बांग्लादेशी नागरिक ने जगन्नाथ मंदिर के गर्भगृह का वीडियो सोशल मीडिया पर डाला, केस दर्ज

ओडिशा के पुरी शहर स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर के गर्भगृह का वीडियो रिकॉर्ड करने वाले आरोपी की पहचान आकाश चौधरी के रूप में हुई है. 12वीं शताब्दी के इस मंदिर परिसर के अंदर मोबाइल फोन और कैमरे का उपयोग पूरी तरह से प्रतिबंधित है.

जगन्नाथ मंदिर (फोटो: पीटीआई)

ओडिशा के पुरी शहर स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर के गर्भगृह का वीडियो रिकॉर्ड करने वाले आरोपी की पहचान आकाश चौधरी के रूप में हुई है. 12वीं शताब्दी के इस मंदिर परिसर के अंदर मोबाइल फोन और कैमरे का उपयोग पूरी तरह से प्रतिबंधित है.

जगन्नाथ मंदिर (फोटो: पीटीआई)

पुरी: ओडिशा के श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) ने रविवार को पुरी पुलिस में एक बांग्लादेशी नागरिक के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई, जिसने मंदिर के गर्भ गृह का एक वीडियो सोशल मीडिया पर कथित तौर पर डाला था.

सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद शनिवार (19 नवंबर) को यह मामला सामने आया. आरोपी की पहचान आकाश चौधरी के रूप में हुई है, जिसने खुद के ‘इस्कॉन’ (मंदिर) भक्त होने और ‘यूट्यूबर’ होने का दावा किया है.

एसजेटीए प्रशासक (सुरक्षा) वीएस चंद्रशेखर राव ने संवाददाताओं से कहा, ‘हमने सिंघद्वार थाने में बांग्लादेशी नागरिक के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज कराई है.’

टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, चंद्रशेखर राव ने कहा कि पुलिस इस बात की पुष्टि करेगी कि वह बांग्लादेश से है या नहीं और उसने तस्वीरें कैसे लीं.

चूंकि पुरी स्थित 12वीं शताब्दी के मंदिर परिसर के अंदर मोबाइल फोन और कैमरे का उपयोग पूरी तरह से प्रतिबंधित है, इसलिए यह सवाल उठता है कि बांग्लादेशी नागरिक इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को मंदिर के अंदर कैसे ले गया और सुरक्षा में तैनात कर्मचारी इसे क्यों नहीं पकड़ पाए.

मंदिर के एक सेवादार ने कहा कि ऐसा जान पड़ता है कि वीडियो को मंदिर के जय-विजय द्वार से रिकॉर्ड किया गया क्योंकि इस वीडियो में गर्भगृह में स्थित रत्न सिंहासन पर विराजमान देवताओं की मूर्तियां नजर आ रही हैं.

राव ने कहा कि बांग्लादेशी युवक ने आईटी अधिनियम और श्री जगन्नाथ मंदिर अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन किया है.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, राव ने कहा, ‘यह सुरक्षा में चूक नहीं है, लेकिन हम निश्चित रूप से सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करेंगे.’

पुलिस सूत्रों ने कहा कि वीडियो को सोशल मीडिया से हटा दिया गया है, आरोपी ने बांग्ला भाषा में अपने वीडियो का कैप्शन लिखा था.

मंदिर के एक सेवादार भागीरथी दास ने अपराधी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है और प्रशासन को इस चूक के लिए जिम्मेदार ठहराया है.

इससे पहले भी गर्भगृह की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर सामने आई थी और 2017 में भी वायरल हुई थी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)