झारखंड के धनबाद ज़िले के सिबलिबाड़ी जामा मस्जिद के मुख्य मौलवी मौलाना मसूद अख़्तर ने कहा कि ये सभी पाबंदियां दो दिसंबर से प्रभावी होंगी. निकाह इस्लाम के हिसाब से होंगे और नाच-गाना, डीजे और पटाखे चलाना नहीं होगा. आदेश का उल्लंघन करने वालों पर 5,100 रुपये का जुर्माना लगेगा.
धनबाद: झारखंड में धनबाद जिले के एक ब्लॉक के मौलवियों ने निकाह के दौरान ‘गैर-इस्लामी चीजों’ जैसे नृत्य, तेज आवाज वाले संगीत और पटाखे चलाने पर पाबंदी लगा दी है और इसका उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना लगाने की बात कही है.
जिले के निरसा ब्लॉक में स्थित सिबलिबाड़ी जामा मस्जिद के मुख्य मौलवी मौलाना मसूद अख्तर ने सोमवार को कहा कि ये सभी पाबंदियां दो दिसंबर से प्रभावी होंगी.
अख्तर ने कहा, ‘हमने आम सहमति से तय किया है कि निकाह इस्लाम के हिसाब से होंगे और नाच-गाना, डीजे और पटाखें चलाना, ये सब नहीं होगा. इस आदेश का उल्लंघन करने वालों पर 5,100 रुपये का जुर्माना लगेगा.’
उन्होंने कहा, ‘इस्लाम में इनकी इजाजत नहीं है. इससे लोगों को भी परेशानी होती है.’
निकाह से जुड़ा यह फैसला अख्तर की अध्यक्षता में बीते 27 नवंबर को हुई बैठक में लिया गया. अख्तर ने यह भी कहा कि निकाह रात आठ बजे से पहले पढ़ा लिया जाए, क्योंकि उसके बाद का समय सही नहीं होता है.
उन्होंने कहा, ‘अगर कोई रात 11 बजे के बाद निकाह कराता है तो उस पर भी जुर्माना लगाया जाएगा. उल्लंघन करने वाले को लिखित माफीनामा भी देना होगा.’
मौलवी ने मुसलमानों से आग्रह किया कि वे इस फैसले के बारे में अपने रिश्तेदारों और अन्य लोगों को भी बताएं.