उत्तर प्रदेशः भाजपा सांसद कमलेश पासवान, 6 अन्य को 2008 के एक मामले में 1.5 साल की सज़ा

कमलेश पासवान उत्तर प्रदेश में गोरखपुर ज़िले के बांसगांव क्षेत्र से भाजपा सांसद हैं. साल 2008 में वह सपा में थे, तब गोरखपुर में विरोध प्रदर्शन करने और तत्कालीन मुख्यमंत्री के पुतले को आग लगाने का प्रयास करने के लिए यह केस दर्ज किया गया था. अदालत ने सज़ा सुनाने के बाद उन्हें ज़मानत पर रिहा भी कर दिया.

कमलेश पासवान. (फोटो साभार: फेसबुक)

कमलेश पासवान उत्तर प्रदेश में गोरखपुर ज़िले के बांसगांव क्षेत्र से भाजपा सांसद हैं. साल 2008 में वह सपा में थे, तब गोरखपुर में विरोध प्रदर्शन करने और तत्कालीन मुख्यमंत्री के पुतले को आग लगाने का प्रयास करने के लिए यह केस दर्ज किया गया था. अदालत ने सज़ा सुनाने के बाद उन्हें ज़मानत पर रिहा भी कर दिया.

कमलेश पासवान. (फोटो साभार: फेसबुक)

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में गोरखपुर की एक अदालत ने भाजपा सांसद कमलेश पासवान और छह अन्य को 2008 में दर्ज एक मामले में डेढ़ साल कैद की सजा सुनाई है. 2008 में विरोध प्रदर्शन करने और तत्कालीन मुख्यमंत्री के पुतले को आग लगाने का प्रयास करने के लिए यह केस दर्ज किया गया था.

46 वर्षीय कमलेश पासवान गोरखपुर जिले के बांसगांव क्षेत्र से सांसद हैं.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, विशेष अभियोजक (गोरखपुर) अंबरीश चंद्र मल्ल ने बताया, ‘कमलेश पासवान के अलावा, छह अन्य जिन्हें सजा सुनाई गई है, उनमें उनके चाचा चंद्रेश पासवान भी हैं, जो विधायक रह चुके हैं. शनिवार (26 नवंबर) को फैसला सुनाए जाने के समय वे अदालत में मौजूद थे.’

हालांकि बाद में अदालत ने सभी सात व्यक्तियों को 2,000 रुपये (प्रति व्यक्ति) के निजी मुचलके पर रिहा कर दिया. मुकदमे के दौरान अदालत ने सभी 11 गवाहों का परीक्षण किया.

पुलिस के मुताबिक, मामला 2008 का है जब कमलेश पासवान समाजवादी पार्टी में थे. 16 जनवरी 2008 को पासवान और अन्य लोगों ने समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव और उनके चाचा शिवपाल यादव की गिरफ्तारी के विरोध में गोरखपुर मेडिकल कालेज गेट पर धरना दिया था.

विरोध के बाद सड़क जाम कर दिया गया था. कुछ प्रदर्शनकारियों ने तत्कालीन मुख्यमंत्री (मायावती) का पुतला फूंकने की कोशिश की, लेकिन पुलिस उन्हें रोकने में सफल रही थी. पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हल्का बल प्रयोग किया, जिसके बाद स्थिति नियंत्रण में आ गई थी.

पासवान समेत आठ लोगों के खिलाफ गुलरिया थाने में मामला दर्ज किया गया है. केस आईपीसी की धारा 147 (दंगा), 341 (गलत तरीके से रोकना), 435 (आग या विस्फोटक पदार्थ से शरारत), 511 (आजीवन कारावास के साथ दंडनीय अपराध करने का प्रयास करने की सजा) के तहत दर्ज किया गया था.

मल्ल ने कहा कि एक आरोपी की इलाज के दौरान मौत हो गई थी.

अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार, सांसद कमलेश पासवान का कहना है कि वह अदालत के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देंगे. मामले में उनके सहयोगियों में रामवृक्ष यादव, महेश पासवान, चंद्रेश पासवान, रामआसरे, सुनील पासवान और खुदुस उर्फ घुहुस को सजा सुनाई गई है. इनमें से अब अधिकतर लोग भाजपा में शामिल हो गए हैं.

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