पंजाब: हथियारों के सार्वजनिक प्रदर्शन, बंदूक संस्कृति, हिंसा को बढ़ावा देने वाले गीतों पर रोक

आलोचनाओं के बीच पंजाब सरकार ने एक आदेश जारी कर कहा है कि सार्वजनिक सभाओं, धार्मिक स्थलों, शादी समारोहों और अन्य कार्यक्रमों में हथियार ले जाने तथा इनके प्रदर्शन पर पूरी तरह पाबंदी लगनी चाहिए. किसी भी समुदाय के ख़िलाफ़ नफ़रत संबंधी बयानबाज़ी में लिप्त लोगों पर एफ़आईआर दर्ज की जानी चाहिए.

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान. (फोटो साभार: ट्विटर)

आलोचनाओं के बीच पंजाब सरकार ने एक आदेश जारी कर कहा है कि सार्वजनिक सभाओं, धार्मिक स्थलों, शादी समारोहों और अन्य कार्यक्रमों में हथियार ले जाने तथा इनके प्रदर्शन पर पूरी तरह पाबंदी लगनी चाहिए. किसी भी समुदाय के ख़िलाफ़ नफ़रत संबंधी बयानबाज़ी में लिप्त लोगों पर एफ़आईआर दर्ज की जानी चाहिए.

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान. (फोटो साभार: ट्विटर)

चंडीगढ़: पंजाब सरकार ने कानून व्यवस्था के मुद्दे पर विपक्षी दलों की ओर से हो रहीं आलोचनाओं के बीच रविवार को नियमों को कड़ा करते हुए हथियारों के सार्वजनिक प्रदर्शन (सोशल मीडिया समेत) और बंदूक संस्कृति तथा हिंसा को बढ़ावा देने वाले गीतों पर प्रतिबंध लगा दिया.

इस संबंध में जारी एक आदेश के अनुसार, राज्य सरकार ने अगले तीन महीने में शस्त्रों के लाइसेंस की समीक्षा करने का निर्देश दिया है और इस अवधि में कोई नया लाइसेंस जारी नहीं करने समेत औचक जांच की जाएगी.

आदेश में कहा गया है कि सार्वजनिक सभाओं, धार्मिक स्थलों, शादी समारोहों और अन्य कार्यक्रमों में हथियार ले जाने तथा इनके प्रदर्शन पर पूरी तरह पाबंदी लगनी चाहिए.

इसमें कहा गया है कि किसी भी समुदाय के खिलाफ नफरत संबंधी बयानबाजी में लिप्त लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए.

राज्य में कथित रूप से बिगड़ती कानून व्यवस्था और कई सनसनीखेज हत्याकांड को लेकर भगवंत मान सरकार को विपक्षी दलों (शिरोमणि अकाली दल, भाजपा और कांग्रेस) की ओर से आलोचना का सामना करना पड़ रहा है.

पंजाब में हाल ही में दो बड़ी घटनाएं हुई हैं. चार नवंबर को शिवसेना (टकसाली) के नेता सुधीर सूरी और 10 नवंबर को फरीदकोट जिले के कोटकपूरा में डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी प्रदीप शर्मा की हत्या कर दी गई. कनाडा के गैंगस्टर गोल्डी बरार ने शर्मा की हत्या की जिम्मेदारी ली थी.

इसके पहले जालंधर में मार्च 2022 में अंतरराष्ट्रीय कबड्डी खिलाड़ी संदीप नंगल अंबियन और 29 मई 2022 को गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या को लेकर लोगों में आक्रोश देखने को मिला था. इसी तरह मोहाली स्थित पंजाब पुलिस के खुफिया मुख्यालय पर रॉकेट-ग्रेनेड से हमला किया गया था.

मानसा में मूसेवाला पर यह हमला पंजाब में आप सरकार द्वारा गायक सहित 424 लोगों के लिए सुरक्षा कवर वापस लेने के ठीक एक दिन बाद हुआ था.

गोल्डी बरार ने एक फेसबुक पोस्ट में हत्या की जिम्मेदारी लेते हुए कहा था कि यह पिछले साल अकाली दल के नेता विक्की मिद्दुखेड़ा की हत्या के प्रतिशोध में किया गया था. पंजाब पुलिस ने गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई को भी गिरफ्तार किया, जब पुलिस ने दावा किया कि वह बरार से जुड़ा हुआ था.

राज्य के गृह विभाग ने पुलिस प्रमुख, पुलिस आयुक्तों और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को पत्र लिखकर कहा कि मुख्यमंत्री ने राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कदम उठाने के निर्देश जारी किए हैं.

रविवार को जारी आदेश के मुताबिक, शस्त्रों और हिंसा का महिमामंडन करने वाले गानों पर पूरी तरह से रोक लगनी चाहिए. आदेश में आगे कहा गया है कि तीन महीने के भीतर शस्त्र लाइसेंस की समीक्षा की जानी चाहिए और यदि किसी गलत व्यक्ति को शस्त्र लाइसेंस जारी किया गया है, तो उसे तत्काल रद्द किया जाना चाहिए.

आदेश में कहा गया है कि आने वाले दिनों में अलग-अलग जगहों पर औचक निरीक्षण किया जाए. ताजा आदेश पुलिस विभाग में बड़े फेरबदल के एक दिन बाद आया है.

बीते मई महीने में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पंजाबी गायकों से आग्रह किया था कि वे अपने गीतों के माध्यम से हिंसा, नफरत और दुश्मनी को बढ़ावा देने से बचें.

मान ने कहा था, ऐसे गायकों से अपील हमारा मुख्य कर्तव्य है कि वे अपने गीतों के माध्यम से हिंसा को प्रोत्साहित न करें, जो अक्सर युवाओं, विशेषकर बच्चों को प्रभावित करते हैं. अभी हम उनसे अनुरोध कर रहे हैं कि वे इस तरह की प्रवृत्ति को बढ़ावा न दें, जिसके विफल होने पर सरकार को उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)