भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने घोषणा-पत्र जारी करते हुए कहा कि दोबारा चुने जाने पर हम संभावित ख़तरों और आतंकवादी संगठनों और भारत विरोधी ताक़तों के स्लीपर सेल की पहचान करने और उन्हें ख़त्म करने के लिए गुजरात में एक एंटी-रेडिकलाइजेशन सेल बनाएंगे. साथ ही सार्वजनिक और निजी संपत्ति नुकसान वसूली अधिनियम लाने का वादा किया गया है.
गांधीनगर: अगले महीने होने वाले गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शनिवार को अपना घोषणा-पत्र जारी किया, जिसमें उसने पार्टी की सत्ता बरकरार रहने पर राज्य में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लागू करने का वादा किया.
इस दौरान भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा, ‘हम राज्य सरकार की समिति की सिफारिशों के अनुसार गुजरात में समान नागरिक संहिता का पूर्ण कार्यान्वयन सुनिश्चित करेंगे.’
गुजरात सरकार ने 29 अक्टूबर को घोषणा की थी कि वह समान नागरिक संहिता के कार्यान्वयन के लिए एक समिति बनाएगी. उस दिन कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया.
नड्डा द्वारा गांधीनगर स्थित पार्टी कार्यालय में जारी किए गए घोषणा-पत्र में पार्टी ने लड़कियों के लिए ‘केजी से पीजी’ (नर्सरी से स्नातकोत्तर) तक मुफ्त शिक्षा का भी वादा किया.
पार्टी ने यह भी आश्वासन दिया कि आयुष्मान भारत योजना के तहत चिकित्सा बीमा कवर की राशि को पांच लाख रुपये से दोगुना करके 10 लाख रुपये किया जाएगा.
इस दौरान नड्डा ने दोबारा चुने जाने पर राज्य में एक ‘एंटी-रेडिकलाइजेशन सेल’ बनाने का वादा किया.
उन्होंने कहा, ‘हम संभावित खतरों और आतंकवादी संगठनों और भारत विरोधी ताकतों के स्लीपर सेल की पहचान करने और उन्हें खत्म करने के लिए एक एंटी-रेडिकलाइजेशन सेल बनाएंगे.’
पार्टी के अन्य वादों में ‘20 लाख रोजगार के अवसर’ सृजित करना और अगले पांच वर्षों में राज्य की अर्थव्यवस्था को एक हजार अरब (ट्रिलियन) अमेरिकी डॉलर तक ले जाना शामिल है.
पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और राज्य इकाई के प्रमुख सीआर पाटिल की मौजूदगी में राज्य भाजपा मुख्यालय में घोषणा-पत्र जारी किया.
घोषणा-पत्र में दंगों और विरोध प्रदर्शनों के दौरान असामाजिक तत्वों द्वारा सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को पहुंचाए गए नुकसान की लागत की वसूली के लिए ‘गुजरात सार्वजनिक और निजी संपत्ति नुकसान वसूली अधिनियम’ को लागू करने का भी वादा किया गया.
नड्डा ने कहा, ‘सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के संबंध में भी हम कानून बनाएंगे. यह सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले और निजी संपत्ति पर हमला करने वाले असामाजिक तत्वों से कानून वसूली के संबंध में होगा.’
अन्य प्रमुख वादों में दक्षिण गुजरात और सौराष्ट्र क्षेत्र में दो सीफूड पार्क स्थापित करना, दुर्बल आय वर्ग (ईडब्ल्यूएस) परिवारों के लिए स्वास्थ्य केंद्रों में मुफ्त निदान सेवा और अनुमोदित प्रयोगशालाएं, तीन सिविल अस्पताल या ‘मेडी सिटीज’, दो एम्स-स्तरीय संस्थान स्थापित करना और 20,000 सरकारी स्कूलों को ‘उत्कृष्टता विद्यालयों’ (स्कूल ऑफ एक्सीलेंस) में परिवर्तित करना शामिल हैं.
भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में किसान बुनियादी ढांचा विकास के लिए 10,000 करोड़ रुपये, सिंचाई सुविधाओं के लिए 25,000 करोड़ रुपये के आवंटन का वादा किया है. साथ ही पहला ब्लू इकोनॉमी इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के निर्माण के साथ ही फिशिंग इंफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान रखने की बात कही है.
भाजपा ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) की तर्ज पर चार गुजरात प्रौद्योगिकी संस्थान स्थापित करने का भी वादा किया.
किसानों के बारे में बात करते हुए नड्डा ने कहा कि अगर भाजपा सत्ता में आती है, तो एपीएमसी, मंडियों, छंटाई और ग्रेडिंग इकाइयों, शीत शृंखला, गोदामों और प्रसंस्करण केंद्रों के समग्र विकास के लिए 10,000 करोड़ रुपये खर्च करेगी, जबकि 25,000 करोड़ रुपये सिंचाई तंत्र को मजबूत करने के लिए खर्च किए जाएंगे.
घोषणा-पत्र में कहा गया है, ‘हम इसे पश्चिमी भारत के सबसे बड़े आध्यात्मिक केंद्र के रूप में स्थापित करने के लिए एक ‘देवभूमि द्वारका कॉरिडोर’ का निर्माण करेंगे. इसमें दुनिया की सबसे ऊंची श्रीकृष्ण प्रतिमा, भगवत गीता क्षेत्र और द्वारका के खोए हुए शहर के लिए एक दर्शन दीर्घा होगी.’
गुजरात में 1 और 5 दिसंबर को दो चरण में होंगे विधानसभा चुनाव होंगे और मतगणना 8 दिसंबर को की जाएगी. राज्य में मुख्य रूप से भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) में त्रिकोणीय मुकाबला है.
गुजरात की कुल 182 सदस्यीय विधानसभा के लिए पहले चरण में 89 सीटों पर और दूसरे चरण में 93 सीटों पर मतदान होगा.
भाजपा ने गुजरात में पिछले छह विधानसभा चुनावों में लगातार जीत दर्ज की है. वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 99 सीट जीती थीं, जबकि कांग्रेस को 77 सीट मिली थीं.
प्रतिशत के लिहाज से देखा जाए तो उस चुनाव में भाजपा को 49.05 प्रतिशत मत मिले थे, जबकि कांग्रेस को 42.97 प्रतिशत मत मिले थे.
पिछले विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस के कई विधायक भाजपा में शामिल हो गए. इस वजह से विधानसभा में भाजपा के सदस्यों की संख्या बढ़कर 111 हो गई, जबकि कांग्रेस के सदस्यों की संख्या घटकर 62 पर पहुंच गई है.
इससे पहले हिमाचल विधानसभा चुनाव के लिए भी भाजपा ने सरकार बनने पर समान नागरिक संहिता लागू करने, सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थाओं में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देने और विभिन्न क्षेत्रों में रियायतें देने का वादा किया गया है.
हिमाचल प्रदेश में एक चरण में बीते 12 नवंबर को मतदान किया गया था. आठ दिसंबर को मतगणना की जाएगी. प्रदेश में विधानसभा की कुल 68 सीटें हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)