रामपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए प्रचार के दौरान एक रैली में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार में आज़म ख़ान के ख़िलाफ़ दर्ज मामलों को झूठा बताते हुए कहा कि भाजपा विपक्षी दल के ख़िलाफ़ इतना कठोर बर्ताव न करे कि जब वह सत्ता में वापस आए तो बदला लेने लगे.
रामपुर: समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव ने एक चुनावी सभा में भारतीय जनता पार्टी को निशाने पर लेते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में उनकी सरकार विपक्षी दल के प्रति इतना कठोर नहीं होना चाहिए कि सत्ता में वापस आने पर वह प्रतिशोधी बन जाए.
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव गुरुवार को रामपुर विधानसभा उपचुनाव में पार्टी उम्मीदवार के लिए जन समर्थन मांग रहे थे, इस दौरान उन्होंने उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार पर वरिष्ठ सपा नेता आजम खां को फर्जी मुकदमों में फंसाकर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया.
यादव ने आजम खां के साथ यहां एक चुनावी रैली में जनता से अपील की कि वे आगामी पांच दिसंबर को होने वाले रामपुर विधानसभा उपचुनाव में खान के प्रति हो रहे अन्याय के खिलाफ वोट दें.
दलित नेता चंद्रशेखर आजाद भी इस मौके पर मंच पर मौजूद रहे. वर्ष 2012 से 2017 तक प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे यादव ने किसी का नाम लिए बगैर कहा कि समय से ज्यादा बलवान कोई नहीं होता.
अखिलेश ने कहा, ‘आज जो लोग जुल्म कर रहे हैं, मैं उनसे कहना चाहता हूं कि जब मैं मुख्यमंत्री था तब इस समय के मुख्यमंत्री की फाइल मेरे पास आई थी, लेकिन हम समाजवादी लोग हैं और नफरत भरी या दूसरों को परेशान करने वाली राजनीति नहीं करते. मैंने वह फाइल लौटा दी थी. अगर आपको भरोसा नहीं हो, तो अधिकारियों से पूछ लो.’
उन्होंने आगाह करते हुए कहा, ‘हमें इतना बेदिल बनने को मजबूर मत करो कि जब भविष्य में हम सरकार बनाएं तो आपके खिलाफ भी वही कार्रवाई करें, जो आज आप कर रहे हैं.’
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, अखिलेश ने कहा कि सपा और उसके समर्थकों ने ‘भाजपा के विपरीत’ कानून और संविधान का पालन किया.
उन्होंने कहा, ‘कल अगर वे माफी भी मांग लें तो मुझे बताएं कि क्या आजम खान और उनके परिवार के जेल में बिताए दिन उन्हें लौटाए जा सकते हैं.’ उन्होंने कहा, ‘हर कोई जानता है कि आजम खान के खिलाफ सभी मामले झूठे हैं.’
पुलिस के बारे में बात करते हुए अखिलेश ने कहा, ‘जब उन्होंने (विधानसभा चुनाव में) सरकार बदलने की संभावना देखी, तो इन्हीं अधिकारियों ने अपना रंग बदल लिया था. क्योंकि हम सत्ता में नहीं आए, इसलिए पुलिस यहां खड़ी है.’
अखिलेश ने कहा कि सरकार ने रामपुर में ऐसा कोई काम नहीं किया है जिससे आने वाली पीढ़ी का भविष्य उज्जवल हो सके. जो भी काम दिख रहे हैं, वह आजम खान ने किए हैं.
मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव के बीच अखिलेश यादव पहली बार उपचुनाव में किसी अन्य सपा प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार करने पहुंचे थे.
यादव ने कहा कि यह सिर्फ रामपुर का चुनाव नहीं है, यह भविष्य में सपा की सरकार लाने का चुनाव है, यह आदरणीय आजम खान के खिलाफ हुए अन्याय पर आवाज उठाने वाला चुनाव है.
उन्होंने लोगों से कहा कि यह सीट जिताकर दीजिए और देखिएगा कि भाजपा वर्ष 2024 में अपनी सरकार नहीं बचा पाएगी. उन्होंने कहा कि एक तरफ सपा खड़ी है, तो दूसरी तरफ अन्याय करने वाले, प्रताड़ना देने वाले और फर्जी मुकदमे दर्ज कराने वाले लोग खड़े हैं.
प्रदेश के उपमुख्यमंत्रियों केशव प्रसाद मौर्य और बृजेश पाठक पर हमला करते हुए सपा अध्यक्ष ने कहा कि ये दोनों ही मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं, लेकिन हमने उन्हें प्रस्ताव दिया है कि वे अपने साथ 100 विधायक लेकर आएं और हम उन्हें मुख्यमंत्री बनाएंगे.
यादव ने तंज करते हुए कहा, ‘ऐसे उपमुख्यमंत्री पद में क्या रखा है, जब वह एक मुख्य चिकित्सा अधिकारी तक का तबादला नहीं करा सकते. दूसरे उपमुख्यमंत्री का तो विभाग ही बदल दिया गया और उनके विभाग के पास कोई बजट ही नहीं है. मैं तो कहता हूं कि आइए, मुख्यमंत्री बनिए. सपा विधायक साथ में हैं.’
सपा मुखिया ने कहा कि उनके लोग संविधान को मानने वाले लोग हैं और दूसरी तरह वे (भाजपा) लोग हैं जो कानून का सम्मान नहीं करते.
इसी जनसभा को संबोधित करते हुए पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान ने कहा, ‘मैंने रामपुर को बुलंदियों पर पहुंचाया. विश्वविद्यालय बनाया, गरीबों के बच्चों के लिए शिक्षा का इंतजाम किया, लेकिन आज सरकार ने रामपुर को छावनी में तब्दील कर दिया. गलियों में पुलिस घूम रही है. लोगों को डराया जा रहा है.’
उन्होंने लोगों से अपील की कि आगामी पांच दिसंबर को वे घरों से निकलकर अपने हक और सम्मान के लिए अन्याय और अत्याचार के खिलाफ वोट करें.
सभा को आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद ने संबोधित करते हुए समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी आसिम राजा को जिताकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और आजम खान के हाथों को मजबूत करने की अपील की.
इस दौरान, अखिलेश ने किसान आंदोलन के दौरान का लखीमपुर खीरी कांड भी याद कराया, जहां केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा ने प्रदर्शनकारी किसानों को कथित तौर पर अपनी कार से रौंद दिया था.
बता दें कि नफरत फैलाने वाले भाषण मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद आजम खान द्वारा खाली की गई विधानसभा सीट रामपुर में 5 दिसंबर को मतदान होगा.
यादव के बयान खान पर दर्ज मामलों के संदर्भ में हैं, जो भाजपा के सत्ता में आने के बाद दर्ज किए गए थे. उनके खिलाफ 87 मामले दर्ज किए गए हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)