आंध्र प्रदेश: सरकारी अस्पताल में प्रवेश नहीं मिलने पर महिला ने सड़क पर बच्ची को जन्म दिया

आंध्र प्रदेश के तिरुपति में एक गर्भवती महिला ने स्थानीय लोगों की मदद से सड़क पर ही बच्ची को जन्म दे दिया, क्योंकि उन्हें यहां के सरकारी प्रसूति अस्पताल में कथित तौर पर भर्ती किए जाने से मना कर दिया गया था. ज़िला कलेक्टर ने आरोप का ग़लत बताया है.

तिरुपति में एक गर्भवती महिला ने स्थानीय लोगों की मदद से सड़क पर ही बच्ची को जन्म दे दिया. (फोटो: वीडियो स्क्रीनग्रैब)

आंध्र प्रदेश के तिरुपति में एक गर्भवती महिला ने स्थानीय लोगों की मदद से सड़क पर ही बच्ची को जन्म दे दिया, क्योंकि उन्हें यहां के सरकारी प्रसूति अस्पताल में कथित तौर पर भर्ती किए जाने से मना कर दिया गया था. ज़िला कलेक्टर ने आरोप का ग़लत बताया है.

तिरुपति में एक गर्भवती महिला ने स्थानीय लोगों की मदद से सड़क पर ही बच्ची को जन्म दिया. (फोटो: वीडियो स्क्रीनग्रैब)

तिरुपति: आंध्र प्रदेश के तिरुपति में एक गर्भवती महिला ने स्थानीय लोगों की मदद से सड़क पर ही बच्ची को जन्म दे दिया, क्योंकि उसे दो दिन पहले यहां के सरकारी प्रसूति अस्पताल में कथित तौर पर भर्ती करने से मना कर दिया गया था. हालांकि, तिरुपति जिले के कलेक्टर केवी रमन रेड्डी ने कहा कि जांच में पता चला है कि यह आरोप गलत है.

कलेक्टर ने मंगलवार को कहा कि महिला मानसिक रूप से अस्थिर थी और अस्पताल क्षेत्र में बेवजह घूम रही थी. पेट में तेज दर्द होने के कारण वह सड़क पर गिर गई.

कलेक्टर ने अस्पताल अधीक्षक द्वारा सौंपी गई जांच रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि बिलासपुर की रहने वाली 21 वर्षीय महिला ने एक स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया और दोनों की अस्पताल में देखभाल की जा रही है.

उन्होंने कहा, ‘रविवार शाम करीब चार बजकर 10 मिनट पर महिला श्री वेंकटेश्वर मेडिकल कॉलेज के छात्रावास के पास सड़क पर गिर गई थी. स्थानीय लोगों ने उसे देखा और पाया कि वह प्रसव पीड़ा से गुजर रही है. अस्पताल के कर्मचारियों के वहां पहुंचने से पहले उसने स्थानीय लोगों की मदद से बच्ची को जन्म दे दिया.’

द न्यूज़ मिनट के मुताबिक, घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो गया, जिसमें देखा जा सकता है कि महिला प्रसव पीड़ा से गुजर रही है. कुछ महिलाएं उसके ऊपर चादर डाले हुए हैं और एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का कर्मचारी बच्चे को जन्म देने में उसकी मदद कर रहा है.

द न्यूज़ मिनट ने बताया कि महिला की पहचान कंथारी के रूप में की गई है और उन्हें 100 बिस्तर वाले तिरुपति प्रसूति अस्पताल में भर्ती करने से मना कर दिया गया था.

यह आरोप लगाया गया है कि अस्पताल के कर्मचारियों ने उसे अस्पताल के अंदर नहीं जाने दिया, जबकि प्रशासन ने दावा किया है कि महिला को खुद नहीं पता था कि वह गर्भवती थी और उसने पहले अस्पताल से परामर्श नहीं किया था. हालांकि अस्पताल के कर्मचारी बाद में महिला और बच्चे को अस्पताल के अंदर ले गए.

इस घटना से महिला संगठनों के साथ-साथ राजनीतिक दलों में भी व्यापक आक्रोश फैल गया है, जिन्होंने आरोप लगाया कि महिला को अस्पताल में भर्ती नहीं कराया गया, क्योंकि वह किसी के साथ नहीं आई थी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)