ऐसी खबरें हैं कि कर्नाटक और महाराष्ट्र के बीच सीमा विवाद के केंद्र बेलगावी ज़िले के एक कॉलेज में एक छात्र को कर्नाटक का झंडा फहराने के बाद मराठी-भाषी छात्रों द्वारा कथित तौर पर पीटा गया. सीमा विवाद के मद्देनज़र बेलगावी ज़िले में सुरक्षा सख़्त कर दी गई है.
नई दिल्ली: हाल ही में बेलगावी के एक कॉलेज समारोह में कर्नाटक-महाराष्ट्र सीमा विवाद तब टकराव का कारण बन गया, जब एक छात्र को कर्नाटक का झंडा फहराने के बाद कथित तौर पर पीटा गया. जिसके चलते विरोध में कर्नाटक समर्थक समूहों द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया.
दोनों राज्यों के बीच सीमा विवाद के केंद्र बेलगावी (कर्नाटक) में तनाव चरम पर है.
यह सीमा विवाद भाषाई आधार पर राज्यों के पुनर्गठन के बाद 1960 के दशक में पनपा था. महाराष्ट्र ने बेलगावी पर अपना दावा किया जो कि तत्कालीन बॉम्बे प्रेसीडेंसी का हिस्सा था, क्योंकि यहां मराठी भाषी लोगों की अच्छी खासी आबादी थी. महाराष्ट्र ने कई मराठी भाषी गांवों पर भी दावा किया जो वर्तमान में कर्नाटक का हिस्सा हैं.
महाराष्ट्र के इस दावे के बीच कि बेलगावी राज्य का अभिन्न अंग है, कर्नाटक ने यहां विधान सौधा का निर्माण कर लिया, जो कि बेंगलुरु में राज्य सचिवालय की विधान सौधा पर आधारित है और वर्ष में एक बार यहां विधानसभा का सत्र आयोजित किया जाता है.
कॉलेज में हुए विवाद के संबंध में हाल ही में एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें बेलगावी के गोगटे कॉमर्स कॉलेज के एक छात्र को कर्नाटक का झंडा लहराने के बाद अन्य छात्रों द्वारा कथित तौर पर पीटे जाते हुए देखा जा सकता था.
हालांकि, इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक पुलिस के पास इस बात को लेकर कोई स्पष्टता नहीं है कि वास्तव में हिंसा क्यों हुई.
एक पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘ऐसा प्रतीत होता है कि यह मुद्दा संगीत पर थिरकने के दौरान छात्रों का एक-दूसरे के पैरों पर चढ़ जाने का है, जो टकराव का कारण हो सकता है. जांच पूरी होने के बाद हम स्पष्ट कर पाएंगे.’
हालांकि, एनडीटीवी ने बताया है कि पीड़ित नाबालिग छात्र (प्री यूनिवर्सिटी (कक्षा 12) के दूसरे वर्ष का छात्र) को पुलिस द्वारा बताया गया था कि उसे ऐसे समय में झंडा लहराकर विवाद को नहीं भड़काना चाहिए था, जब सीमा रेखा पर विवाद तीव्र है.
कर्नाटक समर्थक समूह कन्नड़ रक्षणा वेदिके (केआरवी) का मानना है कि छात्र को इसलिए पीटा गया, क्योंकि वह कर्नाटक का झंडा लहरा रहा था.
केआरवी के सदस्य दीपक गुडागा ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ‘श्रेयस को अन्य भाषाई समूहों के छात्रों ने सिर्फ कन्नड़ झंडा लहराने के लिए पीटा था. इसके अलावा बेलगावी के कई कॉलेजों में मराठी भाषी लोगों का दबदबा है. अतीत में भी ऐसी घटनाएं सामने आई हैं, जहां कन्नड़ संस्कृति और कन्नड़ लोगों का अपमान किया गया था.’
उन्होंने आगे कहा, ‘यह बहुत ही अशोभनीय है कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने शिकायत दर्ज कराने आए युवा लड़के के साथ बुरा बर्ताव किया. जब तक दोषियों को सजा नहीं मिल जाती, हम विरोध जारी रखेंगे.’
मालूम हो कि 1960 के दशक से महाराष्ट्र का दावा है कि कर्नाटक की सीमा के 800 से अधिक गांव उसका हिस्सा हैं. इसी तरह, कर्नाटक हमेशा चाहता था कि महाराष्ट्र के लगभग 260 गांव, जहां कन्नड़ बोली जाती है, को कर्नाटक का हिस्सा बनाया जाए.
2004 में महाराष्ट्र सरकार इस विवाद को सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष लेकर गई और तब से यह लंबित है. समाधान के रूप में बहुत कम प्रगति हुई है. हाल ही में पार्टी लाइन से महाराष्ट्र के नेताओं के 19 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने सुप्रीम कोर्ट से इस मामले पर फैसला करने का आग्रह किया है.
सीमा विवाद के मद्देनज़र बेलगावी ज़िले में सुरक्षा सख़्त
वहीं, समाचार एजेंसी पीटीआई/भाषा के मुताबिक, कर्नाटक और पड़ोसी महाराष्ट्र के बीच बढ़ते सीमा विवाद और मामले के सुप्रीम कोर्ट के समक्ष सुनवाई के लिए आने के मद्देनजर पुलिस ने सीमावर्ती जिले में सुरक्षा कड़ी कर दी है.
पुलिस अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने शहर सहित बेलगावी जिले में 21 जांच चौकियां स्थापित की हैं और इसके साथ ही कर्नाटक राज्य रिजर्व पुलिस (केएसआरपी) बल के अतिरिक्त कर्मचारियों को भी तैनात किया गया है.
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून और व्यवस्था) आलोक कुमार ने कहा, ‘मामले के सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के लिए आने को देखते हुए कोई अप्रिय घटना न हो और पूर्व में हुई घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, यह देखने के लिए हमने उपाय किए हैं.’
सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाए रखने के इरादे से कर्नाटक और महाराष्ट्र पुलिस ने मंगलवार को निप्पनी में बैठक की.
बैठक में उन्होंने शांति और सद्भाव को भंग करने और सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करने वाले तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का फैसला किया है.
सीमा विवाद को लेकर दोनों तरफ की बसों और वाहनों को नुकसान पहुंचाने या उन पर कालिख पोतने जैसी कुछ घटनाओं के मद्देनजर यह बैठक की गई.
पुलिस ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र के मंत्रियों चंद्रकांत पाटिल और शंभूराज देसाई के तीन दिसंबर को बेलगावी में संभावित दौरे और (महाराष्ट्र समर्थक संगठन) महाराष्ट्र एकीकरण समिति (एमईएस) के पदाधिकारियों से मिलने के मद्देनजर सभी ऐहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि राज्य पुलिस महाराष्ट्र के नेताओं की किसी भी निजी यात्रा को नहीं रोकेगी, लेकिन अगर शांति भंग करने का कोई प्रयास किया जाता है तो कार्रवाई की जाएगी.
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