तेलंगाना में जनजातियों के हमले में वन अधिकारी की मौत

अधिकारियों के अनुसार, तेलंगाना के भद्राद्री कोठगुडेम ज़िले के एक वन क्षेत्र में खेती करने वाले जनजातियों के एक समूह ने वन रेंज अधिकारी श्रीनिवास राव पर उस समय बेरहमी से हमला किया, जब वह अन्य अधिकारियों के साथ वृक्षारोपण पर अवैध रूप से मवेशी चराने वाले जनजातियों को हटाने की कोशिश कर रहे थे.

श्रीनिवास राव. (फोटो साभार: ट्विटर/@jsuryareddy)

अधिकारियों के अनुसार, तेलंगाना के भद्राद्री कोठगुडेम ज़िले के एक वन क्षेत्र में खेती करने वाले जनजातियों के एक समूह ने वन रेंज अधिकारी श्रीनिवास राव पर उस समय बेरहमी से हमला किया, जब वह अन्य अधिकारियों के साथ वृक्षारोपण पर अवैध रूप से मवेशी चराने वाले जनजातियों को हटाने की कोशिश कर रहे थे.

श्रीनिवास राव. (फोटो साभार: ट्विटर/@jsuryareddy)

हैदराबाद: तेलंगाना के भद्राद्री कोठगुडेम जिले के एक वन क्षेत्र में ‘पोडु’ की खेती करने वाले जनजातियों के एक समूह द्वारा कथित तौर पर कुल्हाड़ियों से हमला किए जाने के बाद एक वन रेंज अधिकारी (एफआरओ) की मौत हो गई.

अधिकारियों ने बताया कि एफआरओ सीएच श्रीनिवास राव पर चंद्रूगोंडा मंडल में जंगल के एक वृक्षारोपण क्षेत्र के पास उस समय बेरहमी से हमला किया गया, जब वह अन्य वन अधिकारियों के साथ मिलकर मंगलवार को वृक्षारोपण पर अवैध रूप से मवेशी चराने वाले आदिवासियों को बेदखल करने की कोशिश कर रहे थे.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, श्रीनिवास राव बेंदलापाडु गांव के एर्राबोलू बागान में हुए हमले में गंभीर रूप से घायल हो गए थे. अधिकारियों ने बताया कि हमलावर गोथिकोया जनजाति समुदाय से थे. राज्य गठन के बाद से इस तरह के हमले में जान गंवाने वाले श्रीनिवास पहले वन अधिकारी हैं.

अधिकारियों ने कहा कि हमले में गंभीर रूप से घायल हुए एफआरओ को चंद्रगोंडा के एक अस्पताल में ले जाया गया और वहां से उन्हें गंभीर हालत में खम्मम के एक निजी अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया, जहां उनकी मौत हो गई.

बेंदलापाडु और मद्दुकुर गांवों में पहले भी पोडू स्थानांतरित खेती भूमि को लेकर आदिवासियों और वन अधिकारियों के बीच संघर्ष होते रहे हैं.

इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में राज्य के प्रधान मुख्य वन संरक्षक और मुख्य वन्यजीव वार्डन आरएम डोबरियाल ने कहा कि मंगलवार को अधिकारी पर हमला अकारण था.

उन्होंने कहा, ‘वह हमारे सर्वश्रेष्ठ रेंज अधिकारियों में से एक थे. कर्मचारियों के साथ वे उन वन क्षेत्रों के नियमित दौरे पर थे, जहां नए ऑपरेशन किए जाते हैं. कर्मचारियों और मजदूरों को ये सब समझाने के बाद वह वापस आने के रास्ते पर थे, जब दोपहर के आसपास यह घटना हुई.’

डोबरियाल के अनुसार, एक वन निरीक्षक ने एफआरओ राव से ताजा उगाए गए बागानों के भीतर मवेशियों को चराने के बारे में शिकायत की थी.

उन्होंने कहा, ‘निरीक्षक ने एफआरओ को बताया कि ये लोग उसकी बात नहीं सुन रहे और बागानों को नुकसान पहुंचा रहे हैं. उन्होंने राव से उन्हें भगाने में उसकी मदद मांगी. वहां पहुंचने पर उन्होंने उन्हें दूर जाने के लिए कहा और जब वह जगह और वहां मौजूद लोगों की तस्वीरें ले रहे थे तो दो लोगों ने अचानक उन पर कुल्हाड़ियों से हमला कर दिया. उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई. यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है.’

श्रीनिवास राव वर्ष 2021 में अपने क्षेत्र में वन सुरक्षा के लिए केवीएस बाबू राज्य स्वर्ण पदक से नवाजे गए थे.

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने एफआरओ की मौत पर गहरा शोक और दुख व्यक्त किया और शोक संतप्त परिवार के सदस्यों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की. मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) की तरफ से जारी एक विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई है.

मुख्यमंत्री ने दोषियों के लिए कड़ी से कड़ी सजा सुनिश्चित करने को लेकर पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) एम. महेंद्र रेड्डी को कानूनी कार्रवाई करने का आदेश दिया.

राव ने मृतक के परिवार को 50 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की. उन्होंने परिवार के पात्र सदस्य को अनुकंपा के आधार पर सरकारी नौकरी देने का भी आदेश दिया.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, एक बयान में वन मंत्री ए. इंद्रकरन रेड्डी ने वन रेंज अधिकारी की मौत पर शोक व्यक्त किया और कहा कि सरकार पोडू भूमि के मुद्दे को हल करने के लिए ईमानदारी से काम कर रही है. जो अधिकारी अपनी ड्यूटी कर रहे हैं उन पर हमला करना सही नहीं है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)