16 सितंबर 2020 को ईरान पुलिस की हिरासत में 22 वर्षीय महसा अमीनी की मौत के दो महीने बाद भी यहां राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन जारी हैं. राजधानी तेहरान में अमीनी को अनुचित तरीके से हिजाब पहनने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था. ईरान के खिलाड़ियों ने देश में जारी इन प्रदर्शनों के प्रति अपना समर्थन जताया है.
नई दिल्ली: ईरान की फुटबॉल टीम के खिलाड़ियों ने सोमवार (21 नवंबर) को फीफा विश्व कप के ग्रुप स्टेज मैच में इंग्लैंड के खिलाफ अपना राष्ट्रगान गाने से इनकार कर दिया.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, कतर की राजधानी दोहा स्थित खलीफा इंटरनेशनल स्टेडियम में जब ईरान का राष्ट्रगान बजाया गया तो मैदान में मौजूद ईरानी टीम के 11 खिलाड़ी चुप रहे.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, एशिया की शीर्ष रैंक वाली ईरान की टीम ईरानी शासन के खिलाफ इस समय बड़े पैमाने पर जारी विरोध प्रदर्शनों की पृष्ठभूमि के बीच इस फुटबाल प्रतियोगिता में भाग ले रही है.
#BREAKING: Iran national team players choose not to sing national anthem at World Cup match; some of the Iranian crowed booing their own national anthem pic.twitter.com/RYPvgHMNUi
— Amichai Stein (@AmichaiStein1) November 21, 2022
16 सितंबर 2020 को ईरान की मोरलिटी पुलिस की हिरासत में 22 वर्षीय महसा अमीनी की मौत के दो महीने बाद भी यहां राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन जारी है. राजधानी तेहरान में अमीनी को अनुचित तरीके से हिजाब पहनने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.
ओस्लो स्थित समूह ईरान ह्यूमन राइट्स के अनुसार, अमीनी की मौत के बाद से इन प्रदर्शनों के दौरान हुई कार्रवाई में अब तक लगभग 400 लोग मारे गए हैं.
इससे पहले ईरानी फुटबॉल टीम के कप्तान अलीरेजा जहानबख्श ने इस बात की पुष्टि करने से इनकार कर दिया था कि उनकी टीम इंग्लैंड के खिलाफ सोमवार के मैच से पहले राष्ट्रगान गाएगी या नहीं.
ईरान के खिलाड़ियों ने इससे पहले भी देश में जारी इन प्रदर्शनों के प्रति अपना समर्थन जताया है. इस वर्ष एक दोस्ताना मैच के दौरान खिलाड़ियों ने देश के प्रतीकों को काली जैकेट से ढक दिया था, जबकि कुछ ने गोल किए जाने पर खुशी नहीं मनाने का विकल्प चुना था.
ईरान की मोरलिटी पुलिस (Morality Police) ने सितंबर 2022 में महसा अमीनी को यह कहते हुए हिरासत में लिया था कि उन्होंने अपने बालों को हिजाब से ठीक से नहीं ढका था. तीन दिन बाद संदिग्ध परिस्थितियों में अमीनी की मौत हो गई थी. अमीनी कुर्दिस्तान प्रांत की रहने वाली थीं.
पुलिस का कहना था कि अमीनी की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई थी और उसके साथ दुर्व्यवहार नहीं किया गया था, लेकिन उसके परिवार ने इस बारे में संदेह जताया था.
घटना के बाद बड़ी संख्या में महिलाएं हिजाब के विरोध में सड़कों पर उतर आई थीं और ‘स्वतंत्रता’ के नारों के बीच कई महिलाओं द्वारा हिजाब जलाए जाने के वीडियो सामने आए थे. कुछ लोग शासन पर इस्लामी धर्मगुरुओं का प्रभाव खत्म किए जाने का आह्वान कर रहे थे. ईरान के इस्लामिक शासन के खिलाफ तभी से ये प्रदर्शन जारी हैं.