महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने छत्रपति शिवाजी को ‘पुराने ज़माने’ का आदर्श बताया था. इसके बाद उन्हें हटाने की मांग को लेकर कई शहरों में प्रदर्शन हुए हैं. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे नीत ‘बालासाहेबांची शिवसेना’ के विधायक संजय गायकवाड ने राज्यपाल को राज्य से बाहर भेजने की मांग की है.
पुणे/नागपुर: छत्रपति शिवाजी महाराज पर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की कथित टिप्पणी को लेकर ऊपजे विवाद के बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे नीत ‘बालासाहेबांची शिवसेना’ के विधायक संजय गायकवाड ने राज्यपाल कोश्यारी को राज्य से बाहर स्थानांतरित करने की मांग की.
बुलढाणा विधानसभा सीट से विधायक गायकवाड ने दावा किया कि कोश्यारी ने मराठा साम्राज्य के संस्थापक के खिलाफ टिप्पणी की है और अतीत में भी विवादों को जन्म दिया है.
विधायक ने कहा, ‘राज्यपाल को समझना चाहिए कि छत्रपति शिवाजी महाराज के आदर्श कभी पुराने नहीं पड़ते और उनकी तुलना दुनिया के किसी भी अन्य महान व्यक्ति से नहीं की जा सकती है. मेरा केंद्र के भाजपा नेताओं से अनुरोध है कि जिस व्यक्ति को राज्य के इतिहास का पता नहीं है, वह कैसे यह काम करता है, उसे दूसरी जगह भेजा जाना चाहिए.’
गायकवाड मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे नीत ‘बालासाहेबांची शिवसेना’ के विधायक हैं, जिसने महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ मिलकर सरकार बनाई है.
उधर, राकांपा नेता सुप्रिया सुले ने सोमवार को आश्चर्य जताया कि उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस मराठा शासक के ‘अपमान’ का ‘बचाव’ कैसे कर सकते हैं. वहीं, इसे लेकर मुंबई सहित महाराष्ट्र के अन्य हिस्सों में भी कोश्यारी के खिलाफ प्रदर्शन हुए.
उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) से जुड़े प्रदर्शनकारियों ने टीवी पर चर्चा के दौरान छत्रपति शिवाजी महाराज का ‘अपमान’ करने के लिए भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी की भी आलोचना की.
सुले ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को मराठा शासक का नाम लेने का नैतिक अधिकार नहीं है.
गौरतलब है कि कोश्यारी ने छत्रपति शिवाजी महाराज के बारे में कहा था कि वह ‘पुराने जमाने’ के आदर्श हैं. इसे लेकर पूरे राज्य में गुस्से का माहौल है, हालांकि रविवार को उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने इस मामले में उनका बचाव किया.
फडणवीस ने कहा था, ‘यह बात स्पष्ट है कि छत्रपति शिवाजी महाराज सूरज-चांद का अस्तित्व रहने तक महाराष्ट्र और हमारे देश के आदर्श और हीरो रहेंगे. कोश्यारी के मन में भी इसे लेकर कोई संशय नहीं है. इसलिए राज्यपाल द्वारा की गई टिप्पणी के कई मायने निकलते हैं.’
भाजपा के राज्यसभा सदस्य और छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज उदयनराजे भोसले ने सोमवार को मांग की कि मराठा शासक पर टिप्पणी करने वाले राज्यपाल कोश्यारी और भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी को राज्य से बाहर किया जाए.
भोसले ने कहा कि अगर उनकी मांग नहीं मानी गई तो वह उसी आधार पर आगे की रणनीति तय करेंगे.
उधर, सुले ने आश्चर्य जताया कि पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस कैसे छत्रपति शिवाजी महाराज के ‘अपमान’ का बचाव कर रहे हैं.
राकांपा नेता ने पुणे में कहा, ‘मुझे फडणवीस जी से ऐसी आशा नहीं थी. वह पांच साल मुख्यमंत्री रहे हैं. आपकी विचारधारा अलग हो सकती है, लेकिन अगर छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान हो रहा है और आप उसका बचाव कर रहे हें, तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है. ऐसे में भाजपा को छत्रपति शिवाजी महाराज का नाम लेने का कोई अधिकार नहीं है.’
त्रिवेदी के वीडियो क्लिप का हवाला देते हुए सुले ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि ये लोग बार-बार छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान करने का पाप कर रहे हैं. यह दुर्भाग्यपूर्ण है और इसे रोकना चाहिए.
इस बीच राकांपा ने सोमवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी की है.
राकांपा के मुख्य प्रवक्ता महेश तापसे ने राष्ट्रपति को लिखे पत्र में आरोप लगाया कि राज्यपाल ने कई मौकों पर विवादित बयान दिए हैं जिससे महाराष्ट्र के लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं और यह आचरण अस्वीकार्य है.
उल्लेखनीय है कि राज्यपाल की टिप्पणी के बाद उन्हें हटाने की मांग को लेकर मुंबई, नागपुर, पुणे और औरंगाबाद में प्रदर्शन हुए हैं.
शिवसेना के उद्धव बालासाहेब ठाकरे नीत गुट के नागपुर जिला अध्यक्ष किशोरी कुमेरिया के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने महाल इलाके में गांधी गेट पर प्रदर्शन किया. वहीं, राकांपा कार्यकर्ताओं ने वैरिटी चौराहा और कांग्रेस युवा मोर्चा ने सिविल लाइंस में राजभवन के पास प्रदर्शन किया.
पुणे में, राकांपा की शहर इकाई ने भी प्रदर्शन किया जिसमें कार्यकर्ताओं ने कोश्यारी जैसे वस्त्र पहनकर भाग लिया. उन्होंने राज्यपाल के खिलाफ नारेबाजी भी की.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)