गुजरात चुनाव: नरोदा पाटिया दंगा मामले के दोषी की बेटी को भाजपा ने टिकट दिया

भाजपा ने गुजरात की नरोदा सीट से मौजूदा विधायक बलराम थवानी को एक और मौका देने के बजाय पायल कुकरानी को मैदान में उतारा है. पायल नरोदा पाटिया दंगा मामले में दोषी क़रार दिए गए 16 व्यक्तियों में से एक मनोज कुकरानी की बेटी हैं. पार्टी ने बिलकीस बानो के बलात्‍कारियों को ‘संस्कारी’ बताने वाले विधायक चंद्रसिंह राउलजी को भी गोधरा से टिकट दिया है.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

भाजपा ने गुजरात की नरोदा सीट से मौजूदा विधायक बलराम थवानी को एक और मौका देने के बजाय पायल कुकरानी को मैदान में उतारा है. पायल नरोदा पाटिया दंगा मामले में दोषी क़रार दिए गए 16 व्यक्तियों में से एक मनोज कुकरानी की बेटी हैं. पार्टी ने बिलकीस बानो के बलात्‍कारियों को ‘संस्कारी’ बताने वाले विधायक चंद्रसिंह राउलजी को भी गोधरा से टिकट दिया है.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

अहमदाबाद: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने गोधरा कांड के बाद 2002 में हुए नरोदा पाटिया दंगे के दोषियों में से एक की बेटी को अहमदाबाद की नरोदा सीट से विधानसभा चुनाव का टिकट दिया है.

नरोदा पाटिया दंगा मामले में दोषी करार दिए गए 16 व्यक्तियों में से एक मनोज कुकरानी की 30 वर्षीय बेटी पायल कुकरानी को भाजपा ने टिकट दिया है. इन दंगों में 97 मुसलमानों की मौत हुई थी. पेशे से ‘एनेस्थेसिस्ट’ पायल भाजपा की सबसे युवा उम्मीदवारों में से एक हैं.

गुजरात हाईकोर्ट ने नरोदा पाटिया दंगा मामले में मनोज कुकरानी और 15 अन्य की दोषसिद्धि को 2018 में बरकरार रखा था. उम्रकैद की सजा पाने वाले कुकरानी फिलहाल जमानत पर बाहर हैं.

भाजपा द्वारा टिकट दिए जाने के संबंध में पायल कुकरानी ने कहा, ‘मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल, मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और सभी पार्टी कार्यकर्ताओं तथा सदस्यों की आभारी हूं. मेरी मां एक पार्षद हैं और मेरे माता-पिता लंबे समय से भाजपा से जुड़े हुए हैं. मैंने भी अतीत में चुनावी प्रक्रिया में हिस्सा लिया है.’

पायल ने कहा कि अगर वह चुनाव जीतती हैं तो उनकी प्राथमिकता विधानसभा क्षेत्र को विकसित करना और स्थानीय लोगों की समस्याएं दूर करना होगा.

पायल की मां व स्थानीय पार्षद रेशमा कुकरानी ने कहा कि वह अपनी बेटी का पूरा सहयोगी करेंगी और सुनिश्चित करेंगी कि उसे जीत मिले.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, कुकरानी परिवार सिंधी समुदाय से ताल्लुक रखता है, जिसका इस क्षेत्र में प्रभुत्व है. भाजपा ने नरोदा से मौजूदा विधायक बलराम थवानी को एक और मौका देने के बजाय पायल कुकरानी को मैदान में उतारा है.

हालांकि क्षेत्र के कुछ भाजपा कार्यकर्ताओं ने उनकी उम्मीदवारी पर नाखुशी व्यक्त की है, क्योंकि उनका मानना है कि उन्होंने एक गैर-सिंधी से शादी की है, इसलिए अब वह समुदाय की सदस्य नहीं हैं.

भाजपा की पूर्व मंत्री माया कोडनानी भी नरोदा पाटिया दंगा मामले के दोषियों में से एक थीं, लेकिन 2018 में हाईकोर्ट द्वारा उन्हें बरी कर दिया गया था. कोडनानी ने नरोदा सीट से तीन बार विधायक रही हैं.

उन्हें 2009 में गिरफ्तार किया गया था. वह नरोदा गाम दंगों के मामले में भी एक आरोपी हैं, जो गोधरा में ट्रेन में आग लगने की घटना के बाद हुए नौ बड़े सांप्रदायिक दंगों में से एक है. इन मामलों की जांच एक विशेष जांच दल (एसआईटी) ने की थी.

मालूम हो कि इससे पहले भाजपा ने बिलकीस बानो के बलात्‍कारियों को ‘संस्कारी’ बताने वाले विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री चंद्रसिंह राउलजी को गोधरा से टिकट दिया था. राउलजी गोधरा से छह बार विधायक रह चुके हैं.

गोधरा से भाजपा विधायक चंद्रसिंह राउलजी गुजरात सरकार की उस समिति के उन चार सदस्यों में से एक थे, जिसने बिलकीस बानो के साथ बलात्कार और उनकी तीन साल की बेटी सहित परिवार के सात सदस्यों की हत्या के दोषी 11 लोगों को रिहा करने का फैसला किया था.

