समझता है, वही ऐसा आदेश जारी कर सकता है.’