केंद्रीय मंत्री प्रमाणिक के ख़िलाफ़ 13 साल पुराने गहना चोरी मामले में गिरफ़्तारी वॉरंट जारी

पश्चिम बंगाल के अलीपुरद्वार की एक अदालत ने साल 2009 में आभूषणों की दो दुकानों में हुईं चोरियों के मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री निसिथ प्रमाणिक के ख़िलाफ़ गिरफ़्तारी वॉरंट जारी किया है. उनके वकील ने कहा कि आदेश को चुनौती देने के लिए एक हाईकोर्ट का रुख़ करेंगे.

निसिथ प्रमाणिक. (फोटो साभार: फेसबुक)

पश्चिम बंगाल के अलीपुरद्वार की एक अदालत ने साल 2009 में आभूषणों की दो दुकानों में हुईं चोरियों के मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री निसिथ प्रमाणिक के ख़िलाफ़ गिरफ़्तारी वॉरंट जारी किया है. उनके वकील ने कहा कि आदेश को चुनौती देने के लिए एक हाईकोर्ट का रुख़ करेंगे.

निसिथ प्रमाणिक. (फोटो साभार: फेसबुक)

अलीपुरद्वार: पश्चिम बंगाल के अलीपुरद्वार की एक अदालत ने 13 साल पहले आभूषणों की दो दुकानों में हुईं चोरियों के सिलसिले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री निसिथ प्रमाणिक के खिलाफ गिरफ्तारी वॉरंट जारी किया है.

मुकदमे की सुनवाई न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में हुई और गिरफ्तारी वॉरंट जब जारी किया गया, उस वक्त भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद प्रमाणिक की ओर से कोई वकील मौजूद नहीं था.

मंत्री के साथ-साथ एक अन्य आरोपी के खिलाफ भी 11 नवंबर को वॉरंट जारी किया गया. प्रमाणिक के वकील दुलाल घोष ने हालांकि अपने अगले कानूनी कदम के बारे में नहीं बताया.

अलीपुरद्वार रेलवे स्टेशन और बिरपारा के पास स्थित गहनों की दुकानों में 2009 में चोरी हुई थी.

सरकारी वकील जे. मजूमदार ने बुधवार को बताया कि कलकत्ता हाईकोर्ट के निर्देश पर उत्तरी 24 परगना जिले की एमपी/एमएलए अदालत से इस मुकदमे को अलीपुरद्वार अदालत में स्थानांतरित किया गया.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, सरकारी वकील जे. मजूमदार ने कहा, ‘11 नवंबर को अलीपुरद्वार न्यायिक मजिस्ट्रेट अदालत (तृतीय) ने निशीथ प्रमाणिक के खिलाफ आईपीसी की धारा 457 (घर में जबरन घुसना), 383 (जबरन वसूली), 411 (बेईमानी से चोरी की संपत्ति प्राप्त करना) सहित अन्य धाराओं के तहत गिरफ्तारी वॉरंट जारी किया.’

मजूमदार ने कहा, ‘11 नवंबर को मामले के अन्य आरोपियों ने जमानत याचिका दायर की थी. लेकिन निसिथ प्रमाणिक की ओर से ऐसा कोई कदम नहीं उठाया गया है.’

सूत्रों ने कहा कि कूच बिहार के भाजपा सांसद के खिलाफ गिरफ्तारी वॉरंट जारी किया गया है, क्योंकि अदालत में उनका प्रतिनिधित्व करने वाला कोई वकील नहीं था. तब सरकारी वकील ने मांग की कि उनके खिलाफ गिरफ्तारी वॉरंट जारी किया जाए.

टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, मामले की सुनवाई की अगली तारीख 7 दिसंबर है. अदालत ने पुलिस को गिरफ्तारी वॉरंट पर अमल करने और उस तारीख को प्रमाणिक को अदालत में पेश करने का आदेश पारित किया है.

मजूमदार ने कहा, ‘अगर पुलिस 7 दिसंबर को प्रमाणिक को पेश करने में विफल रहती है, तो उसे अदालत में अपनी निष्क्रियता के बारे में बताना होगा.’

अखबार के मुताबिक, प्रमाणिक ने इस मुद्दे पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. हालांकि, उनके वकील दुलाल घोष ने कहा, ‘मुझे बाद में पता चला कि न्यायिक मजिस्ट्रेट अदालत (तृतीय) ने मंत्री के खिलाफ वॉरंट जारी किया है. हम जानते हैं कि ये मामले प्रथम अदालत को सौंपे जाते हैं. हम आदेश को चुनौती देने के लिए एक हाईकोर्ट का रुख करेंगे.’

उत्तर बंगाल में बांग्लादेश की सीमा से सटे दिनहाटा कस्बे के रहने वाले प्रमाणिक 2019 में पहली बार लोकसभा के लिए चुने गए. वह फरवरी, 2019 में भाजपा में शामिल हुए थे.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)