गुजरात में 1 और 5 दिसंबर को दो चरण में होंगे विधानसभा चुनाव होंगे और मतगणना 8 दिसंबर को की जाएगी.

मालूम हो कि बीते 15 अगस्त को अपनी क्षमा नीति के तहत गुजरात की भाजपा सरकार द्वारा माफी दिए जाने के बाद बिलकीस बानो सामूहिक बलात्कार और उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे सभी 11 दोषियों को 16 अगस्त को गोधरा के उप-कारागार से रिहा कर दिया गया था.

सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो में जेल से बाहर आने के बाद बलात्कार और हत्या के दोषी ठहराए गए इन लोगों का मिठाई खिलाकर और माला पहनाकर स्वागत किया गया था.

इसे लेकर कार्यकर्ताओं ने आक्रोश जाहिर किया था. इसके अलावा सैकड़ों महिला कार्यकर्ताओं समेत 6,000 से अधिक लोगों ने सुप्रीम कोर्ट से दोषियों की सजा माफी का निर्णय रद्द करने की अपील की थी.

इस निर्णय से बेहद निराश बिलकीस ने भी इसके बाद अपनी वकील के जरिये जारी एक बयान में गुजरात सरकार से इस फैसले को वापस लेने की अपील की थी.

भाजपा के पांच नेताओं ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर खड़े होने की धमकी दी

इस बीच गुजरात विधानसभा चुनाव में भाजपा द्वारा टिकट न दिए जाने से खफा पार्टी के कम से कम एक मौजूदा विधायक और चार पूर्व विधायकों ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने की धमकी दी है.

पार्टी के कुछ असंतुष्ट नेताओं ने कहा है कि वे अपने समर्थकों से परामर्श करने के बाद अपना अगला कदम उठाएंगे, लेकिन भाजपा के पूर्व विधायक हर्षद वसावा ने शुक्रवार (11 नवंबर) को नंदोड (अनुसूचित जनजाति आरक्षित) सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया.

उल्लेखनीय है कि हर्षद वसावा भाजपा की गुजरात इकाई के अनुसूचित जनजाति मोर्चा के अध्यक्ष हैं और उन्होंने 2002 से 2007 और 2007 से 2012 तक पूर्ववर्ती राजपीपला सीट का प्रतिनिधित्व किया था.

नर्मदा जिले की नंदोड सीट पर वर्तमान में कांग्रेस का कब्जा है. इस सीट से भाजपा ने डॉ. दर्शन देशमुख को उतारा है. इस घोषणा से नाखुश हर्षद वसावा ने भाजपा में अपने पद से इस्तीफा दे दिया और शुक्रवार को नंदोड सीट के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल किया.

वसावा ने नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘यहां असली भाजपा और नकली भाजपा है. हम उन लोगों को बेनकाब करेंगे, जिन्होंने प्रतिबद्ध कार्यकर्ताओं को दरकिनार कर दिया है और नए लोगों को महत्वपूर्ण पद दे दिए. मैंने अपना इस्तीफा पार्टी को भेज दिया है. इस क्षेत्र के लोग जानते हैं कि मैंने 2002 से 2012 के बीच विधायक के रूप में कितना काम किया है.’

पड़ोसी वडोदरा जिले में एक मौजूदा और दो पूर्व भाजपा विधायक टिकट न दिए जाने के कारण पार्टी से नाराज हैं.

वाघोडिया से छह बार के विधायक मधु श्रीवास्तव ने टिकट नहीं दिए जाने के बाद कहा कि अगर उनके समर्थक चाहते हैं तो वह निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ेंगे. भाजपा ने इस सीट से अश्विन पटेल को उतारा है.

वडोदरा जिले की पादरा सीट से भाजपा के एक अन्य पूर्व विधायक दिनेश पटेल उर्फ दीनू मामा ने भी कहा है कि वह निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ेंगे. भाजपा ने इस सीट से चैतन्यसिंह जाला को टिकट दिया है. इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा है.

करजन में भाजपा के पूर्व विधायक सतीश पटेल मौजूदा विधायक अक्षय पटेल को टिकट देने के निर्णय से नाखुश हैं.

स्थिति को संभालने के लिए भाजपा की राज्य इकाई के महासचिव भार्गव भट्ट और गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने शनिवार को वडोदरा का दौरा किया और स्थानीय पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात की. भट्ट ने विश्वास जताया कि भाजपा वडोदरा की सभी सीट पर जीत हासिल करेगी.

इस बीच, जूनागढ़ की केशोद सीट से भाजपा के पूर्व विधायक अरविंद लडानी ने शनिवार को घोषणा की कि पार्टी द्वारा मौजूदा विधायक देवभाई मालम को टिकट दिए जाने के कारण वह निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ेंगे.

भाजपा ने अब तक कुल 182 विधानसभा क्षेत्रों में से 166 क्षेत्रों के लिए उम्मीदवारों के नाम घोषित किए हैं.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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