भारतीय प्रशासनिक सेवा के पूर्व अधिकारी अरुण गोयल मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडेय के साथ निर्वाचन आयोग का हिस्सा होंगे. हाल तक वह भारी उद्योग सचिव थे. उन्हें 31 दिसंबर, 2022 को 60 साल की आयु में सेवानिवृत्त होना था, लेकिन बीते 18 नवंबर को उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली.
नई दिल्ली: गुजरात में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भारतीय प्रशासनिक सेवा के पूर्व अधिकारी अरुण गोयल को शनिवार को चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया. देश के शीर्ष चुनाव निकाय में तीसरा पद करीब छह महीने से खाली था.
गोयल ने शुक्रवार (18 नवंबर) को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली थी. गोयल को 31 दिसंबर, 2022 को 60 साल की आयु में सेवानिवृत्त होना था. गोयल 1985 बैच के पंजाब कैडर के अधिकारी रहे हैं. वह मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडेय के साथ निर्वाचन आयोग का हिस्सा होंगे.
सरकार ने एक विज्ञप्ति के माध्यम से गोयल की नियुक्ति की जानकारी दी. शनिवार शाम कानून मंत्रालय की एक विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘राष्ट्रपति ने अरुण गोयल, आईएएस (सेवानिवृत्त) (पीबी 1985) को निर्वाचन आयोग में चुनाव आयुक्त के रूप में उस दिन से नियुक्त कर दिया है, जिस दिन से वह अपना पद संभाल लेंगे.’
गोयल इस जिम्मेदारी संभालने के बाद अगले मुख्य चुनाव आयुक्त बनने के प्रबल दावेदार होंगे. राजीव कुमार का कार्यकाल फरवरी, 2025 तक है.
सुशील चंद्र मुख्य चुनाव आयुक्त के पद से 15 मई में सेवानिवृत्त हुए थे, जिसके बाद से निर्वाचन आयोग के आयुक्तों में से एक पद रिक्त था. उनके स्थान पर राजीव कुमार नए मुख्य चुनाव आयुक्त बने.
तब से निर्वाचन आयोग दो सदस्यीय निकाय था और उसे झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अयोग्यता की मांगों सहित कई महत्वपूर्ण मुद्दों को संभालना था.
गोयल हाल तक भारी उद्योग सचिव की भूमिका में थे. 2019 में भारी उद्योग सचिव के रूप में नियुक्त होने से पहले, गोयल संस्कृति मंत्रालय के सचिव थे. उन्होंने दिल्ली विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष के रूप में भी काम किया है. गोयल दिसंबर, 2027 तक निर्वाचन आयोग में सेवाएं देंगे.
कानून के अनुसार, चुनाव आयुक्त या मुख्य चुनाव आयुक्त के पद पर नियुक्त होने वाला व्यक्ति छह साल या फिर 65 साल की आयु तक पद पर रहेगा.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)